एक लापरवाही जिससे जान पर बन आई
प्रयागराज (ब्यूरो)।कोरोना काल में अनाथ हुए बच्चों के साथ शायद ही ऐसी लापरवाही की उम्मीद की जा सकती है। उन्हें आयुष्मान कार्ड तो उपलब्ध कराया गया लेकिन उसे आधार से लिंक नही कराया गया। जिससे एज फैक्टर क्लीयर नहीं होने पर उसे दो साल बाद भी एक्टिव नही किया जा सका। पता तब चला जब एक बच्चे की तबियत खराब हो गई और मौके पर उसे इलाज नहीं मिल सका। जिसके बाद प्रशासनिक अमले में हड़कंप मच गया।
दिखावे के लिए दिए गए थे कार्ड?
वर्ष 2021 में कोरोना संक्रमण के दौरान माता-पिता दोनों के खत्म हो जाने के बाद एक दर्जन से अधिक बच्चों को आयुष्मान कार्ड वितरित किए गए थे। पीएम केयर फंड से वितरित इन कार्ड के जरिए लाभार्थी को एक साल में पांच लाख तक फ्री इलाज मुहैया कराया जाना था। लेकिन पिछले सप्ताह जब अकबरपुर के रहने वाले शिवांग त्रिपाठी की तबियत खराब हुई तो परिजनों ने उसे अल्लापुर के एक निजी अस्प्ताल में भर्ती कराया। तब पता चला कि यह कार्ड इन एक्टिव है और इससे इलाज नही कराया जा सकता है। ऐसे में अस्पताल प्रशासन ने इलाज करने से मना कर दिया और परिजनों का काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।
दिल्ली भेजे गए कार्ड
इस मामले की जानकारी होने पर दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने सीडीओ गौरव कुमार को सूचना दी। उन्होंने शिवांग का इलाज शुरू कराने के साथ कार्ड को तत्काल एक्टिव करने के निर्देश दिए गए। दिल्ली भेजे जाने के बाद स्वास्थ्य विभाग को बताया गया कि कार्ड को आधार कार्ड से लिंंंक कराना होगा। एज फैक्टर क्लीयर होने पर ही इसे एक्टिव किया जा सकेगा। क्योंकि यह आयुष्मान कार्ड पीएम केयर फंड के जरिए प्रोवाइड कराए गए हैं और इसमें 23 साल से अधिक उम्र के लोगों को लाभांवित नही किया जा सकता है। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों क कहना है कि जिला प्रोबेशन अधिकारी को कार्ड को आधार से लिंक कराने की जानकारी दी गई है।
हमारे पास दिल्ली से मैसेज आ गया है। या तो जिला प्रोबेशन अधिकारी के जरिए आधार से लिंक कराया जाएगा या हम सभी लाभार्थियों को बुलाकर बायोमेट्रिक के जरिए यहीं पर आधार से लिंक करा देंगे। जल्द ही कार्ड को एक्टिव करा दिया जाएगा।
डॉ। राजेश सिंह, डिप्टी सीएमओ स्वास्थ्य विभाग प्रयागराज