केवल नाम बदलेगा, डाक्यूमेंट नहीं
-बदलेगा हाईकोर्ट, यूनिवर्सिटी और जंक्शन का नाम
ALLAHABAD: लोगों को चिंता करने की जरूरत नही है। प्रदेश सरकार ने इलाहाबाद से प्रयागराज केवल नाम बदला है। पुराने प्रपत्र जस के तस बने रहेंगे। उनमें कोई बदलाव नही होगा। प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि नगर का नाम प्रयागराज कर दिए जाने के मंत्रिपरिषद के निर्णय पर चारों तरफ से सरहाना की प्रतिक्त्रियाएं प्राप्त हो रही है। निवासियों में हर्ष के साथ एक उत्कंठा यह भी बनी हुई है कि सरकारी अभिलेखों एवं पहचान पत्र आदि प्रपत्रों में पूर्व से चले आ रहे नाम की वैधता क्या होगी? पूर्व से चले आ रहे समस्त प्रकार के अभिलेखों में नगर के पूर्व नाम के उल्लेख से उसकी वैधता बाधित नहीं होगी तथा पुराने नाम के साथ बने हुए समस्त शासकीय अभिलेख एवं प्रपत्र अपनी निर्धारित अवधि तक यथावत वैध रहेंगे।नगर का नाम औपचारिक रूप से अधिसूचित होने के उपरांत नए बनने वाले समस्त अभिलेखों में नाम प्रयागराज दर्ज होगा। किंतु पूर्व से चले आ रहे समस्त प्रपत्र यथा पहचान पत्र, पासपोर्ट, भवन/भूमि सम्बन्धित अभिलेख, राशन कार्ड, लाइसेंस इत्यादि अपनी निर्धारित वैधता अवधि तक पुराने नाम के साथ भी यथावत वैध रहेंगे।
क्योंकि आदत में शामिल है इलाहाबादनाम तो बदल जाएगा लेकिन लोगों की आदत को बदलना आसान नहीं होगा। उदाहरण के तौर पर कोलकाता, मुंबई और चेन्नई में यही हुआ है। वहां पर हाईकोर्ट का नाम तो बदला गया लेकिन लोग पुराने नाम बाम्बे, कलकत्ता और मद्रास के नाम से पुकारते हैं। इसी तरह वहां के रेलवे स्टेशन और यूनिवर्सिटीज आदि के नाम भी पुराने पैटर्न पर लिए जाते हैं। इसमें बदलाव में काफी लंबा समय लगेगा।
बहुत अधिक परेशान होने की जरूरत नहीं है। इलाहाबाद की जगह जिले का नाम प्रयागराज हुआ है। इसकी वजह से कोई भी पुराना दस्तावेज चेंज नही होगा। बदलाव केवल नए दस्तावेजों में ही होगा। -डॉ। आशीष गोयल, कमिश्नर