कोरोना काल में हुए नुकसान की भरपाई के लिए व्यापारियों की 'सीता' से अरज, दूर करें हमारी परेशानी
- आम बजट में अपने लिए अलग से पैकेज मांग रहे हैं व्यापारी
- सस्ती दर और कम शर्तो पर दिया जाए लोन देश की इकानमी में अहम योगदान देने वाले व्यापारी खुश नहीं हैं। कोरोना काल ने उनकी कमर तोड़ दी और अब वह सरकार से अलग से पैकेज की मांग कर रहे हैं। कह रहे हैं कि व्यापारियों को दोबारा पटरी पर आने के लिए आर्थिक सहायता की जरूरत है। पहले तो जीएसटी का सरलीकरण किया जाए और इसके बाद कम दरों और शर्तो पर लोन दिया जाए। यह बात व्यापारियों ने दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की आम बजट के पूर्व आयोजित परिचर्चा में रखी। इस दौरान अखिल भारतीय उद्योग व्यापार मंडल, प्रयाग केमिस्ट एसोसिएशन, सिविल लाइंस उद्योग व्यापार मंडल, इलाहाबाद कम्प्यूटर डीलर वेलफेयर एसोसिएशन, युवा उद्योग व्यापार मंडल के पदाधिकारी उपस्थित रहे। इन उद्योगों को चाहिए सरकारी मददकोरोना काल के दौरान सबसे ज्यादा होटल, ट्रेवल, रेस्टोरेंट, गेस्ट हाउस व्यापारी परेशान रहे। उनका बिजनेस पूरी तरह से ठप पड़ा रहा। यहां तक कि अभी तक यह लोग इस झटके से बाहर नहीं आ पाए हैं। इसके अलावा अन्य व्यापारियों का बिजनेस भी लंबे समय तक ठप पड़ा रहा। अब इनका कहना है कि बजट में सरकार हमारे लिए अलग से पैकेज की घोषणा करे। जिसके जरिए व्यापारी दोबारा अपने बिजनेस में नई जान डाल सकें।
जीएसटी में सरलीकरण की दरकार व्यापारी वर्ग सबसे ज्यादा जीएसटी से परेशान है। रोजाना आने वाले नए नियमों ने उनको मानसिक और आर्थिक रूप से परेशान कर रखा है। उनका कहना है कि 2017 में लागू हुए जीएसटी में अब तक एक हजार बदलाव हो चुके हैं और अब यह अपने मूल स्वरूप को भूल चुका है। ऐसे में सरकार को अगर देश की आर्थिक हालत में सुधार करना है तो सबसे पहले जीएसटी का सरलीकरण करना होगा। एजूकेशन सेक्टर में मुश्किल है व्यापार वैसे तो सरकार जीएसटी को पूरी तरह से ड्यू बेसिस पर चला रही है। व्यापारियों का कहना है कि हमसे सरकार जीएसटी पहले लेती है और भुगतान बाद में करती है। एजूकेशन सेक्टर में बिजनेस करना बेहद मुश्किल है। व्यापारियों को 18 फीसदी जीएसटी पर खरीदना होता है और पांच फीसदी पर बिलिंग करनी होती है। बाकी बचे 13 फीसदी का भुगतान गवर्नमेंट की ओर से नहीं किया जाता। इससे व्यापारियों को नुकसान का सामना करना पड़ता है। व्यापारियों की बजट में मांग- स्वास्थ्य पर बजट कुल जीडीपी का एक फीसदी है। सरकार को इसे बढ़ा देना चाहिए जिससे कोरोना जैसी महामारी होने पर मरीजों को बेहतर चिकित्सा सुविधा मिल सके।
