बीच में इलाज रोका तो होगा ड्रग रजिस्टेंस
-एएमए ने डॉक्टर्स को एब्डॉमिनल टीबी पर किया जागरुक
-मरीजों को तंबाकू और शराब से दूर रहने की दी सलाह ALLAHABAD: एब्डॉमिनल टीबी के इलाज में एंटी टीबी दवाओं का सेवन कम से कम छह माह तक किया जाए। बीच में इलाज रोक दिया तो बीमारी दोबारा उभरने की प्रबल संभावना होती है। साथ ही ड्रग रेजिस्टेंस टीबी होने का खतरा भी बढ़ जाता है। यह बात सीनियर माइक्रोबायोलॉजिस्ट डॉ। अशोक रतन ने कही। वह रविवार को एएमए द्वारा आयोजित सेमिनार में एब्डॉमिनल टीबी विषय पर बोल रहे थे। पेट में तेज दर्द हो तो कराएं जांचउन्होंने कहा कि संक्रमित दूध पीने या बलगम के निगलने से टीबी के कीटाणु शरीर में फैल सकते हैं। महिलाओं में यदि फैलोपिन ट्यूब में टीबी है तो पेरिटोनियम के माध्यम से आंतों को संक्रमित कर सकती है। लंबे समय से खांसी, निरंतर वजन का घटना और पेट में तेज दर्द होना टीबी का लक्षण है। संक्रमित मरीजों को तंबाकू और शराब के सेवन से दूर रहना चाहिए।
गौर से सुना और किया सवालएएमए की सेमिनार में डॉक्टर्स ने एक्सपर्ट्स को गौर से सुना और अपने सवालों को भी उनके सामने रखा। उन्होंने कहा कि टीबी के इलाज की नई तकनीकों की जानकारी जरूरी है। साथ ही मरीजों को डॉक्टर की सलाह पर दवाओं का नियमित सेवन करना चाहिए। सेमिनार की अध्यक्षता एएमए के अध्यक्ष डॉ। अनिल शुक्ला ने की थी। इस मौके पर डॉ। अशोक अग्रवाल, डॉ। शार्दूल सिंह, डॉ। आरकेएस चौहान, डॉ। बीके मिश्रा, डॉ। अनूप चौहान आदि उपस्थित रहे। संचालन संयुक्त सचिव डॉ। राजेश मौर्या ने किया।