पहली बार सजा सुनेंगे अतीक और अशरफ
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लोग किए गए थे नामजद। अतीक का नाम भी था
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अभियुक्तों के नाम दौरान विवेचना प्रकाश में आए
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अभियुक्तों के खिलाफ पुलिस ने दाखिल की है कोर्ट में चार्जशीट
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अभियुक्त अंसार बाबा की हो चुकी है मौत
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गवाह आरोपित पक्ष की तरफ से कोर्ट में पेश कराए गए
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ने उमेश पाल की तरफ से कोर्ट में गवाही दी है
राजू पाल हत्याकांड में गवाही रोकने के लिए किया गया था उमेश पाल का अपहरण
बयान न बदलने पर अतीक ने दी थी बोटी-बोटी काट कर कुत्तों को खिला देने की धमकी
धाराएं तो ऐसी लगी हैं कि कोर्ट सजा-ए-मौत का फैसला भी दे सकती है। लेकिन, कोर्ट का फैसला क्या होगा? मंगलवार को दोपहर में पता चल जाएगा। इसके पहले ही सभी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। साबरमती जेल से अतीक अहमद और बरेली जेल से अशरफ को लेकर पुलिस टीमें सोमवार की शाम प्रयागराज पहुंच गयी। मंगलवार के लिए कचहरी के आसपास की व्यवस्था तगड़ी कर दी गयी है। अफसरों की तरफ से जिम्मेदारी बांट दी गयी है। अब सभी को उस पल का इंतजार है जब एमपी एमएलए कोर्ट के जज उमेश पाल अपहरण कांड पर अपना फैसला सुनाएंगे। फैसले के इंतजार में रात काटना अतीक और अशरफ के लिए मुश्किल होगी। इसलिए भी क्योंकि, यह पहला मौका है जब उन्हें सजा सुनाए जाने की संभावना है। पहली बार पूरा ट्रायल अतीक एंड कंपनी की मर्जी से थोड़ा इतर कम्प्लीट हो गया है। वह भी इसलिए क्योंकि हाई कोर्ट इसकी निगरानी कर रहा था।
रात भर चकिया कार्यालय में रखा था बंद
यह मुकदमा 28 फरवरी 2006 की दोपहर करीब तीन बजे सुलेम सराय फांसी इमली के पास हुई घटना के बेस पर दर्ज किया गया था। उमेश की तरफ से दर्ज करायी गयी रिपोर्ट में आरोप लगाया गया था कि अतीक अहमद की लैण्ड क्रूजर गाड़ी ने उसका रास्ता रोक लिया। उस वक्त उमेश बाइक से शहर की ओर जा रहा था। रोकने के बाद गाड़ी के पीछे चल रही एक दूसरी कार से दिनेश पासी, अंसार बाबा और एक आदमी नीचे उतरा। कार से उतरते ही तीनों ने उमेश को पिस्तौल सटाकर लैंड क्रूजर गाड़ी के भीतर खींच लिया। गाड़ी में उन लोगों के अतिरिक्त सांसद अतीक अहमद और तीन अन्य लोग राइफल लेकर बैठे थे। उमेश की तत्कालीन सीएम को भेजी गयी चिट्ठी के अनुसार उन तीनों का नाम तो नहीं जानता पर देखने से उन्हें पहचान लेगा। गाड़ी वहां से निकलकर सीधे अतीक के चकिया स्थित कार्यालय में पहुंची। उमेश की बाइक लेकर एक दूसरा शख्स चकिया पहुंचा था। उमेश की शिकायत पर रिपोर्ट दर्ज नहीं हुई तो उसने तत्कालीन सीएम को पत्र लिखा था। सीएम को भेजे गये पत्र में उसने पूरी व्यथा लिखी थी। बताया था कि वह बसपा का सक्रिय कार्यकर्ता और जिला पंचायत सदस्य है। वह 25 जनवरी 2005 को शहर पश्चिमी के विधायक राजू पाल की हत्या सांसद अतीक अहमद व उसके भाई अशरफ के द्वारा कर दिये जाने के मामले में चश्मदीद गवाह है। हत्या के बाद आरोपित सांसद अतीक अहमद व उसके भाई अशरफ के द्वारा धमकियां दी जा रही है। इसके बाद उसे अपहृत कर लिया गया और टॉर्चर करके गवाही न देने को मजबूर किया गया।
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दिया गया था करंट का झटका
उमेश की चिट्ठी के अनुसार अपहरण के बाद उसे अतीक के चकिया स्थित कार्यालय ले जाया गया। यहां गालियां देते हुए जमकर पीटा गया।
