80 हजार व्यापारियों को मिली राहत
प्रयागराज (बयूरो)। 15 नवंबर से जीएसटी पोर्टल में हुए बड़े बदलाव से व्यापार प्रसन्न हैं। व्यापारी जो कंपोजिशन स्कीम में नहीं है उसे प्रति माह 20 तारीख तक संगत माह का जीएसटी आर थ्रीबी जमा करना होता है। अभी तक लेट जीएसटी जमा करने पर पर ब्याज लिया जाता था। जिसे व्यापारी द्वारा स्वयं गणना कर टेबल 6.1 में भरकर जमा किया जाता था। नई व्यवस्था के अंतर्गत अब जितने दिन बाद में विलंब से टैक्स जमा होगा उस पर ब्याज की गढऩा पोर्टल द्वारा करके दी जाएगी। यदि जीएसटी विलंब से जमा किया जाता है किंतु संगत माह में कोई कर देयता नहीं है तो ब्याज की गणना नहीं होगी लेकिन लेट फीस जमा करनी होगी।
यह भी जानना है जरूरी
रिवर्स चार्ज मेकैनिज्म (आरसीएम) पर लगने वाले टैक्स को नगद जमा किया जाता है और संगत माह में यदि कोई रिवर्स चार्ज मेकैनिज्म पर कर की देयता है, तो ऐसे में टैक्स ना होने पर भी रिवर्स चार्ज मेकनिज्म पर देय कर पर ब्याज देना होगा। इसका सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि विभाग के द्वारा ब्याज की गणना के नाम पर व्यापारी को जो नोटिस दी जाती थी वह पोर्टल द्वारा गणना करने के कारण अब नहीं ली जा सकेगी।
व्यापारियों के लिए यह राहत की बात है। अब उनको लेट फीस के लिए नोटिस का सामना नही करना होगा। इस बदलाव से व्यापारी खुश हैं।
राजेश अग्रवाल, व्यापारी
मुकेश अग्रवाल, व्यापारी जीएसटी पोर्टल पर लगातार सुधार हो रहे हैं। इनमें से कुछ सुधार व्यापारियों के लिए बेहतर होते हैं। सबसे अहम कि इस बदलाव से व्यापारियों का तनाव कम होगा।
महेंद्र गोयल, प्रदेश अध्यक्ष, कैट किसी भी माह की बीस तारीख के भीतर जीएसटी आर थ्रीबी जमा नही करने पर प्रतिदिन लेट फीस निधारित होती है। इसकी गणना कठिन होती थी। अब यह पोर्टल द्वारा आसान कर दिया गया है।
मो। अकरम, व्यापारी