करीब ढाई दशक बाद जब जीआईसी प्रयागराज के 1996 बैच के पुरा छात्र रविवार को जब जीआईसी प्रांगण में पहुंचे तो उनकी आखों में चमक देखने लायक थी. सभी एकदूसरे के गले लगते हुए अपनी पुरानी यादें ताजा करने लगे . सभी अपनी- अपनी संबंधित क्लासेज में जा कर अपने पुराने अध्यापक एवम पुराने दोस्तों को याद करने लगे. कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कौशाम्बी के अपर जिला जज संजय मिश्रा व अतिथि बीएसए प्रवीण तिवारी विशिष्ट अतिथि जीआईसी प्रधानाचार्य वीपी सिंह ने संयुक्त कार्यक्रम की शुरुआत की. सभी खड़े होकर सबसे पहले प्रार्थना की. प्रार्थना के बाद सभी शिक्षकों को शाल स्मृति चिन्ह व किताबें देकर सम्मानित किया गया. पुरा छात्रों की ओर से स्कूल को पंखे भी दिए गए.


प्रयागराज (ब्‍यूरो)। छात्र चाहे गणित, जीव विज्ञान वर्ग के रहे हों, आर्ट्स के हों या कॉमर्स के, सबकी जुबां पर अपनी-अपनी यादें थीं, जिसे वे सभी से साझा कर रहे थे।किस्सों का दौर तो खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा था, फिर चाहे रवींद्र नाथ टैगोर उद्यान में गेंद तड़ी खेलने का किस्सा हो, स्कूल में फोटो सेशन का हो, खेल के दौरान लड़ाई-झगड़ों का रहा हो या साइकिल स्टैंड में होने वाली गुफ्तगू। शिक्षकों ने बेहतर भविष्य का दिया आशीर्वाद दिया,शिक्षकों के सम्मान के दौरान उन शिक्षकों को याद किया गया जो अब जीवित नहीं हैं। कार्यक्रम के दौरान शिक्षकों ने छात्रों को उसी तरह जिंदगी के फलसफे समझाये जिसे वे क्लास के दौरान कोई पाठ समझाते थे। उन्होंने सभी छात्रों को बेहतर भविष्य का आशीर्वाद दिया तो समाज में महत्वपूर्ण योगदान देने के लिए प्रेरित भी किया।
कार्यक्रम आयोजन समिति सदस्य आशीष मिश्रा, रुद्र प्रकाश ओझा, संजय तिवारी, शारिक अहमद, रोहित मिश्रा ने कार्यक्रम की सफलता के लिए साथियों को धन्यवाद देते हुए अतिथियों एवं गुरुजनों का आभार व्यक्त किया।

Posted By: Inextlive