'क्या शहर में सामुदायिक व सार्वजनिक शौचालय स्वछ और अच्छे रखे गए हैं
प्रयागराज (ब्यूरो)।'क्या शहर में सामुदायिक व सार्वजनिक शौचालय स्वछ और अच्छे रखे गए हैंÓ। यह यक्ष प्रश्न जैसा सवाल है। इस पर रिस्पांस करने का मौका आपके पास है 15 अगस्त तक। जितना ज्यादा और अच्छा रिस्पांस, उतनी ही बेहतर होगी अपने शहर की स्वच्छता रैकिंग। हो सकता है कि आपको सामुदायिक शौचालयों में तमाम कमियां दिखायी देती हों। संभव हो कि जब आप इसका इस्तेमाल करने पहुंचे हों तभी ऐसा मिला है। फिर भी यह ध्यान जरूर दें कि मामला अपने शहर और जिले का है। आपका रिस्पांस जिम्मेदारों को अॅवेयर करेगा कि उन्हें करना क्या है? व्यवस्था सुधारने का मौका मिलेगा लेकिन रिस्पांस न करने का बुरा प्रभाव पडऩा ही है। अच्छे काम को भी बुरा मान लिया जायेगा।
2475
अंक सिटिजंस के आंसर पर मिलेंगे
5000
से ज्यादा लोगों ने किया है अब तक रिस्पांस
2500
अंक सर्टिफिकेशन के लिए हैं निर्धारित
4525
अंक सर्विस परफार्मेंस पर है निर्धारित
स्वच्छ नहीं हैं शौचालय
आपको अपना रिस्पांस हां या फिर ना में ही सब्मिट करना है। यह सवाल स्वच्छता सर्वेक्षण के प्रश्नों में छठे नंबर पर है। इस प्वाइंट को लेकर पब्लिक कितनी अॅवेयर है, दैनिक जागरण आई नेक्स्ट रिपोर्टर यही जानने निकल पड़ा। सवाल था कि क्या आपको स्वच्छता सर्वेक्षण के बारे में पता है? संयोग से रिपोर्टर जहां पहुंचा वहां के ज्यादातर लोगों से उत्तर मिला हमें ऐसी कोई जानकारी नहीं है। सर्वेक्षण में पूछे गए प्रश्न पर आंसर करने को कहा गया तो जवाब मिला जो सही है वही तो बताएंगे। शहर में कहीं पर शौचालय की सफाई ऐसी है जिसे देखकर प्रश्न के उत्तर हां में दिए जाय। इस शहर में सार्वजनिक व सुलभ शौचालयों में सफाई की व्यवस्था बदतर है। यूरिनल पॉट तक कभी भी ठीक से साफ नहीं होता। अधिकांश स्थानों पर यहां इतनी दुर्गंध उठती है कि दो तीन सेकंड भी खड़ा होना मुश्किल होता है।
पांच हजार लो दे चुके हैं रेटिंग
स्वच्छता सर्वेक्षण में पूछे गए नौ सवालों पर जिले के पांच हजार लोग अब तक अपना व्यू रिकॉर्ड करा चुके हैं। सिटिजन ओपीनियन में जवाब देने वाले इन लोगों ने उत्तर हां में दिया है या नहीं में यह रिपोर्ट फाइनल होने के बाद पता चलेगा। वैसे स्वच्छता सर्वेक्षण में जिले के लोगों द्वारा प्रतिभाग की गति काफी धीमी है। हालात यही रहे तो सिटिजल व्यूज की संख्या लाख दो लाख भी पहुंचना मुश्किल हो जाएगा।
सार्वजनिक शौचालय में सफाई की व्यवस्था ठीक बिल्कुल ठीक नहीं है। अपवाद के रूप में कहीं पर एक दो शौचालय में सफाई बेहतर हो तो नहीं कह सकते। स्वच्छता सर्वेक्षण में यदि शौचालय की स्वच्छता पर सवाल पूछे गए हैं तो शायद ही कोई उत्तर हां में दे।
अंकज अग्रहरि, अधिवक्ता
सोमेंद्र शुक्ला, व्यापारी म्योहाल चौराहे का शौचालय कुछ हद तक ठीक है। बाकी तो हमें नहीं लगता कि कहीं स्वच्छता की बात करना सही होगा। जिस तरह से स्मार्ट सिटी के नाम पर पैसे बहाए जा रहे हैं उस लिहाज से शौचालयों की कंडीशन ठीक नहीं है।
दीपक यादव, अधिवक्ता मैं सलोरी एरिया में रहता हूं और मेरे क्षेत्र में जितने भी सार्वजनिक शौचालय बने हैं वह सभी काफी गंदे हैं। इस तरफ नगर निगम के लोग बिल्कुल ध्यान नहीं देते। ठेका लेने वाले भी सिर्फ पैसा वसूलना जानते हैं। सफाई बिल्कुल नहीं रखते।
उमाकांत, विधि छात्र