चोरी का वाहनो के लिए सेफ है 'पार्किंग'
प्रयागराज (ब्यूरो)। आपकी गाड़ी खासतौर से बाइक चोरी हो गयी है तो आप क्या करते हैं? पुलिस को सूचना देते हैं। इसके बाद थाने का चक्कर लगाते हैं रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए। वाहन इंश्योर्ड है तो इंतजार करते हैं कि पुलिस फाइनल रिपोर्ट लगाए ताकि नुकसान की कुछ हद तक भरपाई इंश्योरेंस से मिलने वाले पैसे से हो जाए। इसके अलावा आपका फोकस मेन रोड होता है ताकि वहां गाड़ी दिख जाय तो पुलिस पर कार्रवाई के लिए दबाव बनाया जाय। लेकिन, गाड़ी आमतौर पर दिखती नहीं है और आप हताश हो जाते हैं। अब किसी के साथ कुछ ऐसा हो तो एक बार शहर में स्थित पार्किंग पर भी नजर जरूर डाल दें। लम्बी अवधि तक गाड़ी खड़ी करने की सुविधा देने वाली पार्किंग जाने-अंजाने बाइक चोरों की मददगार बन रही हैं। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने पिछले दिनो अपनी पड़ताल के बाद यह तथ्य सामने रखा था कि लम्बे समय से लावारिश खड़ी गाडिय़ां आखिर हैं किसकी। काफी देर से सही लेकिन पुलिस ने गुरुवार को इसका सांकेतिक जवाब अपनी कार्रवाई से दे दिया। पुलिस ने चोरी की 11 बाइकों को बरामद किया है। सबसे खास बात यह निकलकर सामने आयी कि चोर वाहनो को पार्किंग में छोड़ देते थे। एक निश्चित समय बीत जाने के बाद वह उसे कबाड़ी को बेच दिया करते थे। इससे यह राज हमेशा के लिए दफन हो जाया करता था कि चोरी किसने की है और चोरी हुआ वाहन चला कहां गया? गाड़ी बेकार हो जाने की भी चिंता नहीं
पुलिस उपायुक्त नगर, अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त नगर व सहायक पुलिस आयुक्त कोतवाली के पर्यवेक्षण में प्रभारी थाना कोतवाली व उपनिरीक्षक कृष्ण कुमार सरोज अपराध शाखा पुलिस कमिश्नरेट के नेतृत्व में थाना कोतवाली व अपराध शाखा की संयुक्त टीम ने गुरुवार को जीआईसी स्कूल व रेलवे क्रासिंग के मध्य फ्लाई ओवर के नीचे से चार अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है। उनके कब्जे से चोरी की 10 मोटर साइकिल, एक स्कूटी, एक अवैध देशी तमंचा .315 बोर, एक जिन्दा कारतूस 315 बोर, 4000 रुपये नकद व 6 अवैध देशी बम बरामद किया है। पुलिस की पूछताछ में पकड़े गए चोरों ने कबूला कि शहर के भीड़भाड़ इलाके से वाहन चोरी करने के बाद उसे स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल के पार्किंग में खड़ी करते थे। जिससे किसी को शक ही न हो। वाहनों को पार्क करने के बाद वे उसकी निगरानी तो करते थे लेकिन उसके आसपास भी नहीं फटकते थे। उन्हें इसका भी कोई डर नहीं था कि खड़ा वाहन कबाड़ हो जाएगा। इसे खपाने के लिए उन्होंने कबाड़ी को भी सेट कर रखा था। चोरी करते ही बदल देते थे नंबर प्लेटगुरुवार शाम पुलिस लाइन सभागार में एडीसीपी सिटी सरवणन ने आरोपितों को मीडिया के सामने पेश करते हुए बताया कि गिरफ्तार अभियुक्तों में तरुण निषाद पुत्र अवधेश निषाद तथा अभिषेक पासी पुत्र दीपचन्द पासी निवासी उमरपुर नीवां थाना धूमनगंज, रवि पाल पुत्र ननका पाल निवासी प्रेमनगर थाना कैण्ट एवं अब्दुल शेख उर्फ हुसैन पुत्र खुद्दूस शेख निवासी मालदा टाउन थाना मानिकचन्द जिला मालदा (पश्चिम बंगाल) हाल पता हड्डी गोदाम थाना करेली शामिल है। गिरफ्तार अभियुक्तों ने पूछताछ में बताया कि इनके द्वारा योजनाबद्ध तरीके से जनपद के अलग अलग क्षेत्रों से मोटरसाइकिल की रेकी की जाती थी। इनमें से एक व्यक्ति मोटरसाइकिल खड़ी करने वाले व्यक्ति का पीछा कर रेकी करता था व अन्य दो अभियुक्तों द्वारा आस पास की रेकी की जाती थी। चौथे अभियुक्त द्वारा मोटर साइकिल चोरी की जाती थी। चोरी करने के उपरान्त इन लोगो द्वारा मोटरसाइकिलों की नम्बर प्लेट बदल दी जाती थी, जिससे चोरी की मोटर साइकिल की पहचान न हो।
इन बाइकों पर रहता था फोकस
सबसे चौकाने वाली बात निकल कर सामने आई कि चोरों के निशाने पर ऐसी बाइक होती थी, जिसके ताले आसानी से खुल जाते थे। बाजार में स्पलेंडर, टीवीएस स्पोट्र्स सहित अन्य ब्रांड की बाइक जिसकी कीमत ज्यादा मिलती है, उसी को यह गैंग टारगेट करता था। चोरी का वाहन उठाने के बाद ये उसे लेकर घूमते नहीं थे। सीधे पार्किंग में पहुंचते और वहां खड़ी कर देते थे। इसके बाद वे पर्याप्त समय इंतजार में बिताते थे कि किसी का ध्यान इस पर गया है या नहीं। इस दौरान वह ग्राहक भी सेट करते थे। कबाड़ी से भी टाइअप कर रखा था ताकि इस स्थिति में भी वाहन कुछ न कुछ पैसा तो दे ही जाए। उक्त बरामदगी व गिरफ्तारी के सम्बन्ध में थाना कोतवाली में मुअसं 26/23 धारा 411, 413, 414, 419, 420, 467, 468, 471 भादवि, मुअसं 27/23 धारा 3/25 आम्र्स एक्ट, मुअसं 28/23 धारा 4/5 विस्फोटक पदार्थ अधिनियम, मुअसं 29/23 धारा 4/5 विस्फोटक पदार्थ अधिनियम, मुअसं 30/23 धारा 4/5 विस्फोटक पदार्थ अधिनियम पंजीकृत कर आवश्यक विधिक कार्यवाही की जा रही है।