सरकारी व निजी अस्पतालों में दूषित पानी के सेवन से लगातार बढ़ रही मरीजों की संख्या दैनिक जागरण आई-नेक्स्ट द्वारा चलाए जा रहे 'सेहत न बिगाड़ दे पानीÓ कैंपेन में डाक्टरों ने दी नसीहत आपके स्वास्थ्य का पानी से सीधा रिश्ता है. पीने के पानी की स्वच्छता के मामले में यदि कोई असावधानी होती है तो कई तरह के रोग शरीर को घेरने में देर नहीं लगाते. डाक्टरों के मुताबिक प्रदूषित पानी की वजह से डायरिया टायफाइड एवं ज्वाइंडिस के सबसे अधिक मामले आते हैं. दैनिक जागरण आई-नेक्स्ट द्वारा चलाए जा रहे 'सेहत न बिगाड़ दे पानीÓ कैंपेन में डाक्टरों ने दूषित पानी से होने वाली बीमारियों से बचने की सलाह दी. रिपोर्टर ने कैंपेन के पांचवें दिन सरकारी व प्राइवेट अस्पतालों में पहुंच कर दूषित पानी पीने से बीमार पड़ रहे बच्चे व लोगों के बारे में जानकारी ली. पता चला कि दूषित पानी पीने के कारण लगातार टायफाइड के मरीजों की संख्या बढ़ रही है. चिकित्सकों का भी यही कहना है कि आज के भागदौड़ भरे जीवन में यदि नियमित स्वच्छ पानी ही पिया जाए तो कई तरह की बीमारियों से बचा जा सकता है. इस दूषित पानी से सबसे ज्यादा बच्चें प्रभावित हो रहे हैं.

विनय कुमार सिंह

अधिकांश बच्चे और महिलाएं बीमारी की चपेट में
दैनिक जागरण आई-नेक्स्ट की टीम ने कर्नलगंज स्थित सरकारी चिल्ड्रन अस्पताल, बालसन चौराहा और सिविल लाइंस समीप तमाम प्राइवेट अस्पतालों में पड़ताल की तो पता चला कि यहां दूषित पानी से बीमार होने वालों की संख्या सबसे अधिक है। इस बाबत चिकित्सकों ने बताया कि पानी में विभिन्न प्रकार के रसायन होते हैं, जिनके कारण कई तरह की बीमारियां हो सकती हैं। पानी में मिले हुए कीटनाशक शरीर पर असर डालते हैं।
इससे नर्वस सिस्टम तो प्रभावित होता ही है, इसके अलावा कीटनाशक में पाए जाने वाले रसायन के कारण प्रजनन क्षमता तक प्रभावित हो सकती है। भूमिगत संक्रमित जल में लेड की मात्रा भी पाई जाती है। लेड पानी के माध्यम से हमारे शरीर में जाकर जमा हो जाता है। इसका सबसे ज्यादा प्रभाव बच्चों और महिलाओं पर पड़ता है। पीने योग्य पानी में कभी-कभी नाइट्रेट्स भी मिले होते हैं। यह फॉर्मूला दूध पीने वाले शिशु के लिए प्राणघातक सिद्ध हो सकता है। नाइट्रेट्स मस्तिष्क तक पहुंचने वाले ऑक्सीजन की मात्रा को कम कर देते हैं, जिनके कारण बच्चों में 'ब्लू बेबी सिंड्रोमÓ उत्पन्न हो सकता है। नाइट्रेट्स आंत के कैंसर के लिए भी जिम्मेदार होते हैं।


