प्रतियोगी परीक्षाओं का 'पेपर लीक' होना भी होगा यूथ का मुद्दा
प्रयागराज (ब्यूरो)। लोकसभा चुनाव की तैयारियों को निर्वाचन आयोग फाइनल टॅच देने में लगा हुआ है। जिला स्तर पर भी तैयारियां तेज हो चुकी हैं। राजनीतिक दल भी सक्रिय हो चुके हैं। संभावित प्रत्याशी भी सक्रिय हैं और पब्लिक के बीच समय देने लगे हैं। इस बीच दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने यूथ के बीच पहुंचकर मुद्दों पर बात करनी शुरू कर दी है। बुधवार को हमारी टीम ईसीसी के छात्रों के बीच पहुंची थी। इस दौरान उनसे मुद्दों पर खुलकर बातचीत की। युवाओं ने न सिर्फ इसमें हिस्सा लिया बल्कि अपने मन की बात भी की। मुद्दों पर बातचीत के दौरान उन्होंने बड़ी परीक्षाओं में पेपर लीक की घटनाओं पर चिंता जतायी और कहा कि इसे रोकने के लिए नियम तो सख्त होने ही चाहिए। इससे बड़ा यह भी होना चाहिए कि सिक्योरिटी सिस्टम को ही इतना स्ट्रांग बना दिया जाय कि लीकेज की गुंजाइश ही न रहे। यूथ का कहना था कि एक पेपर का लीक होना युवाओं के सपने को बड़ी चोट पहुंचाता है। उसकी सालों की मेहनत पर पानी फिर जाता है। इससे यह डिप्रेशन की तरफ बढ़ता है क्योंकि भर्तियां पूरी होने का समय बढ़ता चला जाता है।
मेहनत ज्यादा परिणाम कम
युवाओं ने कहा कि वे नौकरी पाने के लिए प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी पूरी मेहनत से करते है ताकि अपनी लाइफ सैटेल कर सकें। आये दिन प्रतियोगी परिक्षाओं के पेपर लीक हो रहे है, ऐसा लगता है की सरकार को हमारे भविष्य की चिंता नहीं है। इसी वजह से सरकार पेपर लीक करने वालों के खिलाफ तो कार्यवाही करती है। मगर पेपर लीक करने वाले साल्वरों तक कैसे पहुंच रहा है? सरकार इस विषय पर कोई बात नहीं कर रही है। सरकार अपनी लाज बचाने के लिए ऊपर से तो बहुत सख्ती दिखा रही है मगर अंदर से उनके खिलाफ किसी प्रकार का कोई कड़ा कदम नहीं उठा रही है।
पार्टी नहीं होगी वोट का पैमाना
इस बार युवाओं ने अपने वोट देने का प्लान तय कर लिया है। बातचीत के दौरान युवाओं ने बताया की वो इस बार किसी पार्टी को नहीं बल्कि उम्मीदवार को वोट देंगे। इस बार केवल उसी उम्मीदवार को वोट देंगे जो उम्मीदवार शिक्षित और साफ छवि का होगा। उम्मीदवार शिक्षित होगा तो वो भारत की रीढ़ कहे जाने वाले युवाओं की हरजरूरत को समझ सकेगा। शिक्षा के क्षेत्र में वो उम्मीदवार कई सारे ऐसे काम करेगा। जिसका वर्तमान से लेकर भविष्य में आने वाले नये युग के युवाओं को उसका लाभ मिल सकेगा। इसी के साथ उम्मीदवार अगर साफ छवि का होगा तो समाज के लिए एक आइडल का काम करेगा। उससे कई सारे युवा इंस्पायर होकर उसी के जैसा बनने का प्रयास करेंगे।
