आईआईआईटी झलवा के कन्वोकेशन में किरन देशपांडे ने बताया भविष्य में चिप का उपयोगदीक्षांत समारोह में 673 छात्रों को वितरित की गयी उपाधि

प्रयागराज (ब्‍यूरो)। कंप्यूटिंग की यात्रा अभी आंशिक रूप से ही पूरी हुई है। अब कंप्यूटर हमारे शरीर में विशेषज्ञ सेमीकंडक्टर चिप्स के रूप में प्रवेश कर सकते हैं। जहां सबसे अधिक आवश्यकता है, वहां हमारी निगरानी और उपचार कर सकते हैं। क्वांटम कंप्यूटिंग अभी शुरू ही हुई है। भविष्य में कैंसर, अल्जाइमर और कई अन्य बीमारियों के इलाज की समस्या का समाधान हो सकता है। इन अवसरों का मतलब है कि आप अपने युवा कंधों पर बड़ी जिम्मेदारी उठाएंगे। यह बाते टेक महिन्द्रा के पूर्व सीईओ किरण देशपांडे ने शनिवार को कहीं। वह आईआईआईटी के 19वें कन्वोकेशन को चीफ गेस्ट के रूप में सम्बोधित कर रहे थे।

6 को मेरिट सर्टिफिकेट
भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान इलाहाबाद के 19वें दीक्षांत समारोह में शनिवार को कुल 673 छात्रों को विभिन्न उपाधियाँ प्रदान की गयी। 22 मेधावी विद्यार्थियों को पदक प्रदान किए गये। छह छात्रों को मेरिट प्रमाण पत्र दिए गए। 432 स्नातक, 195 स्नातकोत्तर, एमटेक और पीएचडी में 12 दोहरी डिग्री, एमबीए और पीएचडी में 2 ड्यूल डिग्री, 2 एमटेक बाय रिसर्च और 30 शोधार्थियों को पीएचडी की डिग्री प्रदान की गई। इस बार कुल 150 लड़कियों को डिग्री प्रदान की गई। मोजो नेटवर्क्स के सह-संस्थापक किरण देशपांडे ने भारत ने रिमोट सॉफ्टवेयर और आईटी सेवाओं का आविष्कार किया। दुनिया को एक वैश्विक उद्योग दिया और इस क्षेत्र में अग्रणी है। आज, आईटी जीवन और आजीविका के विभिन्न क्षेत्रों में हुई प्रगति के केंद्र में है। चाहे वह आपका स्वास्थ्य हो, हमारे पैसे का प्रबंधन हो, यात्रा, मनोरंजन, खेल, पेशेवर लक्ष्य और व्यक्तिगत जरूरतें हों, कंप्यूटर इन सबके केंद्र में हैं। स्नातक, स्नातकोत्तर, पीएचडी के रूप में, आप कुछ भाग्यशाली लोग हैं जो अनुसंधान, सिस्टम विकास और सिस्टम और संगठनों के प्रबंधन के माध्यम से नए मोर्चे खोलेंगे। आप में से कुछ उद्यमी भी बनेंगे।

बदल रही टेक्नोलॉजी
स्पेशल गेस्ट नेशनल एजुकेशनल टेक्नोलॉजी फोरम के अध्यक्ष प्रो। अनिल सहस्रबुद्धे ने कहा कि टेक्नोलॉजी तेजी से बदल रही हैं। भविष्य हमारी कल्पना से कहीं ज्यादा तेज है। परिवर्तन की दर पहले से कहीं ज्यादा तेज है चाहे वह उद्योग 4.0 हो, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, मशीन लर्निंग, इंटरनेट ऑफ थिंग्स, रोबोटिक्स, ड्रोन, क्वांटम कंप्यूटिंग, डेटा साइंस, ब्लॉकचेन, चैटबॉट से लेकर ओपन एआई-चैटजीपीटी तक हो, जिसने मानव प्रयास के सभी क्षेत्रों में क्रांति ला दी है। शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, परिवहन, ऊर्जा के स्रोत, शासन, अर्थव्यवस्था को बहुत आसान बना दिया है। इसने प्रदूषण, पारिस्थितिक असंतुलन और जलवायु परिवर्तन के मामले में ग्रह पर रहने के लिए चुनौतियां भी पैदा की हैं। एवीजीसी, एआर/वीआर/एक्सआर/मेटावर्स, एआई, डेटा साइंस जैसे उपकरण सभी के लिए सशक्तिकरण संभव बनाने के तरीके में बड़ा बदलाव लाने जा रहे हैं। यह इस संदर्भ में है कि

स्नातक करने वाले छात्र एडुटेक स्टार्टअप बना सकते हैं और सभी भारतीय छात्रों को सर्वोत्तम शिक्षा प्रदान कर सकते हैं।
ट्रिपल आई टी के निदेशक प्रो मुकुल शरद सुतावने ने बताया कि संस्थान ने कई शीर्ष विश्वविद्यालयों, उद्योगों और कॉर्पोरेट के साथ एमओयू साइन किये हैं। ये व्यवस्थाएं भारत में वास्तविक औद्योगिक और सामाजिक मुद्दों को संबोधित करने के लिए तकनीकी ज्ञान का आदान-प्रदान भी प्रदान करती हैं। पिछले वर्ष हमने नेशनल और इंटरनेशनल पहचान रखने वाले संगठनों के साथ 15 समझौता ज्ञापनों पर सफलतापूर्वक हस्ताक्षर किए हैं। इन पहलों ने निश्चित रूप से समकक्ष संस्थानों के साथ हमारे संबंधों को मजबूत किया है। हम आईटी, एआई, इलेक्ट्रॉनिक्स, वीएलएसआई, 6जी, फिनटेक आदि के क्षेत्र में स्टार्टअप को सहायता देने के साथ-साथ तकनीकी दिग्गजों के साथ अपने संबंधों की सराहना करते हैं।

Posted By: Inextlive