माघ मेला की तैयारी में बकाया बना रोड़ा
प्रयागराज ब्यूरो । पिछले वर्ष माघ मेला किसी सूरत बसा कर सम्पन्न करा लिया गया था। ठेकेदार बताते हैं कि 2021 में माघ मेला के लिए पीडब्लूडी द्वारा शासन से करीब 924 लाख रुपये का स्टीमेट भेजा गया था। इसमें से करीब 30 से 40 प्रतिशत का ही बजट सरकार द्वारा विभाग को दिया गया। मेला प्रशासन व पीडब्लूडी बजट आने पर बाद में सारा पेमेंट करने का आश्वासन ठेकेदारों को देते रहे। इसी आश्वासन की वजह से ठेकेदार अपने जेब का पैसा लगाकर पांटूनपुल आदि बनाने का काम करा दिए। मेला सकुशल सम्पन्न होने के बाद विभाग बकाए पेमेंट का भुगतान कराने में अब तक नाकाम रहा। भुगतान को लेकर ठेकेदार बीच बीच प्रेशर बनाए तो तो डिमांड लेटर शासन को भेज कर शांत करा दिया गया। पीडब्लूडी से जुड़े सूत्र कहते हैं कि इस बार पिछले वर्ष से ज्यादा करीब दस करोड़ 22 लाख रुपये की प्रस्ताव मेला के लिए शासन को भेजा गया। अब कितना बजट स्वीकृत हुआ यह विभागीय जिम्मेदार बताने से कतरा रहे हैं।
करा लिए काम तो भूल गए दाम
पिछले वर्ष माघ मेला में काम करने वाले पीडब्लूडी के ठेकेदारों का पेमेंट आज तक पूरा नहीं हुआ। इस साल का मेला शुरू होने में डेढ़ दो महीने ही शेष हैं। काम कराने के लिए यह वक्त पर्याप्त है, मगर जब समय से काम शुरू हो जाय तब। खैर इस मर्तबा ठेकेदार विभाग की वादा खिलाफी और बकाए का भुगतान नहीं होने से खफा हैं। वह बगैर पिछला पूरा भुगतान हुए मेला के कार्यों का टेंडर लेने को तैयार नहीं हैं। यही कारण है कि मेला बसाने के लिए पीडब्लूडी द्वारा दो बार निकाले गए टेंडर को ठेकेदारों ने भरा ही नहीं। ऐसी स्थिति में दोनों बार निकाले गए टेंडर बेकार गए। अब तीसरी बार पीडब्लूडी टेंडर निकालने की प्लानिंग में है। इस बार भी ठेकेदार टेंडर भरेंगे ही यह बहुत भरोसे के साथ नहीं कहा जा सकता। क्योंकि ठेकेदार कल्याण समिति के बैनर तले एकजुट ठेकेदार पिछला भुगतान करने पर ही इस बार काम कराने की जिद पर हैं।
फिर श्रद्धालुओं को होगी बड़ी समस्या
ठेकेदार इसी तरह भुगतान को लेकर जिद पर अड़े रहे तो समय से माघ मेला का काम पूरा हो पाना संभव नहीं होगा।
ऐसा खामियाजा माघ मेला के स्नान पर्वों पर आने वाले श्रद्धालुओं को भगतना पड़ेगा। क्योंकि माघ का स्नान तो अपने समय और डेट पर ही होगा।
जबकि मेला में पांटून पुल व चकर प्लेट एवं घाट आदि समय से तभी बनेंगे ठेकेदार वक्त पर काम शुरू करा देंगे।
जाहिर है जब काम देर से शुरू होंगे तो खत्म भी देर से ही होंगे। काम देर से खत्म होंगे और श्रद्धालु समय पर मेला क्षेत्र में आएंगे।
यही वह कारण है कि जिससे लोग श्रद्धालुओं की समस्या को लेकर चिंता व्यक्त कर रहे हैं।
ठेकेदार काम कराने में पीछे नहीं हटते। बशर्ते उन्हें कराए गए कार्यों का भुगतान कराया जाय। पिछले वर्ष का ही नहीं, उससे भी पहले के भुगतान तमाम ठेकेदारों के फंसे हुए हैं। विभाग पिछले काम का पूरा पेमेंट कर दे। ठेकेदार काम शुरू कर देंगे।
रामयतन शुक्ल, महामंत्री ठेकेदार कल्याण समिति पीडब्लूडी ठेकेदारों की बात शासन तक पहुंचाई गई है। शीर्ष अफसरों से हुई वार्ता में उनके पिछले भुगतान को जल्द किए जाने की बात कही गई है। पैसा आते ही भुगतान कर दिया जाएगा। इस बार होने वाले वर्क के लिए की गई डिमांड की प्रथम किस्त आ गई है। हालांकि अभी विभाग को नहीं मिला है। दो बार टेंडर निकाले गए थे ठेकेदार लिए ही नहीं। तीसरी बार फिर टेंडर निकालने जा रहे हैं।
राम स्वरूप, अधिशासी अभियंता पीडब्लूडी-सीडी-4