उल्टी, दस्त बीमारी और बचाव

उल्टी, दस्त जैसी बीमारियां पानी व खाद्य पदार्थों में बैक्टीरिया और वायरस से फैलती हैं। मानसून के दौरान इस रोग का सबसे ज्यादा प्रकोप देखने में आता है। इससे बचने का सबसे कारगर उपाय यही है कि बाहरी खाद्य सामग्री और दूषित पानी से दूरी बरती जाए। इन दिनों पानी को भी हल्का उबाल कर पीना चाहिए। खाना खाने से पहले हाथ धोना कभी न भूलें। इन दिनों घर में या आसपास पानी इकठ्ठा न होने दें। खाने-पीने के बरतनों की सफाई नियमित करें। रखे हुए साफ बरतनों पर भी बैक्टीरिया का हमला हो सकता है। यदि किसी छोटे व बड़े व्यक्ति को बार-बार उल्टी व दस्त हो रहे हों, तो हो सकता है कि इसकी वजह पिया गया पदूषित पानी हो।
अचानक वजन कम होना हो सकता है कारण
कुछ लोगों में इसके कारण अचानक से वजन कम होने की शिकायत भी देखी गई है। ऐसे रोगी के शरीर में पानी की कमी हो सकती है। इसे देखते हुए जरूरी है कि आप उन्हें लगातार नींबू, नमक और चीनी का घोल पिलाएं। ओआरएस का घोल देना उपयोगी रहता है। यदि उल्टी-दस्त रुकने का नाम न लें तो डॉक्टर के पास जाने में देर बिल्कुल न करें। चिकित्सकों का कहना है कि कई मरीजों में उल्टी-दस्त के साथ डीहाइड्रेशन व पेट दर्द की भी शिकायत देखने में आती है।

चर्म रोग की भी हो सकती है शिकायत
बहुत बार त्वचा संबंधी रोगों का कारण दूषित पानी से हो सकता है। प्रदूषित पानी पीने के कारण त्वचा में कई तरह की एलर्जी या दाग-धब्बे होना कोई बड़ी बात नहीं। इन रोगों से बचाव के लिए सावधानी बरतना ही सबसे कारगर तरीका है। यदि आप सचमुच चाहते हैं कि जलजनित रोगों से आपका परिवार सुरक्षित रहे तो अपने घर में पानी की गुणवत्ता को सुनिश्चित करें।


उचित मात्रा में पानी पीने से शरीर में किसी भी प्रकार की एलर्जी होने की आशंका कम हो जाती है। साथ ही फेफड़े में संक्रमण, अस्थमा और आंत की बीमारियां आदि भी नहीं होते। नियमित भरपूर शुद्ध पानी पीने से पथरी होने का खतरा भी टला रहता है। पर्याप्त पानी पीने वाले अकसर सर्दी, जुकाम जैसे रोग भी नहीं घेरते।
वर्जन - अनुराग श्रीवास्ताव, शिशु एवं बाल्यरोग चिकित्सक


यदि पीने का पानी दूषित है तो कई बीमरियां चपेट में ले सकती हैं। ये बीमारियां गंदे पानी में रहने वाले छोटे-छोटे जीवाणुओं के कारण होती हैं, जो पानी के साथ से हमारे शरीर में प्रवेश कर जाते हैं। ऐसे पानी की वजह से होने वाली बीमारियां कई प्रकार की हो सकती हैं। जिनमें वायरस, बैक्टीरिया, प्रोटोजोआ और पेट में होने वाले रिएक्शन प्रमुख हैं। इनके मरीजों की संख्या भी बढ़ी है।

- अरूण कुमार गुप्ता, बीएचएमएस


दूषित पानी पीने से बैक्टीरियल इंफेक्शन हो सकता है, जिसकी वजह से हैजा, टाइफाइड, पेचिश जैसी बीमारियां आसानी से किसी को भी अपना शिकार बना सकती हैं। इसके अलावा गंदा पानी पीने से वायरल इंफेक्शन भी हो सकता है। वायरल इंफेक्शन के कारण हेपेटाइटिस ए, फ्लू, कॉलरा, टायफाइड और पीलिया जैसी खतरनाक बीमारियां होती हैं। ऐसे में दूषित पानी के सेवन से बचने की जरूरत है।
वर्जन - विशाल श्रीवास्ताव, शिशु एवं बाल्यरोग चिकित्सक

47
से अधिक बच्चें भर्ती है चिल्ड्रन अस्पताल में
8
से दस मरीज में एक मरीज दूषित पानी के चलते बीमार होने पर पहुंच रहा अस्पताल
01
से दो पैकेट ओआरएस दिन भर में ज्यादातर बच्चों को पीने की डाक्टर दे रहे सलाह
30
प्रतिशत के करीब इन दिनों मौसम बदलने से बीमार हो रहे लोग
07
प्रतिशत के करीब हर अस्पातल में दूषित पानी पीने के चलते भर्ती हैंै मरीज


अगर आपके यहां भी पानी की सप्लाई होती है और शंका बनी रहती है। आप किस तरह से पानी को शुद्ध करके सेवन करते हैं। तरीकों को व्हाट्सएप नंबर पर
साझा कर सकते हैं।
8948001555

Posted By: Inextlive