इलाहाबाद यूनिवर्सिटी ने दीवार खड़ी करके बंद करा दिया रास्ता...फ्लैग वन वे हुआ मुस्लिम बोर्डिंग हॉस्टल
प्रयागराज (ब्यूरो)।उमेश पाल हत्याकांड की साजिश रचने में हॉस्टल में रहने वाले छात्र का नाम आने के बाद मुस्लिम बोर्डिंग हॉस्टल को एक और बड़ा झटका लगा है। यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन की पहल पर पुलिस और प्रशासन ने सोमवार को साइंस फेकेलिटी की तरफ जाने वाले रास्ते को दीवार खड़ी करके ब्लाक कर दिया गया। इस हॉस्टल में रहने वाले छात्रों को अब यूनिवर्सिटी कैंपस पहुंचने के लिए करीब डेढ़ किलोमीटर का चक्कर लगाना पड़ जायेगा। इस कार्रवाई पर कुछ छात्र नेताओं और मुस्लिम बोर्डिंग हॉस्टल से जुड़े मैनेजमेंट ने एतराज जताया है लेकिन वह भी खुलकर सामने नहीं आये। उन्हें इस बात का डर सता रहा था कि कहीं मुंह खोलना उनके लिए भारी न पड़ जाये।
डेढ़ किलोमीटर चलना होगा पैदल
मुस्लिम बोर्डिंग हॉस्टल वैसे तो इलाहाबाद यूनिवर्सिटी का नहीं है। इसका संचालक अलग बॉडी करती है। लेकिन, इसमें रहते इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में दाखिला लेने वाले छात्र ही हैं। इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से एफीलिएटेड हॉस्टल्स में इसकी गिनती पुराने हॉस्टल में की जाती है। मुस्लिम बोर्डिंग हॉस्टल की देखरेख करने वाले इरफान खान बताते हैं कि इसका निर्माण 1892 में कराया गया था। इसमें मुस्लिम कम्युनिटी के छात्रों को ही रहने की सुविधा दी जाती है। स्पेशली उन छात्रों को दूसरी कंट्री के होते हैं और इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में दाखिला लेते हैं। इस हॉस्टल में रहने वाले छात्रों के पास इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के कैंपस तक पहुंचने के लिए दो रासते मिलते थे। एक रास्ता सीधे साइंस फेकेलिटी में निकलता था। यह छात्रों के लिए सबसे आसान रास्ता था। इसी का वह प्रयोग करते थे। साइंस फेकेलिटी के यूनिवर्सिटी रोड साइड की रास्ते तक दीवार खड़ी किये जाने के बाद समस्या बढ़ लेकिन जैसे तैसे काम चलता रहा। इस रास्ते पर दीवार खड़ी किये जाने के बाद हॉस्टल के छात्रों के पास अब कैंपस जाने का एक ही रास्ता होगा। इसके लिए वह चन्द्रशेखर आजाद पार्क के सामने निकलेंगे और हिंदू हॉस्टल से होते हुए कैंपस पहुंचेंगे।
बदल गयी है हॉस्टल की छवि
मुस्लिम बोर्डिंग हॉस्टल को लेकर तमाम तरह की चर्चाएं चलती रहती हैं। लेकिन, उमेश पाल हत्याकांड की पूरी साजिश इसी हॉस्टल में रहने वाले सदाकत द्वारा रचे जाने का खुलासा होने के बाद इस हॉस्टल पर ग्रहण लग गया है। पुलिस ने उमेश पाल हत्याकांड में अभी तक सिर्फ सदाकत के खिलाफ चार्जशीट फाइल की है। सदाकत वर्तमान समय में जेल में बंद है। मूलरूप से गाजीपुर के रहने वाले सदाकत पर आने वाले कोर्ट के फैसले के बाद इस हॉस्टल की छवि में दोबारा कोई बदलाव होगा। इसी के चलते इसमें रहने वाले छात्रों को बड़ी मुसीबत झेलनी पड़ रही है। उमेश पाल कांड 24 फरवरी को हुआ था। इस प्रकरण की जांच में जुटी पुलिस के सामने सदाकत का नाम आया तो पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। उसकी गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने जो कुछ बताया था उसके मुताबिक सदाकत ने खुद ही घटना में शामिल होना स्वीकार किया है। इसके बाद हॉस्टल पूरी तरह से खाली करा लिया गया। छात्रों ने प्रेशर बनाया तो इसमें रहने की अनुमति सिर्फ उन छात्रों को दी गयी जिनकी परीक्षाएं हैं। इसके अलावा के सभी छात्रों के लिए हॉस्टल बंद है। छात्रों को कोई बताने वाला नहीं है कि उन्हें हॉस्टल में कमरा फिर से एलॉट होगा या पुरानी फीस पर नए सत्र में रहने की अनुमति दी जाएगी।
जमीन पर भी हो गया कब्जा
सोमवार को प्रशासन ने जिस स्थान पर दीवार खड़ी करायी उससे बोर्डिंग हाउस की जमीन पर कब्जे की भी चर्चा सामने आ गयी। बताया गया कि दीवार जिस स्थान से खड़ी की जानी चाहिए थी, उससे करीब पांच सौ गज दूर से खड़ी की गयी है। दीवार खड़ी हो जाने से इस जमीन पर अब यूनिवर्सिटी प्रशासन का कब्जा हो जाएगा? इसका हिसाब मुस्लिम बोर्डिंग हाउस का मैनेजमेंट देखने वालों को मिलेगा भी या नहीं? इस पर कोई बात करने वाला नहीं था। सूत्र बताते हैं कि हॉस्टल के रास्ते से कैंपन में अराजक तत्वों के प्रवेश करने का आधार लेकर दीवार खड़ी करायी गयी है। दीवार खड़ी हो जाने के बाद कैंपस तक पहुंचने के लिए मेन रोड का ही रास्ता लेना होगा। यूनिवर्सिटी रोड तक पहुंचने के लिए भी छात्रों को एक किलोमीटर का चक्कर लगाना पड़ जायेगा।
इरफान खान
अधीक्षक, मुस्लिम बोर्डिंग हॉस्टल मुस्लिम बोर्डिंग छात्रावास के विज्ञान संकाय द्वार पर आने वाले रास्ते पर विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा दीवाल खड़ी कर दी गई है। इलाहाबाद विश्वविद्यालय प्रशासन की तानाशाही चरम सीमा पर है।
अजय यादव सम्राट