80 हजार लगी 90 किलो के बकरे की बोली
कोरोना के चलते बकरीद पर कई एरिया में नहीं लगी बकरा मंडियां
prayagraj@inext.co.in PRAYAGRAJ: कोरोना महामारी का प्रभाव भले ही कम हो गया हो, लेकिन बकरीद पर कुर्बानी के लिए आने वाले बकरों की खरीद फरोख्त पर सीधा असर दिख रहा है। इस बार पिछले सालों के मुकाबले कई एरिया में लगने वाली बकरा मंडी को नहीं लगाया गया। इसका बड़ा कारण बाहर से आने वाले बकरों की खेप इस बार नहीं पहुंच पाना भी है। कुर्बानी को लेकर बकरों की डिमांड अधिक होने के कारण उनका रेट भी इस बार हाई है। गलियों में हो रही खरीद फरोख्तबकरीद को लेकर कई दिनों पहले से ही सिटी के नखासकोहना, घंटाघर, करेली बैरियर के पास लगने वाली बकरा मंडी इस बार कोविड 19 को देखते हुए नहीं लगाई गई है। इस बार रोड के किनारे और गलियों में बकरों को बेचा जा रहा है। करेली के कलीम बताते हैं कि कोरोना के पहले तक कौशांबी, फतेहपुर समेत कई दूसरे शहरों से भी बड़ी संख्या में बकरे मंगाए जाते थे। सिटी के कई एरिया में मंडियां लगती थी। इस बार सप्लाई ही पूरी नहीं आयी है। इसलिए भी मंडियां नहीं सजी हैं।
दो गुना हो गए बकरों के दामबकरीद पर बकरों की कुर्बानी की पुरानी परम्परा है। आज भी मुस्लिम समुदाय के लोगों पूरी शिद्दत के साथ इस परम्परा को निभाते है। लेकिन कोरोना के इफेक्ट का ही असर है कि बकरों की कमी के कारण इस बार उनके दामों में भी दो गुना से अधिक बढ़ोत्तरी हुई है। करेली में बकरा बेचने आए दरियाबाद के मोहम्मद शाहिद ने बताया कि इस बार बकरों के दाम काफी बढ़ गए है। पहले जो बकरों की कीमत 12,000 रुपए के करीब हुआ करती थी। अब उन्हीं वजन के बकरों की कीमत 25,000 से 30,000 में बिक रहे हैं।
बकरों को खाने में देते थे काजू और बादामबकरा बेचने पहुंचे दरियाबाद के ही मोहम्मद ताहिर ने बताया कि उनके बकरे का वजन 90 किलो है। जिसकी कीमत 80,000 रुपए लगी है। उन्होंने बताया कि बकरों को पालने में भी उन्होंने काफी पैसा खर्च किया है। ताहिर ने बताया कि उन्होंने अपने बकरों को काजू और बादाम तक खिलाया है। नियमित रूप से सुबह वह बकरों को खाने के लिए भीगा हुआ बादाम और काजू देते थे। जिससे उनकी सेहत अच्छी रहे और उनके अच्छे दाम मिल सके। बकरों की आवक इस बार काफी कम है। पिछले सालों तक बाहर से बड़ी संख्या में बकरे आते थे। लेकिन इस बार डिमांड पूरी करने में दिक्कत आ रही है।
कामरान सत्तार शेख बकरों की डिमांड अधिक है और सप्लाई कम है। ऐसे में उनका रेट भी इस बार काफी अधिक है। मोहम्मद शहिद बकरीद पर कुर्बानी सभी लोग करते हैं। लेकिन इस बार मंडियां नहीं लगने से काफी दिक्कत हो रही है। सैय्यद ताहिर हुसैन इस बार बकरीद पर बकरों के दाम कई गुना अधिक है। जो बकरे पिछले सालों तक 8 से 10 हजार में मिल जाते थे। उनकी कीमत 18 से 20 हजार तक पहुंच गई है। हाजी सलाम अतउल्ला खान बकरीद पर कई लोग एक से अधिक बकरों की कुर्बानी देते हैं। इस बार लगता है एक ही बकरा कुर्बानी के लिए रखना होगा। क्योंकि इस बार बकरों की काफी कमी हैऔर डिमांड अधिक है। फैयाज अहमद कुरेशी