रिचार्ज होने के बाद भी सर्वर से कनेक्शन चालू होने में लग जा रहे हैं चार से पांच घंटे उपकेंद्रों पर लगातार बढ़ रही शिकायतें नहीं निकल रहा कोई सॉल्यूशन

प्रयागराज (ब्‍यूरो)। स्मार्ट मीटर लगाने वाली कंपनी ने अपनी सुविधा के अनुसार उपभोक्ताओं के यहां टू-जी व थ्री-जी स्मार्ट मीटर लगा दिये। जिन उपभोक्ताओं के यहां टृ-जी व थ्री-जी स्मार्ट मीटर लगे हैं वह इन दिनों बेहद परेशान हैं। येन केन प्रकारेण किसी तरह से कनेक्शन काट दिया गया फिर से बिजली मिलना शुरू होना जंग जीतकर आने जैसा फील कराता है। बकाया भुगतान जमा हो जाने के बाद भी सर्वर से कनेक्शन रिस्टोर होने में चार से पांच घंटे का समय लग जा रहा है। इसकी शिकायत उपकेंद्रों पर लगातार शिकायतें बढ़ रही है। लेकिन, कोई सॉल्यूशन नहीं निकल रहा है। दैनिक जागरण आई-नेक्स्ट रिपोर्टर ने जिम्मेदार अधिकारियों से बातचीत की। उनका कहना है कि कई उपभोक्ताओं की शिकायतें समाने आने के बाद उपभोक्ता परिषद ने पूरे मामले से पॉवर कारपोरेशन प्रशासन को अवगत कराया है और उपभोक्ताओं को राहत दिए जाने की मांग की है।

89 हजार स्मार्ट मीटर लगे हैं
प्रयागराज जिले में वर्तमान समय में ८९ हजार के करीब टू-जी और थ्री-जी स्मार्ट मीटर उपभोक्ताओं के घरों में लगे हैं। स्मार्ट मीटर लगाने वाले जानकारों की माने तो जब से नया बिलिंग सॉफ्टवेयर लागू हुआ है। तब से ये मीटर मैनुअली काम करने लगे हैं। इसी से उपभोक्ताओं की परेशानी बढ़ी है। बताया जाता है कि इसके पीछे सॉफ्टवेयर का सही से काम न करना है। स्मार्ट मीटर का यह नियम है कि रिचार्ज होते ही अधिकतम बीस मिनट के अंदर लाइट आ जाती है। यहां रिचार्ज के बाद भी चार से पांच घंटे लग जा रहा है।

फोर-जी करने का वादा भी अधूरा
दैनिक जागरण आई-नेक्स्ट से बातचीत में मुख्य अभियंता विनोद गंगवार ने बताया कि टू-जी व थ्री-जी स्मार्ट मीटरों में रीडिंग और बिलिंग की समस्या आ रही थी। इस पर यूपीपीसीएल ने निर्णय लिया था कि टू-जी स्मार्ट मीटर की जगह फोर-जी स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे। इसके लिए उसी समय तैयारी भी शुरू कर दी गई थी। किन्हीं कारणों से इसे नहीं लगाया गया। इधर, फिर से फोर-जी स्मार्ट मीटर लगाए जाने की सुगबुगाहट है। लेकिन, अभी कुछ भी फाइनल स्टेज पर नहीं पहुंचा है। जिनके यहां टू जी या थ्री-जी स्मार्ट मीटर खराब हो रहे हैं उनके यहां आज भी यही मीटर लगाए जा रहे हंै। संभावना है कि फोर-जी को नेटवर्क को सपोर्ट करने वाले मीटर के मार्केट में आने के बाद इस समस्या का समाधान आ जाएगा। उपभोक्ता अपना टू-जी या थ्री-जी स्मार्ट मीटर फोर में करवा सकेंगे। इसके लिए फिक्स प्रोसेसिंग चार्ज उपभोक्ताओं से लिया जायेगा। यह पूरी प्रक्रिया मीटर डिपार्टमेंट से ही होगा। बस उपभोक्ताओं को ऑनलाइन या ऑफलाइन आवेदन करना होगा।

