अधिवक्ताओं का आंदोलन स्थगित
प्रयागराज (ब्यूरो)। चीफ जस्टिस अरुण भंसाली की तरफ से मांगों के संबंध में सकारात्मक पहल का आश्वासन दिए जाने के बाद इलाहाबाद हाई कोर्ट की प्रधानपीठ प्रयागराज के अधिवक्ताओं ने अपना आंदोलन स्थगित कर दिया है। अब सोमवार से कामकाज सामान्य हो जाएगा। आंदोलन स्थगित करने की घोषणा हाई कोर्ट बार एसोसिएशन इलाहाबाद की कार्यकारिणी की बैठक में की गई। वैसे शुक्रवार को लगातार तीसरे दिन हड़ताल से न्यायिक कामकाज प्रभावित रहा। बार पदाधिकारियों का कहना है कि 29 जुलाई को प्रस्तावित कार्यकारिणी में अग्रिम निर्णय लिया जाएगा।
मांगे पूरी करने का भरोसा मिला
अध्यक्ष एवं वरिष्ठ अधिवक्ता अनिल तिवारी की अध्यक्षता तथा महासचिव विक्रांत पांडेय के संचालन में नए पदाधिकारी कक्ष में बार एसोसिएशन कार्यकारिणी की बैठक दोपहर एक बजे हुई। इसमें बताया गया कि चीफ जस्टिस ने आश्वासन दिया है कि मांगों को पूरा करने की दिशा में पूरा प्रयास किया जाएगा। पहला कदम 11 जुलाई को उठाया जा चुका है। महासचिव के अनुसार यह जमानत और अग्रिम जमानत अर्जियों की सुनवाई की नई व्यवस्था का है। इस जानकारी के बाद कार्यकारिणी ने सर्वसम्मति से आंदोलन को फिलहाल स्थगित करने का निर्णय लिया। कार्यकारिणी ने यह भी निर्णय लिया है कि मुख्य न्यायमूर्ति से ऐसे किसी अधिवक्ता का नाम न्यायमूर्ति के रूप में प्रस्तावित नहीं करने का आग्रह किया जाएगा जिसने इलाहाबाद उच्च न्यायालय में वकालत नहीं की हो।
पदाधिकारियों ने बताया कि मु्ख्य न्यायमूर्ति से 'अंकल सिंड्रोमÓ मुद्दे पर भी विचार कर उचित निर्णय लेने का आग्रह किया गया है। यह कहा गया कि पिछले तीन दिनों में कार्यकारिणी द्वारा पारित प्रस्ताव सारे न्यायमूर्तियों के विरुद्ध नहीं हैं बल्कि उन न्यायमूर्तियों के विरुद्ध हैं जो इस प्रकार की कार्यवाही जाने-अनजाने करते हैं। संयुक्त सचिव (प्रेस) पुनीत कुमार शुक्ला की विज्ञप्ति के अनुसार विचार विमर्श के दौरान वरिष्ठ उपाध्यक्ष राजेश खरे, उपाध्यक्षों सर्वश्री अग्निहोत्री कुमार त्रिपाठी, अखिलेश कुमार मिश्र, सुभाष चंद्र यादव, नीरज त्रिपाठी, नीलम शुक्ला के अलावा संयुक्त सचिव (प्रशासन) सुमित कुमार श्रीवास्तव, संयुक्त सचिव (लाइब्रेरी) अभिजीत कुमार पाण्डेय, संयुक्त सचिव (महिला) आंचल ओझा, कोषाध्यक्ष रणविजय सिंह एवं कार्यकारिणी सदस्यों में उदिशा त्रिपाठी, अवधेश कुमार मिश्र, अभिषेक तिवारी, राजेश शुक्ला, सर्वेश्वर लाल श्रीवास्तव तथा बलदेव शुक्ला की उपस्थिति उल्लेखनीय रही।
पीसीएस- जे मामले की सुनवाई टली
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की पीसीएस-जे 2022 की मुख्य परीक्षा परिणाम में गड़बड़ी मामले की सुनवाई टल गई है। इलाहाबाद हाई कोर्ट के वकीलों की हड़ताल के कारण शुक्रवार को सुनवाई नहीं हो सकी। अब 19 जुलाई को उक्त मामले की सुनवाई होगी। न्यायमूर्ति एसडी सिंह व न्यायमूर्ति डी रमेश की खंडपीठ यह प्रकरण सुन रही है। अभ्यर्थी श्रवण पांडेय ने याचिका दायर की है। पिछली सुनवाई पर आयोग की चेयरमैन की तरफ से हलफनामा दाखिल किया गया था।
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने सेक्टर 39 गौतमबुद्धनगर में दर्ज प्राथमिकी के तहत सिपाही भर्ती पेपर लीक मामले में आरोपित राजीव नयन मिश्र की सशर्त जमानत मंजूर कर ली है। मिश्र को कौशांबी व मेरठ में भी दर्ज प्राथमिकी के तहत केस में पहले ही सशर्त जमानत मिल चुकी है। उप्र लोक सेवा आयोग प्रयागराज के सिविल लाइंस थाने में आरओ-एआरओ भर्ती पेपर लीक के मुकदमे में उसकी जमानत अर्जी पर सुनवाई 15 जुलाई को होगी। कोर्ट ने सह अभियुक्तों को पहले ही मिली जमानत के आधार पर याची की जमानत मंजूर की है। न्यायमूर्ति समीर जैन ने यह आदेश दिया है।