इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में सोमवार हुए बवाल के तीसरे दिन माहौल नार्मल रहा. यूनियन हॉल के सामने चल रहे धरना पर कुछ ही छात्र नजर आए. ऐहतियात के तौर पर विश्वविद्यालय में फोर्स का मूवमेंट बुधवार को भी बना रहा. छात्रों की गतिविधियों पर पुलिस व जांच एजेंसियों की पैनी नजर रही. दूसरी ओर एक टीम बवाल वाले दिन के सीसीटीवी कैमरों के फुटेज को खंगालने में जुटी रही.

तीसरे दिन माहौल शांत रहा माहौल, पुलिस द्वारा खंगाले सीसीटीवी कैमरों के फुटेज
फुटेज में दिखाई दे रहे युवाओं की डिटेल जानने के लिए यूनिवर्सिटी के जिम्मेदारों से पुलिस ले रही मदद
यूनिवर्सिटी सुरक्षा गार्ड भी मारपीट करते हुए फुटेज में आए नजर, गार्डों के कर्नल को पुलिस ने किया कॉल

प्रयागराज (ब्‍यूरो)। देर शाम तक चली तफ्तीश में बवाल से जुड़े कई फुटेज पुलिस के हाथ लगे। सर्च किए गए कुछ फुटेज में करीब 50 से 60 युवा दिखाई दिए। इनमें हर शख्स की एक्टिविटी बवाल वाली दिखाई दी। अब उनके बारे में पता लगाने के लिए पुलिस यूनिवर्सिटी के जिम्मेदारों की मदद लेगी। कुछ फुटेज में मारपीट करते यूनिवर्सिटी के सुरक्षा गार्ड भी नजर आ रहे हैं। उनकी डिटेल हासिल करने के लिए पुलिस अफसरों के द्वारा गार्डों के कर्नल रजत कुमार को कॉल किया गया है। कर्नल सैनिक कल्याण बोर्ड के रिटायर्ड अफसर बताए जा रहे हैं।

फुटेज नहीं दिख रही फायरिंग व लूट
बवाल के पूर्व सुरक्षा गार्डों से हुई मारपीट में घायल पूर्व छात्र नेता की ओर से तीन नामजद व 40 अज्ञात गार्डों के खिलाफ 307 यानी हत्या के प्रयास सहित कई गंभीर धाराओं में केस दर्ज कराया गया है।
जांच में जुटी पुलिस के हाथ लगे घटना के फुटेज में गार्डों के द्वारा फायरिंग किए जाने जैसे साक्ष्य अब तक नहीं मिले हैं।
फायरिंग के प्रकरण में की गई छानबीन से पुलिस को मालूम यह चल रहा कि कहीं दूर से किसी चीज की आवाज आई है। फुटेज में एक भी गार्ड फायरिंग करते हुए दिखाई नहीं दे रहा।
सुरक्षा गार्ड की ओर से दर्ज एजी प्रभाकर सिंह द्वारा दी गई तहरीर पुलिस द्वारा मारपीट में घायल पूर्व छात्र नेता विवेकानन्द पाठक सहित आठ छात्र नामजद किए गए हैं।
इन आरोपित छात्रों के खिलाफ तहरीर के आधार पर पुलिस द्वारा 392 यानी लूट सहित आधा दर्जन से अधिक धाराओं में केस दर्ज किया गया है।
सूत्र बताते हैं कि बवाल से जुड़े खंगाले गए फुटेज में गार्डों की तरफ से लगाए गए लूट के आरोप साबित नहीं हो रहे। छात्रों के द्वारा मारपीट जैसी घटना स्पष्ट दिखाई दे रही है।
मगर उनके जरिए गार्डों के मोबाइल आदि छिनने या लूटने जैसे सीन फुटेज में अब तक नहीं मिले हैं।
पुलिस द्वारा दोनों पक्षों के द्वारा एक दूसरे पर दर्ज कराए गए मुकदमों का साक्ष्य संकलित करने के लिए फुटेज की अभी और गहन छानबीन की जाएगी।
फुटेज के अलावा भी पुलिस उन हर रास्तों पर काम करेगी जिससे तनिक भी एक दूसरे पर लगाए गए आरोप साबित होने की थोड़ी भी संभावना है।