सर्वर से काट देते हैं लाइन
स्मार्ट मीटर को इस्तेमाल करने वाले उपभोक्ता बताते हैं कि पहले बकाये पर सर्वर से लाइट कट जाती थी। बकाया जमा होते ही सर्वर से ही उपभोक्ता की लाइट चालू हो जाती थी। अब ऐसा नहीं है। बकाये पर सर्वर से लाइट तो कट जाती है। लेकिन, जब उपभोक्ता बकाया जमा कर देता है तो उसके बाद भी सर्वर से लाइट तत्काल चालू नहीं होती। कई घंटे लग जाता है। जिसके चलते उपभोक्ता को लाइट चालू करवाने के लिए उपकेंद्र तक जाना पड़ता है। तब जाकर कही लाइट चालू हो पाती है। जब उपकेंद्र से अधिकारी से ऊपर मेल के जरिए सूचित करते है।

उपकेन्द्र पहुंचे तो रीस्टोर हुआ मीटर
रामबाग उपकेंद्र पर मिले उपभोक्ता राजीव ने बताया कि बकाये पर कनेक्शन डिस्कनेक्ट हो गया। मीटर की लाइट जल रही थी लेकिन, मीटर से घर के अंदर आने वाली सप्लाई बंद थी। बकाया होने की जानकारी पर ऑनलाइन रिचार्ज किया। उसके बाद भी कनेक्शन नहीं चालू हुआ। दो घंटे का समय बीतने के बाद जब लाइट नहीं आई तो उपकेंद्र पहुंचा। दोबारा री-कनेक्ट कराने में खासा समय लग गया। जिसकी वजह से परेशान होना पड़ा।

बिना बकाये के ही काट दी बिजली
म्योहॉल उपकेंद्र पर मिले हिमांशु ने बताया कि उनके ऊपर कोई भी बकाया नहीं है। इसके बावजूद अचानक से कनेक्शन डिस्कनेक्ट कर दिया गया। शिकायत दर्ज करायी गयी तो भी लाइट चालू होने चार घंटे का समय लग गया। स्मार्ट मीटर का यह आलम है। अधिकारियों से पूछने पर सर्वर प्रॉब्लम बताकर शांत हो जाते हैं। परेशानी का सामने तो उपभोक्ताओं को ही भुगतना पड़ता है।

सीधे कोई जवाब नहीं मिलता
करेलाबाग उपकेंद्र पर मौजूद फातिमा बेगम ने बताया कि बकाया जमा करने के बाद भी घर में लाइट नहीं आ रही थी। आस-पड़ोस से पूछा तो पता चला लाइट आ रही है। इसके बाद उपकेंद्र तक आना पड़ा। यहां आकर पता चला कि सर्वर प्राब्लम है। जल्द ही लाइट आ जाएगी। इसके लिए एसडीओ साहब ने मेल भी चलाया है। देखो कब तक आती है। ढाई घंटा तो बीत ही गया है। स्मार्ट मीटर को टेक्निक को और हाईटेक किया जाना चाहिए ताकि उपभोक्ताओं को सबस्टेशन के चक्कर न काटने पड़े।

89 हजार स्मार्ट मीटर लगे है जिले में
04 घंटा तक लग रहा रिचार्ज के बाद लाइट आने में
25 प्रतिशत उपभोक्ता स्मार्ट मीटर के रिस्पांस से हैं परेशान

कोड भरना भी अब हो गया चैलेंज
पहले स्मार्ट प्री पेड मीटर रीचार्ज करने की प्रक्रिया बेहद आसान थी। प्रकिया पूरी करने के बाद १६ डिजिट का कोड जेनरेट होकर आ जाता था। इसे मीटर में फिल करते ही लाइट तत्काल आ जाती थी। अब प्रक्रिया को जटिल बना दिया गया है। रीचार्ज हो जाने पर १६ डिजिट के इतने ही बार नंबर आते हैं। इन सभी को फिल करना होता है। एक भी नंबर बीच में मिसिंग हो गया तो मीटर रीचार्ज नहीं होता। इसमें उपभोक्ताओं का काफी टाइम वेस्ट होता है।

फोर जी मीटर में शायद इस समस्या का समाधान है। टू-जी व थ्री-जी स्मार्ट मीटरों में रीडिंग और बिलिंग की समस्या आ रही थी। यूपीपीसीएल ने निर्णय लिया था कि टू-जी स्मार्ट मीटर की जगह फोर-जी स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे। इस पर बात चल रही है लेकिन फाइनल कॉल ली जानी शेष है।
विनोद गंगवार चीफ इंजीनियर

Posted By: Inextlive