तीन दिन पहले भी किसी ने दरवाजा खटखटाया था.

प्रयागराज ब्यूरो । एक डकैत लंगड़ा कर चल रहा था। इस बात की चर्चा होने पर लोगों ने आशंका जताई कि लंगड़ा कर चलने वाले युवक के साथ कई लोग बाजार में कई दिन से घूम रहे थे। वे शायद रेकी कर रहे थे। संतोष ने बताया कि घटना के तीन दिन पहले भी किसी ने दरवाजा खटखटाया था। तब भाई अशोक ने दरवाजा खोला था। मगर बाहर खड़े युवक ने उल्टी सीधी हरकत शुरू कर दी। जिस पर अशोक ने उसे फटकार कर भगा दिया। शायद डकैत ये जानना चाहते थे कि खटखटाने पर दरवाजा खुल जाता है या नहीं।

घटना के पहले बाहर कर दिया अंधेरा
डकैतों को सीसीटीवी कैमरा लगा होने का डर था। शायद इसीलिए अशोक के घर के बाहर और रामाबाबू सोनी की दुकान के बाहर लगा बल्व गायब था। दोनों जगह बाहर अंधेरा था। जबकि दोनों जगह शाम होते ही पर्याप्त रोशनी के लिए बल्व जला दिया जाता था।


भुलाए भूल नहीं रहा खौफनाक मंजर
घटना के शिकार हुए संतोष केसरवानी खौफनाक मंजर को भूल नहीं पा रहे हैं। एसआरएन अस्पताल में भर्ती संतोष कभी पत्नी आरती को देखते हैं तो कभी भाई अशोक को। संतोष ने बताया कि आगे वाले कमरे में बड़े भाई अशोक सो रहे थे। जब उनकी नींद टूटी तो अशोक छोड़ देने के लिए चिल्ला रहे थे। जाहिर सी बात है कि दरवाजा अशोक ने खोला होगा तभी डकैत अंदर घुसे। क्योंकि घर के अंदर घुसने का और कोई रास्ता नहीं है। बकौल संतोष जब उन्होंने भाई की आवाज सुनी तो वह चिल्लाते हुए अपने कमरे से बाहर की ओर निकले। तभी चार डकैतों ने उन्हें पकड़ लिया। पत्नी आरती ने दरवाजा अंदर से बंद करना चाहा तो एक डकैत ने दरवाजे पर पैर अड़ा दिया। इस बीच डकैतों ने संतोष को मारना शुरू कर दिया तो पत्नी आरती ने हाथ जोड़कर सब ले जाने के लिए कहा। इतना सुनते ही डकैत कमरे में घुस गए और आलमारी खोलकर सामान समेटने लगे। इसके पहले डकैत बाहर के कमरे में दुकान से सामान समेट चुके थे।

पुराने कपड़े और चप्पल पहने थे डकैत
संतोष ने बताया कि घर के अंदर चार डकैत घुसे थे। एक डकैत ने लोवर और टीशर्ट पहनी थी। इसने अपना चेहरा ढंक रखा था। और वही अन्य डकैतों को बता रहा था। इसके हाथ में तमंचा था। दूसरे ने हाफ पैंट और टीशर्ट। तीसरे ने फुल पैंट और शर्ट पहन रखी थी। चौथे डकैत को वह देख नहीं पा रहे थे।

टेप और रस्सी लेकर आए थे डकैत
डकैत टेप और रस्सी अपने साथ लेकर आए थे। क्योंकि घटना में अशोक और संतोष को रस्सी से बांधने के बाद उनके मुंह पर टेप लगा दिया था। वहीं, रामकृपाल की पत्नी को भी रस्सी से बांधकर उसके मुंह पर टेप लगा दिया था। आंचल को भी रस्सी से बांध कर खेत में ले गए थे।

सरगना के कहने पर छोड़ा बच्चों को
संतोष ने बताया कि एक डकैत ने उनकी पत्नी से अंगूठी मांगी। अंगूठी उतारने में देर होने पर डकैत ने हाथ पकड़ कर अंगूठी खींच ली। जिससे आरती की उंगली टूट गई। एक डकैत ने बच्चों को मारने के लिए कहा। मगर मुंह ढंके डकैतों के सरगना ने बच्चों को छोड़ देने के लिए। जिस पर बच्चों को डकैतों ने कोई नुकसान नहीं पहुंचाया। दोनो बच्चे लक्ष्य और लक्षिका डरे सहमे कमरे में दुबके रहे।

Posted By: Inextlive