कैसे बांटी गई एक्सपायर दवा, शुरू हुई जांच
सीजीएचएस एडिशनल डायरेक्टर तक पहुंचा मामला
आई नेक्स्ट ने की थी खबर पब्लिश, बैठाई गई इन्क्वायरी हजारों मरीज कराते हैं अलग-अलग डिसपेंसरी में इलाज ALLAHABAD: मरीज को कैसे एक्सपायरी दवा दी गई। इसे खाकर उसकी सेहत खराब होती तो जिम्मेदार कौन होता। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की ओर से सच्चाई सामने आने के बाद सीजीएचएस के आलाधिकारियों ने जांच के आदेश दिए हैं। किसकी लापरवाही हुआ ऐसा?जार्जटाउन स्थित सीजीएचसी डिसपेंसरी नंबर वन में किसकी लापरवाही से एक्सपायरी दवाएं बांटी जा रही हैं? इसका पता खुद सीजीएचएस के एडिशनल डायरेक्टर लगाएंगे। उन्होंने मामले को संज्ञान में लेते हुए जांच के आदेश दिए हैं। डिसपेंसरी के इंचार्ज से टेलीफोन पर बातचीत के बाद उन्होंने जांच कराने को कहा। उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से एक्सपायर दवाओं को तत्काल नष्ट करने का आदेश है तो फिर ये चूक कैसे हुई? एक्सपायर दवा सरकारी काउंटर से देने की बात तो और गंभीर है, इसकी विधिवत जांच होनी चाहिए।
60 हजार मरीज हैं इनरोल्डशहर में सीजीएचएस की सात डिसपेंसरी हैं। इनमें कुल साठ हजार मरीज इनरोल्ड हैं। बता दें कि जार्जटाउन डिसपेंसरी में हार्ट डिजीज और हाईबीपी का इलाज कराने गए दूरदर्शन इम्प्लाई एके पाल को काउंटर से एक्सपायर दवा दी गई थी। इनमें से एक टेबलेट उन्होंने खा भी ली। चक्कर आने पर दवा की प्रिंटिंग देखी तो दवा अप्रैल में ही एक्सपायर हो चुकी थी। उन्होंने इसकी जानकारी दैनिक जागरण आई नेक्स्ट को दी।
दैनिक जागरण आई नेक्स्ट के जरिए मामला संज्ञान में आया है। इतनी बड़ी लापरवाही कैसे हुई, यह चिंता का विषय है। मामले की जांच कराई जाएगी। दोषी के खिलाफ कार्रवाई होगी। डॉ। एके चौधरी, अपर निदेशक, सीजीएचएस