इलाहाबाद टु प्रयागराज: कहीं समर्थन तो कहीं विरोध
ALLAHABAD: इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज किए जाने पर कहीं कार्यक्रम आयोजित कर बधाई दी गई तो कहीं इसके विरोध में भी तर्क दिए गए। एडवोकेट्स एसोसिएशन आफ इंडिया की बैठक में अध्यक्षता कर रहे अजीत भाष्कर ने कहा कि इलाहाबाद नाम पूरे विश्व में हमारी गंगा जमुना तहजीब की मिसाल है। इसके बदलने का कोई औचित्य नही बनता है। इसे बनाए रखना हमारा संवैधानिक कर्तव्य है। समाजवादी अल्पसंख्यक सभा के महानगर अध्यक्ष शाहिद प्रधान का कहना है कि जिले का नाम बदलना चंद्रवंशी ठाकुरों का अपमान है। पूरी जनता महंगाई से त्राहि-त्राहि कर रही है और सीएम ने योगी ने एक झटके में नाम बदलकर प्रयागराज कर गरीबों को ठगने का काम किया है। कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता किशोर वाष्र्णेय ने कहा कि यह वोट बैंक की राजनीति है। इससे केवल सरकारी धन की बर्बादी होगी। प्रदेश सरकार के इस कदम से विकास का कोई लेना देना नही है।
इन्होंने जताया समर्थन
मंगलवार के लोकभवन में हुई बैठक में क्षेत्रीय मंत्री काशी प्रान्त कमलेश कुमार ने कहा कि प्रदेश सरकार प्रवक्ता सिद्धार्थनाथ सिंह संबोधित करते हुए कहा सरकार के प्रवक्ता सिद्धार्थनाथ सिंह ने इलाहाबाद का नाम प्रयागराज करने पर पुरजोर वकालत किया। इस मौके पर मीडिया प्रभारी दिनेश तिवारी, पवन श्रीवास्तव व सुनील श्रीवास्तव, रोचक दरबारी आदि ने सरकार के इस फैसले पर खुशी जाहिर की। कैट बार एसोसिएशन की आपात बैठक में अध्यक्ष अनिल कुमार सिंह ने इस फैसले पर सिद्धार्थनाथ सिंह व सीएम योगी आदित्यनाथ का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा इस के लिए साधु-संतों व नेताओं ने लंबा संघर्ष किया है। लोगों को मिठाई बांटकर खुशी जाहिर की गई।