हाईकोर्ट में बम रखने के आरोपी की जमानत खारिज
उभयपक्ष की बहस व तर्क सुनने के बाद कोर्ट ने खारिज की जमानत अर्जी
ALLAHABAD: हाईकोर्ट के कोर्ट संख्या 55 के नीचे बरामदे में प्लास्टिक की पन्नी में टिफिन में छह अदद संदिग्ध बम, दुपट्टा व चाकू रखकर दहशत फैलाने के आरोपी संतोष कुमार अग्रहरि की जमानत अर्जी उभयपक्ष की बहस सुनने के बाद अपर जिला जज सुदीप कुमार जायसवाल ने खारिज कर दी। जिला शासकीय अधिवक्ता राम अभिलाष सिंह ने जमानत अर्जी का प्रबल विरोध करते हुए कोर्ट को बताया कि अभियुक्त ने हाईकोर्ट के पूर्व अवैतनिक कर्मचारी होने का फायदा उठाकर हाई सिक्योरिटी एवं संवेदनशील परिसर में बम रखने का गंभीर अपराध किया है। बम फटने से जानमाल का खतरा संभावित था। बम मिलने से दहशत का माहौल पैदा हुआ। जमानत अर्जी खारिज किए जाने योग्य है। बचाव पक्ष ने आरोपों को फर्जी बतायाकोर्ट में जमानत अर्जी पर सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष की ओर से कहा गया कि वर्तमान में वे हाईकोर्ट के अधिवक्ता के मुंशी के रूप में कार्यरत है। उन्होंने कोई बम या टिफिन कथित स्थान पर नहीं रखा। मोटर साइकिल खड़ी करने की बात को लेकर एक दरोगा से कहासुनी हुई थी। इस कारण फर्जी रूप से फंसाया गया है। गौरतलब है कि बीते दिनों हाईकोर्ट में बम रखने की सूचना पर हड़कंप मच गया था। सूचना मिलते ही सुरक्षा एजेंसियां सक्रिय हो गई। जांच के दौरान आरोपी युवक को हिरासत में लिया गया।