संपत्ति के बंटवारे की वैधानिक घोषणा है वसीयत
प्रयागराज ब्यूरो । सीनियर सिटिजन काउंसिल की सामान्य सभा की बैठक सोमवार को होटल नवीन कॉन्टिनेंटल में आयोजित की गयी। अध्यक्षता राजीव माहेश्वरी ने की। अतिथि वक्ता एसके गर्ग ने कहा कि स्वयं अर्जित सम्पति को कोई भी हिन्दू अपनी इच्छानुसार वसीयत के माध्यम से (मृत्यु के पश्चात) बांट सकता है। इस पर किसी प्रकार का कोई प्रतिबंध नहीं है। वसीयत संपत्ति के बंटवारे की वैधानिक घोषणा है। वसीयत पर दो गवाहों में से एक डॉक्टर का भी हस्ताक्षर होना अधिक उचित रहता है। वसीयत में नाम, पैन व आधार के साथ सभी संपत्तियों का सम्पूर्ण विवरण तथा उसके लाभदाई का भी स्पष्ट विवरण दिया जाना चाहिए। ऐसी संपत्ति के हस्तांतरण पर किसी प्रकार का शुल्क देय नहीं होता है।दोहरे अर्थ वाली नहीं होनी चाहिए वसीयत की भाषा
जस्टिस राजेश कुमार ने बताया कि वसीयत के अभाव में, हिन्दू सक्सेसन अधिनियम की धारा 14 के अनुसार संपत्ति का हस्तांतरण होगा। वसीयत के सन्दर्भ में मतभेद होने पर वसीयतकर्ता की भावनाओं को भी ध्यान में रखा जायेगा। सचिव सीए (डा) नवीन चंद्र अग्रवाल ने स्पष्ट किया कि वसीयत की भाषा दोहरे अर्थ निकालने वाली नही होनी चाहिए क्योंकि वही अनावश्यक मुकदमेबाजी को जन्म देती है। डॉ अग्रवाल ने बताया कि देश की स्वतंत्रता के पश्चात सरदार पटेल केवल हिंदुओं के लिए ऐसा अधिनियम बनाने के विरोध में थे, इसीलिए उनकी मृत्यु के बाद ही हिंदू सक्सेसन अधिनियम बनाया जा सका था। अध्यक्ष राजीव माहेश्वरी ने अतिथियों का स्वागत किया। परिचय उपाध्यक्ष नरेश राय ने कराया, समृति चिन्ह न्यासी दिनेश रस्तोगी ने दिया तथा धन्यवाद कोषाध्यक्ष रवीन्द्र गुप्ता ने ज्ञापित किया। व्याख्यान के पश्चात सदस्यों के प्रश्नों के उत्तर भी दिये गये।