बवाल से जुड़े अब तक खंगाले गए फुटेज में गार्डों के द्वारा फायरिंग व छात्रों के जरिए लूटपाट के कोई पुख्ता साक्ष्य नहीं मिले हैं। फुटेज में मारपीट कर रहे गार्ड व उपद्रव करने वाले युवाओं की संख्या क्लियर हो गई है। गार्डो तो क्लियर हैं, पर सभी युवा यूनिवर्सिटी के छात्र ही हैं, यह जांच पूरी होने तक कह पाना मुश्किल है। अभी कई बिन्दुओं व तरीकों से तफ्तीश शेष है। जांच में पूरी निष्पक्षता बरती जा रही है।
संतोष कुमार मीना पुलिस उपायुक्त नगर

कैंपस में तैनात रही फोर्स
विश्वविद्यालय में जिस जगह सोमवार को बवाल की शुरुआत हुई उसके आसपास सीसीटीटीवी कैमरे लगे हैं। यूनिवर्सिटी के सुरक्षा की हर और तोडफ़ोड़, आगजनी व पथराव करने वाले छात्रों की भी तस्वीरें कैद हुईं। दूसरे मंगलवार तो इस घटना को लेकर यूनिवर्सिटी का माहौल गर्म रहा। घटना से नाराज छात्र दर्ज मुकदमे को वापस लेने की मांग को लेकर उग्र प्रदर्शन में जुटे रहे। इस बीच छात्र संघ भवन के दरवाजे पर लगा ताला तोड़कर छात्र अंदर व छत पर पहुंच गए। पुलिस यूनिवर्सिटी के इसी गर्म माहौल को शांत कराने में जुटी रही। तीसरे दिन बुधवार को यूनिवर्सिटी का माहौल शांत रहा। यूनियन हॉल के सामने धरना स्थल के आसपास गिने चुने ही छात्र दिखाई दिए। फिर भी ऐहतियात के तौर पर यूनिवर्सिटी में फोर्स कदम ताल करती रही। एसीपी शिवकुटी व कर्नलगंज इंस्पेक्टर फोर्स के साथ शांति व्यवस्था व यूनिवर्सिटी के माहौल पर देर शाम तक नजर बनाए रहे।
खुफिया एजेंसियां भी सक्रिय
एलआईयू सहित अन्य जांच एजेंसियों के लोग भी यूनिवर्सिटी के आसपास एक्टिव रहे। पुलिस की दूसरी टीम बवाल वाले दिन के सीसीटीवी कैमरों से फुटेज कलेक्टर करने व उसकी जांच में लगाई गई थी। टीम द्वारा शाम तक की गई छानबीन के दौरान फुटेज में करीब 60 युवाओं की भूमिका बवाल में संलिप्त पाई गई। इनमें किसी के हाथ में पत्थर है तो कोई पथराव कर रहा है। तोडफ़ोड़ व आगजनी जैसी घटना को अंजाम दे रहे युवा भी फुटेज में कैद हुए हैं। फुटेज खगालने के बाद अब पुलिस उसमें नजर आए युवाओं को सर्च करने में जुट गई है। वह छात्र हैं या फिर बाहरी, यदि छात्र हैं तो उनका नाम और पता क्या है? यह सब यूनिवर्सिटी के अफसरों व प्रोफेसरों की मदद से पुलिस पता लगाने की कोशिश में जुटी रही। कुछ फुटेज में सुरक्षा गार्ड भी पत्थर फेंकते व लाठी चलाते हुए नजर आ रहे हैं। उन सुरक्षा गार्डों की डिटेल खंगालने के लिए पुलिस द्वारा उनके कर्नल को बुलाया गया है। सूत्र बताते हैं कि गार्डों के बारे में बुलाए गए कर्नल से पुलिस द्वारा जानकारी जुटाई जाएगी। प्रकरण की जांच में जुटी पुलिस द्वारा दोनों तरफ से दर्ज कराए गए मुकदमे को भी ध्यान में रखा जा रहा है। पुलिस द्वारा की जा तफ्तीश पर गौर करें तो दोनों पक्षों की हरकत को निष्पक्षता के साथ टटोला जा रहा है।

Posted By: Inextlive