पकड़े गये एक्टिवेटेड सिम के सौदागर
प्रयागराज (ब्यूरो)। तस्कर सिम कार्ड को एक्टिवेट करके गैर प्रांतों में जरिए कोरियर भेजा करते थे। इन कार्डों की डील वह माफिया, अपराधी और साइबर शातिरों से सैकड़ों रुपये में किया करते थे। क्या पता कि पकड़े गए तस्कर आपके नाम का सिम कार्ड भी अपराधियों के हाथ न बेच दिए हैं। इसलिए, आम लोगों की चिंता बढ़ाने वाला यह मामला अब गंभीरता से जांच व सतर्क रहने का विषय बन गया है। क्योंकि मोबाइल के सिम कार्ड की तस्करी में वोडाफोन कंपनी के डीएससी से लेकर डिस्ट्रीब्यूटर तक का हाथ है। पूछताछ में तीनों ने कबूल किया है कि अब तक वह इन कंपनियों के करीब पांच हजार सिम कार्ड की सप्लाई कर चुके हैं। गैंग के प्रकाश में आए चार वांछित गुर्गों की पुलिस तलाश है। साइबर सेल और कैंट थाने की पुलिस को मिली इस सफलता का खुलासा एसएसपी व एसपी क्राइम द्वारा किया गया।
पुलिस ने बरामद किये 393 सिम
मोबाइल सिम कार्ड की तस्करी करने वाले गैंग का गिरफ्तार गुर्गा इकबाल अहमद वोडाफोन कंपनी में डीएससी के पद पर कार्यरत बताया गया है। वह लखीमपुर खीरी जिले के फूलबहेड़ थाना क्षेत्र स्थित ककरपिट्टा गांव निवासी असगर अली का बेटा है। पकड़ा गया इसका साथी कलीश अहमद सिम कार्ड एक्टिीवेट करने में माहिर है। कलीश सीतापुर जिले के लहरपुर थाना क्षेत्र स्थित सूजाबाद निवासी सोहराब अली का बेटा है। जबकि शैलेश यादव पुत्र शीहल यादव पुत्र शीहल यादव लखनऊ जिले के गुडम्बा थाना क्षेत्र स्थित एमएलआईजी 1/18 सेक्टर एच जानकीपुरम का रहने वाला है। इनके पास से पुलिस को 124 फेक आधार कार्ड, 393 वोडाफोन, आइडिया के अनएक्टिवेटेड सिम कार्ड, एक अदद फिंगर पिं्रट एक्टिवेटर मशीन, एक लैपटॉप, सात मोबाइल फोन व 24600 रुपये नकद बरामद किए गए हैं। एसएसपी ने कहा कि गैंग दूसरों के नाम से फर्जी आधार कार्ड भी बनाया करते थे। इन फेक बनाए गए आधार कार्ड का प्रयोग वह फर्जी नाम एवं पते से सिम कार्ड खरीदने का काम किया करते थे। यह शातिर प्रति सिम कार्ड की 700 से 550 रुपये में पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखण्ड, गुजरा, राजस्थान, हरियाणा और दिल्ली जैसे प्रदेशों में ऑन डिमांड कोरियर से भेजा करते थे। पूछताछ के आधार पर अफसरों ने कहा कि इनके जरिए अब तक करीब पांच हजार सिम कार्ड की तस्करी की जा चुकी है।
इस तरह से अरेंज करते थे सिम कार्ड
पुलिस के मुताबिक गिरफ्तार किया गया इकबाल अहमद वोडाफोन कंपनी में डीएससी के पद तैनात है।
वह अपने डिस्ट्ीब्यूटरों से अनएक्टिवेटेड प्रति सिम कार्ड पांच रुपये की दर से खरीदा करता था
खरीदे गए अन एक्टिवेटेड सिमकार्ड का फर्जी केवाईसी के जरिए फेक आधार कार्ड का प्रयोग कर एक्टिवेट कर लेता था
इसके बाद एक्टिवेटेड सिम कार्ड को सौ से 150 रुपये में सहयोगी कलीश अहमद के हाथ बेच देता था।
कलीश अहमद अपने मोबाइल दुकानदार साथी कलीम निवासी लखीमपुर खीरी के सपोर्ट से सिम में फर्जी केवाईसी द्वारा पेटीएम एक्टिवेट कराता था
पेटीएम एक्टिवेटेड सिम को तीसरे साथी शैलेस यादव को 300 से 350 रुपये प्रति सिम की दर से बेच देता था। शैलेश पेटीएम में नौकरी कर चुका है
शातिर शैलेश इन पेटीएम एक्टिवेटेड सिम में जीएसटी की साइट से लोगों के पैन कार्ड नंबर निकाल कर एड कर देता था
इससे पेटीएम केवाईसी कम्प्लीट हो जाती थी और लेन देने की लिमिट बढ़ जाती थी, इस तरह पेटीएम एक्टिवेटेड प्रति सिम की डील सैकड़ों रुपये में किया करते थे
दोबारा फिंगर और फोटो से सावधान
साइबर सेल प्रभारी निरीक्षक सुजीत कुमार दुबे व एक्सपर्ट साइबर क्राइम जय प्रकाश सिंह, एवं कैंट थाने के उप निरीक्षक वशीर अहमद ने सतर्क करने वाली एक अहम जानकारी दी। दूसरों के नाम पर सिम लेने का एक और तरीका शातिर अपनाया करते थे। इसमें डिस्ट्रीब्यूटर का अहमद रोल बताया गया। कहना है कि डिस्ट्रीब्यूटर सिम खरीदने के लिए पहुंचने वालों का आधार की फोटो कॉपी लेते हैं। फिर खरीदार की फोटो और फिंगर लगवाते हैं। इसी बीच डिस्ट्रीब्यूटर कहते हैं कि फोटो सही नहीं और दोबारा खिंचवाइए और फिंगर लगाइए। पहली बार ली गई फोटो व फिंगर प्रिंट को वे अपने कम्प्यूटर में सेव कर लेते हैं। जबकि दोबारा लिए गए फिंगर प्रिंट व फोटो के जरिए सिम खरीदार को देते हैं। इसके बाद पहली बार सेव की गई खरीदार की फोटो व फिंगर के जरिए उसी के नाम दूसरा सिम कार्ड निकालकर एक्टिवेट करने के बाद बेच देते थे।
गिरफ्तार किए गए गैंग के तीनों गुर्गों ने इस तस्करी से जुड़े चार और साथियों के नाम कबूल किए हैं। इनमें कलीम पुत्र नशरत खान निवासी जिला खीरी थाना फूलबेहड़ गांव दुधवा, कपिल वर्मा पुत्र राम भूकन निवासी सीतापुर थाना लहरपुर के पिपरिया गांव और सीतापुर के ही हरगांव थाना क्षेत्र स्थित नकुरी कला गांव निवासी राममूर्ति पुत्र रामसेवक व पश्चिम बंगाल के नवादा मुर्शीदाबाद निवासी राजू मंडल शामिल हैं। यह चारों भागे हुए हैं। जिनकी तलाश में पुलिस जुट गई है।
यह एक गंभीर विषय है। इस मामले की गहराई से पड़ताल कराई जाएगी। वोडाफोन आइडिया कंपनी को भी पत्र लिखा जाएगा साथ ही सिक्योरिटी को लेकर पूछताछ भी की जाएगी। तस्करी करने वाले गैंग के एक-एक गुर्गे को गिरफ्तार किया जाएगा।
- अजय कुमार, एसएसपी प्रयागराज