UPPSC की साख पर बट्टा लगाने वालों में पांच प्रयागराज के
प्रयागराज ब्यूरो । उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की प्रतिष्ठित समीक्षा अधिकारी/सहायक समीक्षा अधिकारी (आरओ/एआरओ) परीक्षा में सेंध लगाने वालों के खिलाफ जल्द ही कोर्ट में ट्रायल शुरू हो जायेगा। पेपर लीक प्रकरण की जांच कर रही यूपी एसटीएफ ने 16 लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल कर दिया है। इसमें प्रयागराज के रहने वाले राजीव नयन मिश्रा को मास्टर माइंड बनाया गया है। चार्जशीट के अनुसार पेपर लीक कांड में यूपी के अलावा बिहार और एमपी के लोग भी शामिल हैं। एसटीएफ की तरफ से दाखिल की गयी चार्जशीट में 55 पेज का आरोप पत्र और 1945 पेज की केस डायरी है। रिपोर्ट में यह भी एड किया गया है कि विवेचना अभी प्रचलित रहेगी। जांच में सामने आने वाले दूसरे आरोपितों के खिलाफ पूरक चार्जशीट दाखिल की जाएगी।
अभी तक दोबारा नहीं हुई परीक्षा
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने आरओ/एआरओ की प्री परीक्षा इस साल 11 फरवरी को आयोजित की गयी थी। परीक्षा के दिन ही पेपर लीक का प्रकरण सामने आ गया था लेकिन आयोग ने शुरूआती दिनों में इसे मानने से इंकार कर दिया था। आयोग ने प्रतियोगियों से ही पेपर लीक होने के साक्ष्य मांग लिया। इस मामले में आयोग का रुख ढुलमुल रहा तो प्रतियोगी छात्रों ने प्रयागराज में लगातार प्रदर्शन किया। बवाल बढऩे की संभावना को देखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने इसमें हस्तक्षेप किया। सीएम योगी ने खुद ही एक्स पर पोस्ट करके परीक्षा निरस्त किये जाने की सूचना दी गयी थी। इसके बाद आयोग के सचिव अशोक कुमार ने तहरीर देकर सिविल लाइंस थाने में मामला दर्ज कराया था। पुलिस ने सार्वजनिक परीक्षा अधिनियम, आईटी एक्ट समेत अन्य धाराओं में रिपोर्ट दर्ज की थी। यह परीक्षा निरस्त तो कर दी गयी लेकिन अभी तक यह परीक्षा दोबारा आयोजित नहीं हुई है।
कौशांबी से सबसे पहले गिरफ्तारी
इस मामले में एसटीएफ परीक्षा के पहले से ही इनवाल्व थी। परीक्षा से पहले ही उसने कुछ लोगों को पकड़ा था। केस दर्ज होने के बाद मुख्यालय के डिप्टी एसपी लाल प्रताप की टीम ने सबसे पहले कौशांबी से पेपर लीक में शामिल अभियुक्तों को गिरफ्तार किया। इसके बाद बिशप जानसन गल्र्स स्कूल एंड कॉलेज के कर्मचारी अर्पित आनंद समेत छह को पकड़ते हुए गिरोह का भंडाफोड़ किया। एसटीएफ की दूसरी टीम ने भोपाल स्थित प्रिंटिंग प्रेस से पेपर लीक करने वाले कर्मचारी समेत अन्य की गिरफ्तारी की। सिविल लाइंस से विवेचना ट्रांसफर होने के बाद एसटीएफ ने सभी तथ्यों, साक्ष्यों को संकलित करते हुए अभियुक्तों की भूमिका के आधार पर आरोप पत्र तैयार किया और उसे कोर्ट में दाखिल किया गया।
कोर्ट में दाखिल की गयी चार्जशीट में एसटीएफ ने 35 लोगों को गवाह बनाया है। आरोप पत्र और केस डायरी में उन गवाहों की पूरी जानकारी दी गई है, जो कोर्ट में अभियुक्तों के खिलाफ अपनी गवाही दर्ज कराएंगे। मुकदमे का ट्रायल शुरू होने पर आरोपितों को जल्द से जल्द सजा दिलाने पर भी जोर दिया जाएगा। सभी के खिलाफ लगेगा गैंगस्टर
कोर्ट में चार्जशीट फाइल होने के बाद अभियुक्तों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत मुकदमा पंजीकृत करने और फिर संपत्ति को कुर्क करने की राह आसान हो गई है। अब प्रयागराज की सिविल लाइंस या कौशांबी के मंझनपुर थाने की पुलिस जेल में बंद आरोपितों के खिलाफ गैंगस्टर लगा सकती है।
इनके खिलाफ लगी चार्जशीट
राजीव नयन मिश्रा,निवासी अमोरा मेजा प्रयागराज
कमलेश पाल, निवासी कमलदीपुर झूंसी प्रयागराज
अर्पित विनीत, निवासी म्योराबाद कैंट प्रयागराज
विशाल दुबे, निवासी ऊंचडीह मेजा प्रयागराज
संदीप पांडेय, निवासी पनासा करछना प्रयागराज
अरुण कुमार, निवासी गोपालपुरवा अंतू प्रतापगढ़
सौरभ शुक्ला, निवासी नरियावा महेशगंज प्रतापगढ़
आयुष पांडेय, निवासी बभनपुरा रानीपुर मऊ
नवीन सिंह, निवासी हरपुर सरायलखंशी मऊ
अमित सिंह, निवासी इंदिरा नगर लखनऊ
अभिषेक शुक्ला, निवासी राजाबाजार लखनऊ
शरद कुमार, निवासी पचेवरा चुनार मीरजापुर
विवेक उपाध्याय, निवासी सोनवर्षा बैरिया बलिया
सुभाष प्रकाश, निवासी जयनगर, मधुबनी बिहार
अमरजीत शर्मा, निवासी फतेहपुर गया बिहार
सुनील रघुवंशी, निवासी टीपीनगर बिलखरिया भोपाल, मध्य प्रदेश