माफी मांगने के बाद भी उस पर किसी ने तरस नहीं खाया। न किसी के जेहन की इंसानियत जागी और न ही रहम पैदा हुआ।
पिटाई से जी नहीं भरा तो करंट के झटके दिये गये। धमकी दी गई कि राजू पाल हत्याकांड में बयान नहीं बदला तो उसके साथ पूरे परिवार को जान से मार दिया जायेगा।
उमेश का आरोप था कि अतीक ने अपने वकील खान सौकत हनीफ से एक पर्चा लेकर उसे दिया।
कहाकि, इसे पढ़कर रट लो। कल अदालत में यही बयान देना है। नहीं तो तुम्हारी बोटी-बोटी काटकर कुत्तों को खिला दूंगा।
अतीक ने अपने आदमी भेजकर उमेश के घरवालों को उसी रात धमकाया था कि तुम लोग थाना पुलिस टेलीफोन तार न करना
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ऐसे आरोपित दिलाए थे झूठा बयान
गवाह उमेश पाल ने यह भी आरोप लगाया था कि कार्यालय के रूम में वह रात भर बंद रहा। सुबह करीब दस बजे अतीक अहमद व उसके साथी गाड़ी में बैठाकर ले गए। कहे कि रात में जो पर्चा लिया था वही बयान देना नहीं तो लौटकर घर नहीं जाओगे। उमेश ने इनके आतंक तथा परिवार की सलामती के लिए अदालत में वही कहा जो आरोपित चाहते थे। इसके पूर्व वह उच्च न्यायालय में सुरक्षा के लिए रिट किया। सुरक्षा समिति ने खतरे को देखते हुए सौ प्रतिशत भुगतान पर गार्ड देने की बात कही क्योंकि आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं थी कि वह पैसे का भुगतान कर सकता। उमेश ने कहा था कि उसे मालूम चला है कि आरोपित और लोगों से भी अदालत में झूठा बयान दिलवाया है। मुख्यमंत्री को लिखे गए पत्र में उसने कहा था कि मेरे द्वारा अदालत में दिए गए झूठे बयान को असत्य समझा जाय था उसकी व उसके परिवार की सुरक्षा सुनिश्चित की जाय। साथ रिपोर्ट दर्ज करके कार्रवाई की जाय।
आठ को भेजी थी उमेश ने चिट्ठी
विधायक राजू पाल हत्या कांड के गवाह उमेश पाल ने खुद के अपहरण व धमकी से सम्बंधित सीएम को भेजे गए लेटर की प्रतिलिपि राज्यपाल उत्तर प्रदेश, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग अध्यक्ष फरीद कोर्ट हाउस नई दिल्ली, मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश सरकार, पुलिस महानिदेशक उत्तरप्रदेश, पुलिस महानिरीक्षक इलाहाबाद जोन, स्थानीय पुलिस उप महानिरीक्षक इलाहाबाद जोन, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक इलाहाबाद और पुलिस अधीक्षक इलाहाबाद शामिल थे। बाक्स
विचाराधीन केस एमपीएमएलए कोर्ट
मुकदमा सरकार बनाम अतीक अहमद आदि
धारा 147, 148, 149, 364-ए, 341, 342, 504, 506, 120बी आईपीसी व 7 सीएलए एक्ट
थाना धूमनगंज प्रयागराज
अपराध संख्या 270/07
घटना का दिनांक 28 फरवरी 2006
घटना टाइम दोपहर बाद करीब तीन बजे
घटनास्थल फांसी इमली के पास सुलेम सराय धूमनगंज
घटना की सूचना 05/07/2007
अपहृत वादी उमेश पाल सदस्य जिला पंचायत
निवासी 245/210 जयंतीपुर सुलेमसराय थाना धूमनगंज
प्रकरण विधायक राजू पाल हत्याकांड में झूठी गवाही दिलाने व बयान बदलवाने के लिए अपहरण
आरोपित माफिया अतीक अहमद समेत कुल 11 लोग, एक की हो चुकी है मौत शेष हैं दस
इनके गुनाहों का आज होगा हिसाब
आरोपित मुकदमा में
अतीक अहमद नामजद
अतीक का भाई अशरफ नामजद
दिनेश पासी नामजद
अंसार बाबा नामजद
शौकत हनीफ नामजद
जावेद उर्फ बज्जू प्रकाश में आया
एजाज अख्तर प्रकाश में आया
फरहान प्रकाश में आया
आबिद प्रकाश में आया
इशरार प्रकाश में आया
अंसार बाबा प्रकाश में आया विधायक राजू पाल मर्डर केस के गवाह उमेश पाल अपहरण में 28 मार्च को एमपीएमएलए कोर्ट के द्वारा फैसला सुनाया जाना है। प्रकरण में दोनों पक्षों की बहस पूरी हो चुकी है। फैसला वाले दिन कचहरी में सुरक्षा के लिए मेरे द्वारा पत्र पुलिस कमिश्नर को लिखा गया है।
गुलाबचंद्र अग्रहरि
जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी