'जगी आस, पेपर निरस्त होने पर ही करेंगे विश्वास'
प्रयागराज (ब्यूरो)। आरओ, एआरओ पेपर लीक प्रकरण को शासन ने संज्ञान में ले लिया है। लोक सेवा आयोग पर चल रहे आंदोलन का असर रहा कि इस प्रकरण पर शासन को आगे आना पड़ा। फिलहाल, छात्रों की परीक्षा रद करने की मांग तो शासन ने नहीं पूरी की है मगर पेपर लीक के साक्ष्य उपलब्ध कराने के लिए 27 फरवरी तक का मौका दिया गया है। इसके लिए गवर्नमेंट आफ यूपी के एक्स हैंडल पर सूचना जारी की गई है। सूचना में ई मेल का भी जिक्र किया गया है, जिस पर साक्ष्य भेजा जा सकता है। प्रतियोगी छात्र शासन के मामला संज्ञान में लेने भर से संतुष्ट नहीं हैं। छात्रों का कहना है कि पेपर रद करके परीक्षा दोबारा कराई जाए।
आंतरिक कमेटी पहले ही मांग चुकी है साक्ष्य
11 फरवरी को आरओ, एआरओ की परीक्षा आयोजित की गई थी। परीक्षा के दौरान प्रथम पाली के पेपर का हल वायरल हो गया था। दूसरी पाली के पहले अभ्यर्थियों को उम्मीद थी कि पेपर रद कर दिया जाएगा। मगर पेपर रद नहीं किया गया। जिसके बाद दूसरे दिन से छात्र परीक्षा रद करने की मांग करने लगे। इसके बाद छात्रों ने लोक सेवा आयोग के सामने आंदोलन शुरू कर दिया। छात्रों की मांग पर विचार करते हुए लोक सेवा आयोग ने एक आंतरिक कमेटी का गठन किया। जिसको पेपर लीक प्रकरण के जांच की जिम्मेदारी दी गई है। जांच एसटीएफ को भी सौंपी गई है। अभी तक आंतरिक कमेटी और एसटीएफ की जांच रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की गई है।
गवर्नमेंट ऑफ यूपी के एक्स हैंडल पर पोस्ट अपडेट की गई है कि यूपीसीएम योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा बीते 11 फरवरी को आयोजित समीक्षा अधिकारी, सहायक समीक्षा अधिकारी प्रारंभिक परीक्षा से जुड़ी शिकायतों के दृष्टिगत परीक्षा की शुचिता व पारदर्शिता से जांच कराने का निर्णय लिया है। इस परीक्षा के संबंध में किसी भी प्रकार की शिकायत अथवा इसकी शुचिता को प्रभावित करने वाले तथ्यों को संज्ञान में लाना चाहें तो वह अपना नाम तथा पूरा पता तथ साक्ष्यों सहित कार्मिक तथा नियुक्ति विभाग की ई मेल आईडी पर 27 फरवरी 2024 तक उपलब्ध करा सकते हैं।
छात्र परीक्षा रद करने की मांग पर अड़े
भले ही शासन ने आरओ, एआरओ पेपर लीक प्रकरण को संज्ञान में लिया है। इसकी शासन स्तर से जांच का आश्वासन दिया गया है, मगर प्रतियोगी छात्र परीक्षा रद करने की मांग पर अड़े हुए हैं। छात्रों का कहना है कि परीक्षा दोबारा कराई जाए।
आरओ, एआरओ पेपर लीक प्रकरण में शासन ने जांच कराने का आश्वासन दिया है। मगर जांच से कोई हल नहीं निकलने वाला। परीक्षा रद करके दोबारा कराई जानी चाहिए।
प्रदीप कुमार सिंह, प्रतियोगी छात्र
संगीता पाल, प्रतियोगी छात्रा पेपर लीक प्रकरण की जांच होनी चाहिए। दोषी को सजा मिलनी चाहिए। मगर पेपर को रद कर देना चाहिए। ताकि धांधली करने वालों को कोई मौका न मिल सके। अगर पेपर रद नहीं हुआ तो मेहनत से पढ़ाई करने वाले छात्रों को निराशा होगी।
मुकेश सिंह, प्रतियोगी छात्र जांच का आश्वासन देने की जरुरत ही नहीं है। जांच तो आयोग और प्रदेश शासन की जिम्मेदारी है। बात परीक्षा की पारदर्शिता की है। परीक्षा की पारदर्शिता प्रभावित हुई है। इसलिए पेपर दोबारा कराया जाना चाहिए।
प्रभाकर सिंह परिहार, प्रतियोगी छात्र
जांच का आश्वासन प्रदेश सरकार ने दिया है। यह स्वागत गोग्य है। छात्रों से अपील की जा रही है कि सभी प्रदेश सरकार द्वारा जारी की गई ई मेल आईडी पर परीक्षा रद करने की मांग को लेकर पत्र भेजें।
कौशल सिंह, अध्यक्ष, भ्रष्टाचार मुक्ति मोर्चा
अनिल ंिसंह, अध्यक्ष युवा मंच