- पेट्रोल-डीजल का रेट कम करने से महंगाई पर कई गुना कमी आएगी। - ऑनलाइन शापिंग पर कड़े नियम लागू करें और व्यापारियों साथ समानता का व्यवहार किया जाए। - बैंको द्वारा मिलने वाले लोन का ब्याज कम किया जाए। - हेल्थ इंश्योरेंस से टैक्स छूट में मिलने वाली लिमिट को बढ़ाकर ढाई लाख किया जाना चाहिए। - साप्ताहिक बंदी का नियम सभी पर बराबर से लागू हो। - सरकार जीएसटी पंजीकृत व्यापारियों को दस लाख तक का लोन सस्ती दर और कम शर्तो पर दे। - व्यापारियों को आयुष्मान योजना के अंतर्गत शामिल किया जाना चाहिए। - हेल्थ इंश्योरेंस को सभी के लिए कम्पल्सरी कर दिया जाना चाहिए। - निम्न आय वाले व्यापारियों की कैटेगरी को अलग कर दिया जाए। जिससे उनका सरकार से बीमा का लाभ मिल सके। सौरभ गुप्ता, अध्यक्ष, इलाहाबाद कम्प्यूटर डीलर वेलफेयर एसोसिएशन - ऑडिट की सीमा को बढ़ाकर दस करोड़ कर दिया जाना चाहिए। इससे व्यापारियों को फायदा मिलेगा और वह आसानी से अपना व्यापार कर सकेंगे। अविनाश, सचिव, इलाहाबाद कम्प्यूटर डीलर वेलफेयर एसोसिएशन सरकार बिजनेस में केवल व्यापारी को जीएसटी का लाभ देती है। जबकि साझीदार फर्मो में सभी को छूट दी जानी चाहिए।महेंद्र गोयल, प्रदेश अध्यक्ष, कैट
बहुत से लोग पैसा नहीं होने से गंभीर बीमारियों का इलाज नहीं करा पाते, इसलिए देश में हेल्थ इंश्योरेंस को कम्पल्सरी कर दिया जाना चाहिए। लालू मित्तल, महानगर अध्यक्ष, अखिल भारतीय उद्योग व्यापार मंडल जीएसटी की स्लैब कम होनी चाहिए। ताकि व्यापारियों को आराम मिल सके। वर्तमान में 28 फीसदी तक टैक्स लग रहा है जो काफी ज्यादा है। रमेश केसरवानी, जिलाध्यक्ष, अखिल भारतीय उद्योग व्यापार मंडल सरकार को आम बजट में व्यापारियों के वेलफेयर पर अधिक ध्यान देना चाहिए। अगर व्यापारी नुकसान में रहेगा तो देश की इकानमी बूस्ट नहीं होगी। सैफ अहमद, महामंत्री, युवा उद्योग व्यापार मंडल ऑनलाइन बिजनेस पर सरकार को लगाम लगानी चाहिए। इससे हमारी पारंपरिक मार्केट खत्म हो रही है .दोनों के साथ एक जैसा व्यवहार हो। अनिल गुप्ता, कोषाध्यक्ष, सिविल लाइंस उद्योग व्यापार मंडल खानपान की चीजों का मानक तय होना चाहिए। किसी भी चीज का दाम उसकी क्वालिटी से तय हो। फल, सब्जी आदि के दाम कम होने चाहिए। नीरज जायसवाल, अध्यक्ष, सिविल लाइंस उद्योग व्यापार मंडल सरकार तमाम चीजों में सब्सिडी देने में देर करती है। इसकी वजह से जनता परेशान होती है। हाउस होल्ड चीजों के दाम कम होने चाहिए।अवंतिका टंडन, महानगर उपाध्यक्ष, अखिल भारतीय उद्योग व्यापार मंडल
महंगाई का असली कारण ट्रांसपोर्टेशन का अधिक होना है। सरकार पेट्रोल-डीजल के दाम कम कर दे तो महंगाई पर लगाम लग जाएगी। विक्की टंडन, टंडन स्टूडियो कुछ बिजनेस ऐसे हैं जिसमे कोरोना काल में काफी नुकसान हुआ। सरकार को इनके बारे में भी सोचना चाहिए। व्यापारियों के लिए बीता साल अच्छा नहीं रहा। रजनीश पासी, अश्विनी इंडेन गैस सर्विस कोरोना काल में व्यापारियों को बहुत नुकसान हुआ है। सरकार को व्यापारियों को सस्ते दर पर लोन अवलेबल कराना चाहिए, ताकि वह अपना बिजनेस फिर से बढ़ा सके। शबाब अली मंत्री भाजपा अल्पसंख्यक महानगर, प्रयागराज