मां के आंचल से मासूम को खींच ले गई मौत
प्रयागराज ब्यूरो । चार साल की मासूम सौम्या यादव शुक्रवार रात मां से लिपट कर कमरे में सो रही थी। एक बच्ची के लिए भला मां के आंचल से महफूज जगह क्या हो सकती थी? मगर उसकी जान फिर भी नहीं बची। रात में उसकी मां ने परिजनों को बताया कि बेटी कमरे में बिस्तर पर नहीं है। यह सुनते ही दरवाजे पर सो रहा उसका पति और देवर आदि की नींद उड़ गई। फूल सी बेटी की तलाश में परिजन पूरा गांव छान मारे। कहीं कुछ पता नहीं चला तो जानकारी पुलिस को दिए। रात में खबर सुनते पुलिस मौके पर पहुंची और छानबीन शुरू कर दी। दरवाजे पर थोड़ी दूर स्थित कुएं में बालिका की तलाश शुरू की गई। इसी कुएं में उतराई हुई बालिका की बॉडी देखकर पुलिस सन्नाटे में आ गई। पूरा गांव मौके पर उमड़ पड़ा। बालिका की बॉडी कुएं से निकाल कर पुलिस पोस्टमार्टम हाउस भेज दी। पूछताछ में पुलिस को परिजनों ने बताया कि बालिका का पेट खराब था। उसे रात में कई बार शौचालय जाना पड़ रहा था। खैर, उसकी मौत हत्या है या हादसा? इस सवाल का जवाब देर रात तक किसी के पास नहीं था। घटना औद्योगिक थाना क्षेत्र के मवैया गांव की है।
बिजली कर्मी की थी इकलौती बेटी
यमुनानगर स्थित मवैया गांव निवासी संजय यादव संविदा पर बिजली विभाग में बतौर लाइन मैन तैनात है। परिवार में उसकी पत्नी ममता व इकलौती बेटी सौम्या थी। इसी साल पास के स्कूल में उसका एडमिशन केजी में कराया गया था। करीब दो तीन दिन पूर्व पति पत्नी के बीच किसी बात को लेकर कहा सुनी हुई थी। बताते हैं कि शुक्रवार सौम्या का पेट खराब हो गया। उसे दस्त हो रही थी। सोते-सोते उसकी मां बेटी को कई बाद शौचालय करवाया। रात में संजय कमरे के बाहर दरवाजे पर चारपाई डालकर सो गया। परिवार के अन्य सदस्य भी अपने-अपने कमरे में सोने चले गए। इस बीच ममता बेटी को एक और लैट्रिंग कराने के लिए उठी। सभी सो रहे थे। पूछताछ में पुलिस को मां ममता बताई कि रात में बेटी को शौचालय कराने के बाद वह उसे लेकर कमरे में सोने लिए चली गई। इस बीच वह बाहर की तरफ कमरे का खुलने वाला दरवाजे की कुंडी लगाना भूल गई और बेटी संग सो गई। रात करीब साढ़े तीन बजे उसकी आंख खुली तो बिस्तर पर बेटी नहीं थी। इस बात की जानकारी वे दरवाजे पर बाहर सो रहे पति को दी। पति जब बेटी की तलाश में मां के पास देखा। जब सौम्या नहीं मिली तो भाइयों को आवाज दिया। संजय की आवाज सुनकर उसके भाई उठे और देखे तो उनके कमरे में दरवाजे की कुंडी बाहर से बंद थी। अंदर से भाइयों ने बाहर लगी कुंडी आवाज देकर खुलवाया। इस तरह सभी बाहर आर और सौम्या की तलाश में पूरा गांव छान मारे। दिन के उजाले में भी घर से कदम बाहर नहीं रखने वाली सौम्या रात के अंधेरे में कहां चली गई? यह सवाल हर किसी को परेशान किए जा रहा था। परेशान होकर जानकारी परिजनों के द्वारा पुलिस को दी गई।
इस तरह कुएं में मिली बॉडी
रात करीब चार बजे बच्ची के गायब होने की खबर सुनते ही औद्योगिक थाना प्रभारी फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे। परिजनों के साथ पुलिस भी आसपास के एरिया में बालिका की तलाश शुरू कर दी गई। कहीं कुछ पता नहीं। इस बीच सौम्या की मां ममता की आशंका पर पुलिस दरवाजे से चंद कदम दूर स्थित कुएं में झांककर देखी। तब तक करीब भोर पांच-साढ़े पांच बज चुके थे और पर्याप्त उजाला हो चुका था। पुलिस उस कुएं में झांककर देखी तो अंदर सौम्या की बॉडी उतरा रही थी। यह देखते ही पुलिस के जवान सन्नाटे में आ गए। फौरन एनडीआरएफ की टीम बुला गई और बॉडी निकालने का काम शुरू किया गया। आंख खुलते ही यह खबर मिली तो मौके पर पूरा गांव उमड़ पड़ा। एनडीआरएफ की टीम पहुंचने तो कड़ी मशक्कत के बाद मासूम सौम्या की बॉडी कुएं से बाहर निकाली गई। छोटी बच्ची की बॉडी कुएं से बाहर आते ही ग्रामीणों का कलेजा मुंह को आ गया। पुलिस बॉडी को पोस्टमार्टम हाउस भेज दी। सौम्या की मौत साइलेंट मर्डर है या हादसा? इस सवाल के जवाब को लेकर हर कोई देर रात तक आशंकित रहा।
यदि हुई हत्या तो बाहरी नहीं हैं कातिल
मासूम सौम्या की मौत हादसा कम लोग हत्या ज्यादा मान रहे हैं। पोस्टमार्टम पहुंचे कुछ लोग कहते हैं कि हत्या की संभावना अधिक होने के कारण हैं।
दबी जुबान उनकी बातों पर थोड़ी देर यकीन कर लें तो जिस कुएं में बॉडी मिली है उसके चारों तरफ बनी ईंट की बाउंड्री इतनी ऊंची है कि बच्चे गिर नहीं सकते।
जैसा कि परिजन बता रहे सौम्या का पिता दरवाजे पर जहां सो रहा था उससे कुआं चंद कदम की दूरी पर ही है, सौम्या बाहर आती तो पिता को बुलाती जरूर।
क्योंकि रात तो दूर वह शाम को भी घर से बाहर निकलने में डरा करती थी। यदि ऐसा है तो वे बगैर मां को बुलाए कमरे से बाहर कैसे आ गई।
कुछ पुलिस के जवान और लोगों का कहना था कि मौके पर बार-बार उसकी मां यह कह रही थी कि कुएं में देख लो। पुलिस देखी तो उसी कुआं में बॉडी बरामद हुई।
बेटी संग जिस कमरे में मां थी वह उसके दरवाजे में कुंडी लगाना भूल गई? बगैर कुंडी के दरवाजा बंद था यानी ओढगाई हुई थी। ऐसा परिजनों व उसकी मां का का कहना है।
यदि ऐसा है तो और दरवाजा बगैर कुंडी बंद था तो यह बात मासूम सौम्या को कैसे मालूम कि दरवाजे में कुंडी नहीं लगी। वह रात में उठी और दरवाजा खोलकर कुएं जा गिरी।
लोगों के बीच एक और सवाल चर्चा में था कि आखिर संजय के भाई जिस कमरे में सो रहे उसके दरवाजे में बाहर से कुंडी किसने बंद किया।
यही वह तमाम कारण और आशंकाएं हैं जिसे लेकर लोग सौम्या की मौत हो हत्या अधिक और हादसा कम मान रहे हैं।
अजीत सिंह चौहान, एसीपी करछना