इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के पुरा छात्र हैं अंकित12 राज्यों के शोधार्थियों के बीच मारी बाजी

प्रयागराज (ब्‍यूरो)। इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के पुराछात्र अंकित द्विवेदी को अवधेश प्रसाद सिंह विश्वविद्यालय, रीवा, मध्यप्रदेश में आयोजित व भारतीय दार्शनिक अनुसंधान परिषद्, नई दिल्ली द्वारा प्रायोजित दर्शन परिषद् मध्य प्रदेश व छत्तीसगढ के 20वें वार्षिक राष्ट्रीय अधिवेशन में पंडित रामविलास मिश्र युवा दार्शनिक पुरस्कार से सम्मानित किया गया। यह पुरस्कार सर्वश्रेष्ठ शोधपत्र प्रस्तुत करने के लिए प्रतिवर्ष दिया जाता है। इस वर्ष यह पुरस्कार अंकित द्विवेदी के शोधपत्र वैश्विक शान्ति में बौद्ध धर्म की भूमिका विषय को दिया गया।

एयू के प्रोफेसर से प्रेरित
बातचीत के क्रम में अंकित द्विवेदी ने बताया कि इस पुरस्कार के लिए 12 राज्यों के शोधछात्रों ने भागीदारी की थी लेकिन मूल्यांकन समीति के पहला नाम उनका चयन किया। विकसित भारत 2047 के संदर्भ में उन्होने बौद्ध विचार की उपादेयता पर अपनी विचार रखी और कहा कि बुद्ध दक्षिण पूर्व एशियाई देश ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में हमारे संबंध सकारात्मक स्थापित करने में मदद कर सकता है। अंकित ने यह भी कहा कि दर्शन का बीज इलाहाबाद विश्वविद्यालय के दर्शन विभाग और प्रो। ऋषिकांत पांडेय व अन्य की वजह से ही हो पाया है। चूँकि 12वीं के बाद पहली बार दर्शनशास्त्र विषय को इलाहाबाद विश्वविद्यालय में ही सुना देखा और अपने विषय संचयन में दो साल पढा भी।

एयू से किया बीए
बता दें कि अंकित ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से सत्र 2017-20 में कला स्नातक की उपाधि ली है व हिन्दू छात्रावास के अंतेवासी रहे है। वर्तमान में अंकित नव नालन्दा महाविहार (संस्कृति मंत्रालय) में बौद्ध अध्ययन विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ मुकेश कुमार वर्मा के मार्गदर्शन में शोध कर रहे है। इसके अतिरि1त अंकित ने दिल्ली विश्वविद्यालय व जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के छात्र भी रह चुके है। इस मौके पर अभाविप काशी प्रांत मीडिया संयोजक अभिनव मिश्र, वरिष्ठ छात्रनेता नीतेश भट्ट, अभिषेक द्विवेदी, एयू फैमिली के ऋतिक महरोत्रा सहित दर्जनों के अपनी खुशी जाहिर की है।

Posted By: Inextlive