कम टैक्स वसूली पर खफा, जानी निगम के कार्यो की हकीकत
- स्थानीय निकाय निदेशक शकुंतला सरोज ने नगर निगम में अधिकारियों संग की समीक्षा बैठक
-प्रधानमंत्री आवास योजना के कार्यो एवं लोन प्रक्रिया के बारे भी ली जानकारी उत्तर प्रदेश शासन से आयीं स्थानीय निकाय निदेशक शकुन्तला गौतम ने सोमवार को नगर निगम के कार्यो की हकीकत जानने के लिये नगर निगम मुख्यालय पहुंची। वहां उन्होंने करीब दो घंटे तक अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। इस दौरान कार्यो को पूरा करने का निर्देश दिया। साथ ही तीसरी पार्टी यानी अन्य विभागों के अधिकारियों से कार्यो को परखा। गृहकर मुद्दे पर की चर्चास्थानीय निकाय निदेशक ने गृहकर मुद्दे पर भी अधिकारियों से चर्चा की। कम टैक्स की वसूली पर उन्होंने नाराजगी जतायी और निर्देश दिया कि ज्यादा से ज्यादा टैक्स वसूला जाय। नगर आयुक्त रविरंजन, अपर नगर आयुक्त मुशीर अहमद, अमरेंद्र वर्मा, रत्नाप्रिया, मुख्य अभियंता सतीशचंद्र, मुख्यकर निर्धारण अधिकारी पीके मिश्रा आदि अधिकारियों ने नगर निगम द्वारा कराये जा रहे कार्यो के अलावा गृहकर, जलकर वसूली को लेकर जानकारी दी।
पात्र को आवास से न किया जाय वंचितनगर निगम निदेशक ने डूडा द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना में दिये गये आवासों के बारे में भी जानकारी हासिल की। बताया कि किसी भी पात्र को आवास से वंचित न किया जाय। साथ ही उन्होंने पीएम स्वनिधि योजना की भी हकीकत जानी। डूडा की परियाजना अधिकारी वíतका सिंह ने उन्हें सारी जानकारी से अवगत कराया। उन्होंने पूछा कि कितने लोगों को लोन दिया गया। कितनों को अभी नहीं मिला या फिर उन्हें क्या दिक्कत आ रही है। लोन प्रक्रिया को लेकर वह गंभीर दिखी और निर्देश दिया किया शत प्रतिशत लक्ष्य पूरा करना है, इसलिये इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जायेगी।
पेंशनभोगियों को बकाया देने का निर्देश पेंशनभोगियों की समस्याओं पर निदेशक ने कहा कि पेंशनभोगी हमारे अंग है। उन्हें बकाया धनराशि अभी तक क्यों नहीं दी गयी। अधिकारियों के जवाब से वह संतुष्ट नहीं दिखी और निर्देशित किया गया कि पेंशनभोगियों का बकाया जल्द से जल्द दिया जाय। पार्षदों ने जलकर एवं यूजर चार्ज का मुद्दा उठायासर्वदलीय पार्षद पूर्व पार्षद संघर्ष समिति नगरनिगम के तत्वावधान में पार्षदों एवं पूर्व पार्षदों के प्रतिनिधि मंडल ने स्थानीय निकाय निदेशक शकुन्तला गौतम को जलकर और यूजर चार्ज वसूले जाने के मुद्दे पर ज्ञापन सौपा। ज्ञापन के माध्यम से बताया कि जलकल विभाग द्वारा एक अप्रैल 2020 से 31 जुलाई 2020 तक वित्तीय वर्ष 2021 के समान वाटर टैक्स जमा कराने के उपरांत बैक डेट से 1994 के पहले के बनाये गये स्लैब रेट और वित्तीय वर्ष 2014 के नये मूल्यांकन के आधार पर जबरन विधि विरुद्ध वाटर टैक्स बढ़ा दिया गया। इसके अलावा अनावासीय सम्पति कर नियमावली 2013 और 2019 में आवश्यक संशोधन कर अल्प आय वाले छोटे-छोटे दुकानदारों से आवासीय दर से पांच गुना हाउस टैक्स और पांच गुना वाटर टैक्स में वृद्धि कर दी गई। पार्षदों एवं पूर्व पार्षदों ने मांग की कि 2014 के नये मूल्यांकन के आधार पर बढ़ाये गये वाटर टैक्स को समाप्त किया जाय और पांच गुना टैक्स के बजाया अधिकतम डेढ़ गुना किया जाय। साथ ही उन्होंने कूड़ा उठाने के लिये यूजर चार्ज हर वर्ष पांच गुना बढ़ाने के प्रस्ताव को निरस्त करने, नगर निगम में मोहल्लों को सेक्टरों में बांट कर मकानों के अनसीरियल नम्बरों को सीरियल में करने, नगर निगम में व्याप्त भ्रष्टाचार दूर करने आदि विषयों पर चर्चा की। निदेशक ने उंचित आवश्यक काररवाई करने का आश्वासन दिया है। इस मौके पर पूर्व वरिष्ठ पार्षद शिवसेवक सिंह, वरिष्ठ पार्षद कमलेश सिंह, अशोक सिंह आनंद घिल्डि़याल, सुशील कुमार आदि मौजूद रहे।