अतीक की पत्नी बसपा की मेयर प्रत्याशी घोषित
प्रयागराज ब्यूरो । शाइस्ता परवीन ने कहा मेरे शौहर ने हमेशा दलित समाज की इज्जत की है। वह बसपा को बहुत पसंद करते रहे हैं। बसपा में आने में इतना वक्त इसलिए लग गया क्योंकि नसीमुद्दीन सिद्दीकी जैसे लोग सबको मायावती से दूर ही रखते थे। शाइस्ता ने कहा कि एक बार मुझे मेयर बना दीजिए, आपकी एक आवाज पर मैं खड़ी नजर आऊंगी। पूर्व सांसद घनश्याम चंद्र खरवार ने अतीक की पत्नी को बसपा में शामिल कराने और मेयर का प्रत्याशी बनाने का ऐलान किया। घनश्याम खरवार के अलावा राजू गौतम, अमरेंद्र बहादुर भारतीय, जगन्नाथ पाल आदि ने गुलदस्ता देकर शाइस्ता का स्वागत किया।
मजबूरी में लोग दे रहे सपा का साथ
पूर्व सांसद घनश्याम खरवार ने कहा कि प्रयागराज से बसपा का मेयर जिताकर देश को संदेश दें। राजू गौतम ने कहा कि यह संविधान बचाने की लड़ाई है। भाजपा सर्व समाज को फिर से गुलाम बनाने की कोशिश में है। अमरेंद्र भारतीय ने कहा कि देश में इस वक्त हिटलर जैसा शासन चल रहा है। ऐसी सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए तैयार रहें। वहीं शाइस्ता परवीन ने कहा कि प्रदेश में मुसलमानों की स्थिति बेहद खराब हो गई है। दलितों और मुसलमानों को एकजुट होना होगा और बहन मायावती को सीएम बनाना होगा। कहा कि मुसलमानों का भी नशा उतर चुका है और वह रास्ता ढूंढ रहा है। मुसलमान मजबूरी में समाजवादी पार्टी के साथ लगा है।
यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कार्यशैली की तारीफ करने के बाद माफिया अतीक अहमद और उनकी पत्नी शाइस्ता परवीन को जब कोई राहत नहीं मिली तो उन्होंने मायावती की शरण में जाने का निर्णय लिया है। वहीं भजपा विधायक सिद्धार्थ नाथ सिंह ने भी निशाने साधते हुये कहा था कि अतीक और उनकी पत्नी योगी जी की जितनी भी तारीफ कर लें राहत व छूट नहीं मिलेगी। योगी का बुलडोजर चलता रहेगा। रास नहीं आया ओवैसी का साथ
अतीक अहमद का परिवार अभी तक ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम के साथ था। विधानसभा चुनाव में अतीक अहमद ने अहमदाबाद जेल में बंद रहते हुए ओवैसी की पार्टी का समर्थन किया था। विधानसभा चुनाव में शाइस्ता के प्रयागराज की शहर दक्षिणी सीट से औवेसी की पार्टी से चुनाव लडऩे की घोषणा भी की थी पर अंत में उन्होंने समाजवादी पार्टी की उम्मीदवार ऋचा सिंह को अपना समर्थन दे दिया था।