'लाइव देखकर समझी सर्जरी की बारीकियां
प्रयागराज (ब्यूरो)। ऐसा कम ही होता है जब दूर शहरों से आए दिग्गज डॉक्टर्स के अनुभवों से सीखने को मिले। लेकिन, शुक्रवार को एमडीआई हास्पिटल में ऐसा ही हुआ। यहां आयोजित उत्तर प्रदेश स्टेट ऑफ्थैल्मोलॉजिस्ट सोसाइटी की 57वीं कांफ्रेंस में सीनियर डाक्टर्स ने लाइव सर्जरी की। जिसको देखने वाले अन्य डॉक्टर्स को इलाज की नवीन तकनीक सीखने का मौका मिला। बाकी दो दिन कांफ्रेंस का आयोजन एमएलएन मेडिकल कॉलेज के सभागार में आयेाजित किया जाएगा।
जितना कच्चा उतना अच्छा मोतियाबिंद
सोसायटी के उपाध्यक्ष डॉ। मलय चतुर्वेदी ने इस दौरान मोतियाबिंद के आपरेशन पर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि आजकल लोग मोतियाबिंद के पकने का इंतजार करते हैं जबकि यह सही नही है। यह जितना कच्चा होता है इलाज में उतनी आसानी होती है। कांंफ्रेंस के पहले दिन मोती लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज प्रयागराज के प्रिंसिपल डॉ। एसपी सिंह, डॉ। टीपी लहाने, डॉ। रागिनी पारेखच, डॉ। हरबंश लाल, डॉ। अनिल श्रीवास्तव, डॉ। धर्मेंद्र नाथ, डॉ। राकेश साक्या व डॉ। मोहित शर्मा ने मोतियाबिंद को हटाने, डॉ। राजेश सिन्हा ने आईओएल, डॉ। अनुपम अहूजा, डॉ। विनोद कुमार सिंह व डॉ। अभिषेक सरन ने वीआर की लाइव सर्जरी की।
बताए सर्जरी के तरीके
सोसायटी के अध्यक्ष डॉ। धर्मेंद्र नाथ ने मोतियाबिंद की लाइव सर्जरी की। उन्होंने बताया कि मोतियाबिंद का ऑपरेशन बिना एनेस्थीसिया के किया गया है। इसके अलावा जितने भी कड़े मोतियाबिंद थे, उन्हें आराम से बाहर किया गया। इस विधि में मरीज को परेशानी का सामना नही करना पड़ा है। आंखों की सेफ्टी भी यथावत है और मरीज कुछ देर में अपना काम करने लग जाता है। चित्रकूट से आए डॉ। राकेश शाक्य ने बताया कि मोतियाबिंद में फेको के साथ टोरिक आईओएल बैठाया जाता है। यह पास और दूर की दृष्टि को ठीक करने के लिए मरीज को लगाया जाता है। इस लेंस को मल्टीफोकल आईओएल भी कहते हैं। इससे दृष्टि संबंधित कई समस्याओं में सुधार होता है। यह कांटेक्ट लेंस से अलग होते हैं।
कांफ्रेंस के अगले दो दिन का लेक्चर प्रो। प्रीतम दास सभागार में होना है। जिसमें पूरे प्रदेश से आए डॉक्टर्स अपने अनुभव को शेयर करेंगे। एमडीआई हॉस्पिटल के डायरेक्टर प्रो। एसपी सिंह ने बताया कि इस कांफ्रेंस का डॉक्टर्स को अधिक फायदा होगा। वह अपने अनुभवों को एक दूसरे से शेयर करेंगे और बताएंगे कि इलाज की कौन सी नवीन तकनीक भविष्य में मरीजों को बेहतर परिणाम उपलब्ध करा सकती है।