देह व्यापार में 33 महिलाओं समेत 41 को कैद व जुर्माना
प्रयागराज (ब्यूरो)। एक मई 2016 में शहर के मीरगंज रेड लाइट एरिया में हाई कोर्ट के अधिवक्ता सुनील चौधरी और वाराणसी बेस्ड गुडिय़ा संस्था की पहल पर हाई कोर्ट के निर्देश पर पुलिस और प्रशासन की टीम ने मीरगंज में छापा मारा था। इस अभियान में करीब 200 महिलाओं व नाबालिग लड़कियों एवं मानव तस्करी करके लाए गए बच्चों को मुक्त कराया गया था। गुडिय़ा संस्था के अधिवक्ता गोपाल कृष्ण बताते हैं कि अभियान वाले दिन ही यहां 24 वेश्यागृह को सीज भी किया गया था। कोतवाली में कुल 48 अभियुक्तों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया था। सीओ थर्ड द्वारा विवेचना बाद आरोप पत्र न्यायालय में पेश किया गया। मामले का विचारण एडीजे-22 की अदालत द्वारा किया चल रहा था। इस बीच छह अभियुक्तों की मौत हो चुकी है। कुछ दिन पहले ही कोर्ट द्वारा मामले में 41 आरोपितों को दोष सिद्ध घोषित किया गया था। सजा के बिन्दु पर सुनवाई के लिए 25 जनवरी की डेट न्यायाधीश द्वारा मुकर्रर की गई थी। इसी फिक्स तारीख पर मंगलवार को कोर्ट में सजा के बिन्दु पर बहस हुई। दोष सिद्ध अभियुक्तों के अधिवक्ता व राज्य की ओर से विशेष शासकीय अधिवक्ता फौजदारी आरपी सिंह एवं गुडिय़ा स्वयं सेवी संस्था की ओर से अधिवक्ता कौशलेश कुमार सिंह व जिला शासकीय अधिवक्ता गुलाबचंद्र अग्रहरि, सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता अमित मालवीय, सहायक शासकीय अधिवक्ता जयकांत तिवारी के तर्कों को सुनने के बाद कोर्ट ने फैसला सुनाया।
बचाव में भी पेश की गयी दलीलें
वादी पक्ष के अधिवक्ता द्वारा बचाव में तमाम तरह की दलीलें पेश की गईं। जबकि राज्य की ओर से अधिवक्ताओं द्वारा अभियुक्तों द्वारा किए गए कृत्य को समाज विरोधी व गंभीर अपराध बताया गया। दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं को सुनने व कागजातों का अवलोकन करने के बाद अदालत द्वारा सभी 41 अभियुक्तों को धारा 370 (3) भारतीय दण्ड संहिता के तहत दस वर्ष का कारावास व दस हजार रुपये के अर्थदण्ड की सजा सुनाई गई। अर्थदण्ड जमा नहीं करने की दशा में छह माह के अतिरिक्त कारावास से दण्डित किया गया। इन्हीं अभियुक्तों में से 15 को धारा 370 (4) भारतीया दण्ड संहिता के तहत 14 वर्ष के कठोर कारावास व 25 हजार रुपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया। अर्थदण्ड जमा नहीं करने पर इन अभियुक्तों को आठ महीने के अतिरिक्त कारावास की सजा सुनाई गई।
इन अभियुक्तों मिली है सजा
अदालत द्वारा जिन 41 अभियुक्तों को सजा सुनाई गई है उनमें दुर्गा कामले, स्वर्णलता सामंत, मनीषा, रेखा मां फूलमती, रागिनी, संगीता, मीनाक्षी, गुलकंदी , सुमन, सत्यभामा, कृष्णा सामंत, कांची सिंह, रीना, हसीना, कृष्णा, सुभद्रा, शीला देवी, रन्नो, मीना पुत्री शिवप्रसाद, रानी देवी, पिंकी पुत्री ऋषि, टिल्ली, बाबी, रजनी सामंत, ऊषा, पिंकी माता शुकुंतला, रेखा मां हसीना, अरविन्द कुमार, सचिन श्रीवास्तव, सुनील कुमार, राजू, शुभम अग्रहरि, कौशल सामंत, बबलू सिंह, अभिषेक कुमार एवं आशीष कुमार सिंह, मुन्नी देवी, सुजाता, विमला, सुमन तंगेवार और सुमित्रा का नाम शामिल है।
दस वर्ष की सजा पाने वाले 41 में जिन 15 अभियुक्तों को 14 वर्ष की सजा सुनाई गई है उनमें दुर्गा कामले का नाम सबसे ऊपर है। उसके साथ सचिन श्रीवास्तव, मनीषा, कौशल सामंत, मीनाक्षी, सत्यभामा, कृष्णा पुत्री रसूलन, शुभम अग्रहरि, कांची सिंह, मुन्नी, शीला देवी, अभिषेक कुमार, रेखा पुत्री फूलमती, बबलू सिंह एवं पिंकी पुत्री शकुंतला का नाम शामिल है।
कोरोना पॉजिटिव तीन कैदियों की पेशी वीडियो कांफ्रेंसिंग से हुई
दण्ड के बिन्दु पर सुनवाई के लिए अदालत में पत्रावली पेश हुई और वाद पुकारा गया। अभियुक्तगण कृष्णा पुत्री सत्या, टिल्ली, ऊषा एवं शुभम अग्रहरि कोरोना पाजिटिव होने की वजह से कोर्ट में उपस्थित नहीं हो सके। इन अभियुक्तों को जेल से सुनवाई के दौरान जरिए वीडियो कांफ्रेंसिंग कोर्ट के सामने पेश किया गया। जबकि अन्य सभी अभियुक्त कोर्ट में हाजिर हुए।
बता दें कि पुराने शहर में स्थित मीरगंज वही मोहल्ला है जिसे देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू का जन्म स्थान बताया जाता है। मीरगंज में स्थित कोठों के चलते यहां अक्सर घटनाएं भी होती थीं। यहां दो फौजियों की हत्या भी हो चुकी थी। वेश्यावृत्ति के चलते मोहल्ले के लोगों ने एरिया छोडऩा शुरू कर दिया था। पुलिस और प्रशासन की कार्रवाई के बाद से इस मोहल्ले से 'कोठेवालाÓ मोहल्ले का दाग भी मिट गया है। मामले में सभी 41 अभियुक्तों को अदालत द्वारा 10 वर्ष के कठोर कारावास व अर्थदण्ड से दण्डित किया गया है। सजा के बिन्दु पर तमाम तर्क और साक्ष्य व सुबूत कोर्ट में पेश किए गए। 15 ऐसे अभियुक्त हैं जिन्हें एक दूसरी धारा में 14 वर्ष की सजा सुनाई गई है। इन पर भी अर्थदण्ड लगाए गए हैं।
गुलाबचंद्र अग्रहरि
जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी