बीते दो साल तक कोरोना संक्रमण के चलते फीकी रहने के बाद अब एक बार फिर होली की कारोबारी रंगत लौट आई है. रंग अबीर-गुलाल बच्चों की पिचकारी खाने के सामान और कपड़ों की बिक्री पिछले साल की तुलना में करीब डेढ़ गुना अधिक हो चुकी है. लागत बढऩे से होली के लगभग सभी सामान महंगे भी हो गए हैं.

प्रयागराज (ब्‍यूरो)। पिछले दो सालों में लोगों ने होली से दूरी बना रखी थी। संक्रमण के डर से न ाते लोग किसी को रंग लगा रहे थे और न ही गले मिल रहे थे। इस बार पूरी तैयार हो रही है। यही कारण है कि 10 से 15 करोड़ की रंग और पिचकारी की बिक्री का अनुमान लगाया जा रहा है। हालांकि पिचकारी का सबसे ज्यादा उत्पादन दिल्ली में होता है लेकिन इस बार कोरोना तीसरी लहर न मैन्युफैक्चरिंग नही होने दी। ऐसे में जनवरी से लेट उत्पादन शुरू हुआ। वही प्लास्टिक का रेट भी 40 फीसदी तक बढ़ गया है। इसलिए खरीद पर महंगाई भी बढ़ती ाज रही है।
कपड़ों में थोड़ा उछाल
इसी तरह कपड़े की मार्केट भी 9 करोड़ रुपए से अधिक की होने की उम्मीद है। यह पिछले दो साल से दोगुनी है। हालांकि मार्केट का एक बड़ा हिस्सा ऑनलाइन शॉपिंग में जा चुका है। व्यापारियों का कहना है कि होली पर रेडीमेड कपड़ों की बहुत डिमांड है। लोग खरीदारी केलिए आगे आ रहे हैं। सबसे ज्यादा लेडीज और किडस के कपड़ों की डिमांड है।
पचास रुपए महंगा हुआ खोवा
पिछले साल के मुकाबले इस बार खोवा की अधिक डिमांड है। ऐसे में दाम भी बढ़ गए हैं।
इस बार शुद्ध खोवा 400 रुपए प्रति किलो की दर से बिक रहा है।
व्यापारियों की माने तो इस साल पचास रुपए दाम बढ़े हैं। डिमांड भी अधिक है।
बाजार में रेडीमेट गुझिया की डिमांड भी हो रही है। लोग फोन पर आर्डर देकर गुझिया की बुकिंग भी करवा रहे हैं।

फिर से हो रहे हैं आयोजन
होली का हुड़दंग दो साल बाद फिर से नजर आ रहा है। इसका सीधा सा कारण सार्वजनिक आयोजनों का होना है। इस बार पुन: मुगदर बारात और हथौड़ा बारात का आयोजन धूमधाम से हो रहा है। तमाम हास्य कवि सम्मेलन भी हो रहे हैं। कालोनी और अपार्टमेंट््स में भी होली की तैयारियां शुरू हो गई हैं। लोगों ने डीजे और टेंट आदि बुक करा लिए हैं।

डॉक्टर्स की राय, फिर भी बचकर रहें
होली पर भले ही कोरोना के केसेज कम हो गए हों लेकिन डॉक्टर्स का कहना है कि लोगों को बचकर रहना होगा, क्योंकि कोरोना गया नही है। जितना हो सके कोरोना प्रोटोकाल का पालन करें। हर हाल में वैक्सीन की दोनों डोज लगवा लें। पानी में अधिक भीगने से बचें और अगर किसी को बुखार, जुकाम या खांसी जैसी शिकायत है तो भीड़ से दूर रहे। ऐसे में संक्रमण फैलने का खतरा बना रहता है। वर्तमान में शहर में कोरोना के एक्टिव केसेज की संख्या घटकर 25 से कम रह गई है।

दो साल बाद होली का असर दिख रहा है। दो साल तक लोग रंग खरीदने से कतरा रहे थे लेकिन इस बार जमकर ले रहे हैं। भगवा रंग, बुलडोजर रंग, पुतिन रंग की बहुत अधिक मांग है। पिचकारी की सेल भी बढ़ी है।
मो। कादिर रंग व पिचकारी व्यापारी

इस साल कपड़ों की बिक्री तो बढ़ी है लेकिन अभी मार्केट 40 फीसदी पीछे है। अभी भी लोग खुलकर कपड़ों की खरीद नही कर पा रहे हैं। ऑनलाइन कपड़ों के व्यापार से भी मार्केट में भीड़ कम हुई है।
मो। अकरम कपड़ा व्यापारी

खेावा की मार्केट में उछाल आया है। पचास रुपए तक दाम भी बढ़े हैं। लेकिन लोग बाजार में खोवा खरीदने में दिलचस्पी ले रहे हैं। पिछले दो साल मे मार्केट टूट गई थी। लोगों ने दूरी बना ली थी। इस बार रेडीमेड गुझिया के भी आर्डर आ रहे हैं।
रोहित केसरवानी मिठाई व्यापारी

लोगों के मन से कोरोना का डर कम हुआ है। दो साल स लोग घर से निकलने में कतरा रहे थे। इस बार लग रहा है कि शहर अपनी पुरानी होली के उल्लास को फिर से प्राप्त कर लेगा।
निखिल श्रीवास्तव

फिर से इस बार चंदा मांगने वाले दिख रहे हैं। यह सभी होली मिलन समारोह कराने की तैयारी कर रहे हैं। भगवान का शुक्र है कि कोरोना खत्म हो गया वरना इस बार भी लोग डर रहे होते।
तुलसी

लोग होली जमकर खेलने की तैयारी में हैं। दो साल से त्योहार खराब हो रहा था। ऐसा होना जरूरी है क्योंकि साल भर में आने वाले त्योहार कोरोना की वजह से उदासी में बीत रहा था।
कौशलराज

कोरोना का ग्राफ अभी डाउन हुआ है। तीसरी लहर खत्म हो चुकी है लेकिन कोरोना अभी गया नही है। खासकर सांस के मरीज थोड़ा सा एहतियात बरतें। क्योंकि कोरोना के लक्षण उन पर अधिक असरदार होते हैं।
डा। आशुतोष गुप्ता स्लीप एंड चेस्ट स्पेशलिस्ट

Posted By: Inextlive