जल्द ही डेंगू का जिले में ग्राफ कम होने जा रहा है. दरअसल तापमान कम होने पर डेंगू मच्छर सर्वाइव नहीं कर पाता. ऐसे में धीरे-धीरे पर संक्रमण पर लगाम लगने लगती है. वर्तमान में जिस तरह से तापमान कम हो रहा है वह लोगों के लिए राहत का संकेत है. इस समय न्यूनतम तापमान 15 डिग्री तक पहुंच रहा है और यही कारण है कि डेंगू के केसेज की संख्या कम हो रही है.


प्रयागराज (ब्‍यूरो)। एक्सपट्र्स की माने तो 18 डिग्री से कम तापमान पर एडीज इजिप्टी मच्छर का दम घुटने लगता है। वह इस वातावरण में सर्वाइव नही कर पाता। ऐसे में वायरस एक से दूसरी जगह नही जा पाता और डेंगू का प्रकोप खत्म हो जाता है। वह बताते हैं कि डेंगू के मच्छर को पनपने के लिए 24 से 28 डिग्री सेल्सियस तापमान तथा 80 फीसदी से ज्यादा ह्यूमिडिटी की जरूरत है। बारिश के बाद तापमान में गिरावट के बाद डेंगू मच्छर की जिंदगी की उल्टी गिनती शुरू हो जाती है। इस दौरान डेंगू का मच्छर खुले की बजाय घरों के कमरों में पनपने लगता है। 18 डिग्री सेल्सियस से कम तापमान होने पर अंडे से लेकर डेंगू मच्छर बनने की समय अवधि 7 से बढ़कर 14 दिन तक पहुंच जाती है। इसके बाद उसका वार करने की क्षमता तकरीबन खत्म हो जाती है। ठंड की वजह से मच्छर के पंख भारी पडऩे की वजह से उड़ान भी कम भरता है और एक ही जगह रहने से खत्म हो जाता है।इस पर भी दीजिए ध्यान- सिर्फ मादा मच्छर खून चूसती है। - एक बार डंक मारने पर 0.001 से 0.1 एमएल खून चूस लेती है। - मादा मच्छर पूरे जीवन काल में 500 अंडे देती है।
- मच्छरों की 3500 के करीब प्रजातियां है। - 18 डिग्री सेल्सियस से तापमान नीचे जाने के बाद डेंगू मच्छर के पनपने का सिलसिला थम जाता है। 17 नए मरीजों ने दी दस्तकउधर डेंगू के मरीजों की संख्या दिनोंदिन कम हो रही है। रविवार को महज 17 केस सामने आए। यह मामले धूमनगंज, सलोरी, कीडगंज, तेलियरगंज, मुंडेरा, राजरूपपुर, झूंसी, राजापुर, गोविंदपुर, छोटा बघाड़ा, एलेनगंज, कौंधियारा और मेजा एरिया से मिले हैं। अब तक जिले में डेंगू केसेज की संख्या 926 हो चुकी है और अर्बन में 671 मामले हो चुके हैं। रूरल में 255 मामले सामने आ चुके हैं।जैसे-जैसे ठंड बढ़ेगी डेंगू के मामले कम होते जाएंगे। इसकी शुरुआत हो गई है। गंभीर मामले भी कम हो रहे हैं। आने वाले समय में लोगों को इस बीमारी से पूरी तरह से निजात मिल जाएगी।आनंद सिंह, जिला मलेरिया अधिकारी प्रयागराज

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