'बेहद गंभीर मामला, लापरवाही बर्दाश्त नहीं'
- उत्तर प्रदेश राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग सदस्य ने खुशी मामले में जांच में देरी पर जतायी नाराजगी
- संतुष्ट नहीं होने पर जरूरत पड़ी तो किसी अन्य संस्था से भी जांच करा सकती है आयोग prayagraj@inext.co.in PRAYAGRAJ: तीन साल की बच्ची खुशी की मौत के बाद जांच के लिए गठित कमेटी की रिपोर्ट अभी तक नहीं आयी है। सोमवार को उत्तर प्रदेश राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की सदस्य डॉ। नीता साहू सिटी पहुंची। इस दौरान उन्होंने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि पूरे मामले की जानकारी एससीपीसीआर व एनसीपीसीआर को है। दोनों ही कमेटियां जांच रिपोर्ट के इंतजार में है। रिपोर्ट आने के बाद दोषी पाए जाने वाले लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि ये बेहद गंभीर मामला है। ऐसे में इस मामले में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दास्त नहीं होगी।रिपोर्ट में देरी पर जताई चिंता
सिटी पहुंची उत्तर प्रदेश राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग सदस्य डॉ। नीता साहू ने अभी तक जांच रिपोर्ट नहीं आने पर चिंता जताई। इस दौरान उन्होंने आयोग अध्यक्ष को फोन पर पूरे मामले की जानकारी दी। इसके बाद उन्होंने कहा कि आयोग रिपोर्ट आने के बाद कार्रवाई की समीक्षा करेगा। अगर रिपोर्ट से आयोग संतुष्ट नहीं हुआ तो पूरे मामले की दोबारा जांच करायी जाएगी। उन्होंने कहा कि लापरवाही पर जवाबदेही तय होगी। इसमें किसी भी प्रकार का कोई समझौता नहीं होगा। उन्होंने कहा कि जांच में अगर यूनाइटेड मेडी सिटी दोषी पाया जाता है, तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी। जरूरत पड़ी तो किसी अन्य संस्था से भी जांच करायी जा सकती है।
लापरवाही पर जवाबदेही तय होगी। इसमें किसी भी प्रकार का कोई समझौता नहीं होगा। डॉ। नीता साहू उत्तर प्रदेश राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग सदस्य