कंबल और कपड़े बांटें, लेकिन बेघरों को रैन बसेरा तक भी पहुंचाएं
-नगर निगम, एडमिनिस्ट्रेशन के साथ रैन बसेरा चलाने वाली संस्थाओं को गई जिम्मेदारी
prayagraj@inext.co.in PRAYAGRAJ: संगम नगरी में इन दिनों भीषण ठंड पड़ रही है। इस बीच प्रशासन का फोकस है कि किसी की ठंड से जान न जाए। खुले आसमान के नीचे रह रहे लोगों को रैन बसेरों तक पहुंचाने के लिए विभागों व संस्थाओं द्वारा रेस्क्यू किया जा रहा है। इसके बाद भी कुछ लोग खुले आसमान के नीचे ठिकाना बनाए बैठे हैं। बताया जा रहा है कि इसके पीछे वजह, रात में तमाम संस्थाओं द्वारा बांटे जाने वाले गर्म कपड़ों का लालच है। इसको देखते हुए नगर निगम, डूडा व एडमिनिस्ट्रेशन द्वारा ऐसी संस्थाओं से अपील की जा रही है कि वे बेघरों को कम्बल व गर्म कपड़े बांटने के साथ ही आस-पास स्थित रैन बसेरों में भी जरूर पहुंचाएं। टीम कर रही है रेस्क्यूइस मामले में दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट ने रैन बसेरों को संचालित करने वाले डूडा के सिटी मिशन मैनेजर राजकुमार द्विवेदी से बातचीत की। उनके मुताबिक स्वयंसेवी संगठन के लोग रात में सड़क किनारे व पटरियों पर सो रहे लोगों को कम्बल बांटते हैं, गर्म कपड़े देते हैं। इसलिए कम्बल व कपड़ों के लालच में कुछ लोग रैन बसेरों में जाने के बजाय सड़क किनारे ही पड़े रहते हैं। ऐसे लोगों को रैन बसेरों तक पहुंचाने और रेस्क्यू के लिए नगर निगम, एडमिनिस्ट्रेशन के अधिकारी, कर्मचारियों के साथ ही, कई संस्थाएं लगी हुई हैं। खुले आसमान के नीचे जो लोग भी सोते हुए मिलते हैं, उन्हें रैन बसेरों में पहुंचाया जा रहा है।
एप पर हो रही है डाटा फीडिंग शासन की ओर से एप बनाया गया है। इसमें रिपोर्टिग की जा रही है कि रोजाना कितने लोगों को रैन बसेरे में पहुंचाया गया। इस नए एप में रैन बसेरा संचालित करने वाली संस्थाओं को डाटा फीडिंग करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इसमें संस्थाओं को यह बताना है कि वे कितने लोगों को बाहर से रेस्क्यू करके लेकर आए हैं। डूडा और नगर निगम को संस्थाओं के डॉटा को क्रॉस चेक करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। यहां बने हैं रैन बसेरे -बाघम्बरी गद्दी रोड -हैजा हॉस्पिटल -मुंडेरा चुंगी - नूरुल्ला रोड - यमुना बैंक रोड - लीडर रोड - दारागंज वार्ड ऑफिस के ऊपर - मीरापट्टी वार्ड ऑफिस के ऊपर - खुल्दाबाद लकड़मंडी वार्ड ऑफिस के ऊपर 24 अस्थायी रैन बसेरे बनाए गए हैंसड़क किनारे खुले आसमान के नीचे रह रहे लोगों को रैन बसेरों तक पहुंचाने के लिए रेस्क्यू चल रहा है। इसके बाद भी कम्बल और गर्म कपड़ों के लालच में लोग सड़क किनारे ही रहते हैं। इसलिए कम्बल और कपड़े बांटने वालों से अपील है कि वे ऐसे बेघरों की मदद करने के साथ ही उन्हें रैन बसेरा तक जरूर पहुंचाएं। कंबल और कपड़े देना है तो रैन बसेरा में जाकर बांटें।
-राजकुमार द्विवेदी, सिटी मिशन मैनेजर डूडा