अटाला में बवाल और आगजनी व तोडफ़ोड़ एवं पथराव करने वाला हर शख्स नकाब और मास्क में था. क्राइम एक्सपर्ट की मानें तो यदि अचानक बगैर प्लान के पथराव शुरू हुआ तो सभी पत्थरबाज एक साथ नकाब में नहीं होते. पथराव के वक्त सभी नकाब में हों इसके लिए हर किसी को मास्क व गमछा खरीद कर साजिश रचने वाला शातिर मास्टर माइंड ही उपलब्ध कराया रहा होगा. पत्थरबाजी और बवाल व आगजनी करने वाले युवाओं की उम्र को देखा जाय तो एक स्टूडेंट की है. कोई भी अभिभावक अपने बच्चे को इतनी बड़ी घटना में जाने की इजाजत नहीं देगा. इन तमाम बातों को ध्यान में रहते ही एक्सपर्ट व कुछ लोगों का मानना है कि यह पत्थर बाज मदरसों में पढऩे वाले बच्चे भी हो सकते हैं.पथराव करने वाले ज्यादातर 15 वर्ष के आस पास लेकर 20 वर्ष के करीब ही थे. पत्थरबाजों की यह उम्र स्कूलों व मदरसों में तालीम हासिल करने वाली ही है. गिने चुने लोग ऐसे रहे जिनकी उम्र 30 वर्ष के आसपास दिखाई दी. देर रात पुलिस इन तमाम बातों को भी अपने जांच में शामिल कर रही है.


प्रयागराज (ब्यूरो)। शहर से लेकर गांव तक शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस और प्रशासन के लोग पूरी शिद्दत से प्लान पर काम कर रहे थे। शाम होते ही पैदल गश्त और मार्केट एरिया में कदम ताल और मुस्लिम धर्म गुरुओं संग की गई बैठक इसी प्रयास व और प्लान का हिस्सा था। खैर, कोशिश अच्छी थी, अफसरों के मुताबिक धर्म गुरुओं ने पूरा सहयोग व सपोर्ट का भरोसा दिलाया था। अपनी पूरी तैयारी को लेकर पुलिस व प्रशासनिक अफसरों का कांफिडेंस ओवर हो गया। कहा जा रहा है कि ओवर कांफिडेंस में पुलिस इंटेलीजेंस भी निश्चिंत हो गई थी। अफसरों के कांफिडेंस को देखते हुए पूरा सिस्टम ओवर कांफिडेंस में आ गया। कहा जा रहा कि पुलिस का यही ओवर कांफिडेंस इस घटना के पीछे की वजह है।

Posted By: Inextlive