पब्लिक से फ्राड करने वाले साइबर शातिरों को एक्टिवेटेड सिम कार्ड जियो कंपनी का पूर्व मैनेजर सुजान मण्डल बेचा करता था. इस काम में उसका सपोर्ट दोस्त विश्वजीत बर्मन व आशीष बर्मन किया करते थे. यह तीनों बंगाल के मालदा जनपद स्थित हबीबनगर हलदरपारा और बोक्सी नगर के निवासी हैं. इन तीनों अभियुक्तों की गिरफ्तारी साइबर थाने की टीम द्वारा की गई. बुधवार को आईजी डॉ. राकेश सिंह ने खुलासा पूरे मामले का खुलासा किया. पूछताछ में टीम को जो बातें इनके जरिए बताई गईं उसे जानकर खुद टीम के जवान अफसर भी हैरत में पड़ गए. यह कोई पहली बार नहीं जब इस तरह का केस प्रकाश में आया है. इसके पूर्व भी गैंग के आधा दर्जन गुर्गे गिरफ्तार किए गए थे.

प्रयागराज (ब्यूरो)। मीडिया के सामने तीनों अभियुक्तों को पेश करते हुए रेंज कार्यालय में आईजी ने मंगलवार को मामले का खुलासा किया। आईजी के मुताबिक सुजान मण्डल मालदा में जियो कंपनी में मैनेजर था। अपने अंडर में काम करने वाले डिस्ट्रीब्यूटर व रिटेलर को टारगेट पूरा करने का वह दबाव बनाकर उनसे आधार कार्ड व नाम एवं एड्रेस में छेड़छाड़ करके मोबाइल सिम को एक्टिवेट करवाता था। उसके दबाव में आकर डिस्ट्रीब्यूटर विश्वजीत व आशीष फर्जी नाम और एड्रेस पर सिम एक्टिवेट करके सुजान को वापस कर देते थे। सुजान प्राप्त एक्टिवेटेड सिम को रायपुर के आलम सेठ को प्रति सिम कार्ड 80 से 90 रुपये में बेच देता था। उससे खरीदे गए इस एक्टिवेटेड सिम को आलम सेठ साइबर शातिरों के हाथ बेच दिया करता था। आईजी की मानें तो आशीष और विश्वजीत बिहार एवं झारखंड के शातिर साइबर अपराधियों को सैकड़ों सिम की सप्लाई कर चुके हैं। साइबर शातिर इस सिम का प्रयोग पब्लिक के साथ फ्राड करने में किया करते हैं।

इस तरह टीम ने किया खुलासा
आईजी ने बताया कि कीडगंज के किलाकर्मी घनश्याम से करीब दो साल पहले एयरटेल सिम को रिचार्ज करने के नाम पर 16 लाख रुपये की ठगी की गई थी।
उसकी शिकायत पर मुकदमा दर्ज करके पुलिस मामले की छानबीन में जुट गई।
तफ्तीश में जुटी साइबर थाने की टीम को मालूम चला कि ठगी के लिए शातिरों द्वारा जिस सिम का प्रयोग हुआ वह झारखंड के एक व्यक्ति के नाम है।
उस वक्त टीम द्वारा दीपक मंडल और उसके छह गिरफ्तार किए गए थे। इसी मामले की विवेचना आगे बढ़ी तो सुजान समेत उसके अन्य साथियों का नाम प्रकाश में आया।
कड़ी मशक्कत के बाद टीम ने उन्हें भी गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में इन तीनों ने भी अपना गुना कबूल कर लिया है


हजारों की नौकरी करोड़ों का मकान
साइबर थाने के इंस्पेक्टर राजीव तिवारी की माने तो सुजान एमए तक की शिक्षा अर्जित किया है। पढ़ाई के बाद उसे प्रति महीने 16 हजार रुपये की जियो कंपनी में नौकरी मिली थी। इस 16 हजार की नौकरी करने वाला शातिर करीब डेढ़ करोड़ के कीमत की आलीशान हवेली बनवा रखा है। विश्वजीत व आशीष के मकान की कीमत भी कम नहीं है। उन दोनों के मकान की अनुमानित कीमत इंस्पेक्टर द्वारा लाखों में बताई गई। जबकि इन दोनों की पगार महज 08 से 10 हजार ही थे। माना जा रहा कि तरक्की की यह सीढ़ी तीनों एक्टिवेटेड सिम को बेचकर ही पढ़े हैं।

Posted By: Inextlive