युवाओं का कहना था कि नई शिक्षा नीति छात्रों के हित के लिए बनाई गई है। सरकार ने तो नीतियों का निर्माण कर दिया मगर उनका पालन कितना हो रहा है, इस पर भी सरकार को नजर रखने की जरूरत है। बिना नजर रखे सरकार को ये मालूम नहीं चल पाएगा। कि उसकी नीतियों का पालन किस तरह से किया जा रहा है। सरकार ने जो नीतियां बनायी है वह बहुत लचीली और सहज है। इसका कोई गलत फायदा न उठा ले इस बात का ध्यान रखना होगा। यदि सरकार द्वारा बनाई शिक्षा नीतियों का पालन ढंग से किया जाएगा तो आने वाले समय में भारत विश्व में उद्योग का हब होगा।
प्रतियोगी परीक्षाओं के पेपर आये दिन लीक हो रहे है। इससे यूथ्स में निराशा भर रही है। वे परीक्षा की तैयारी पूरी मेहनत से करते है मगर पेपर लीक हो जाने से सारी मेहनत बर्बाद हो जा रही है। मेहनत के साथ उम्र भी बीती जा रही है। हर अटेंप्ट के साथ कांफीडेंस लूज और जॉब पाने के चांसेज भी कम होते जा रहे हैं। इस वजह से मन कभी व्यथित तो कभी निराश हो जाता है कि इतनी मेहनत के बाद भी कोई पॉजीटिव परिणाम नहीं है। कभी तो मन इतना परेशान हो जाता है की पढाई लिखाई छोड़ कर घर वापस लौट जाए। और वहीं पर खेती किसानी करे।
मोहित मिश्रा
सुवेश द्विवेदी
सरकार द्वारा वोटिंग करने की उम्र 18 वर्ष से कम नहीं करनी चाहिए क्योंकि इससे कम की उम्र युवा मेच्योर नहीं होते है। उन्हें पार्टियों के प्रत्याशियों के द्वारा बड़ी आसानी से बहलाया-फुसलाया जा सकता है। इससे कई बार ऐसा होगा की उनके वोट का फायदा अयोग्य और भ्रष्टाचारी उम्मीदवार उठा लेंगे। ऐसा भी हो सकता है की उनके वोट से कोई ऐसा प्रत्यासी चुन लिया जाए जो की उस पद के लिए योग्य न हो। इससे हमारे समाज में रह रहे युवा पर इसका गलत असर पड़ेगा और वह भी उसी के आचरण को अपनाने लगेंगे।
मोहम्मद जेहबी
अनुष्का सत्यनिष्ठ राजनीति मेें परिवारवाद को मैं बुराई बिल्कुल नहीं मानती लेकिन इसका भी समर्थन नहीं करती कि पीढ़ी दर पीढ़ी एक ही परिवार केन्द्र में रहे। राजनीति के साथ राजनीतिज्ञ की सोच का विकासवादी होना जरूरी है। राजनीतिज्ञों के लिए भी गाइड लाइन तय होनी चाहिए। प्रत्येक राजनीतिज्ञ को हर साल बताना चाहिए कि उसने क्या किया है। इसे लेकर वह सिर्फ चुनाव के समय ही नहीं बल्कि हर साल वह इस पर जनता के बीच पहुंचे। उसकी पब्लिक से कनेक्टिविटी तय करने के लिए भी मानक बनाया जाना चाहिए।
सूमायरा नियांजी महिलाओं की सोशल सिक्योरिटी के लिए जो भी कानून सरकार द्वारा बनाए गए हैं वह अच्छे हैं लेकिन यह भी सुनिश्चित होना चाहिए कि उसे उतनी ही गंभीरता के साथ इम्प्लीमेंट भी कराया जा रहा है। मेरा मानना है कि कानून लचीला होना चाहिए ताकि किसी भी स्तर पर इसका मिसयूज न हो सके। न्याय प्रणाली को और प्रभावशाली बनाने के लिए टाइम लिमिट फिक्स की जानी चाहिए ताकि केसेज सालों साल पेंडेंसी की स्थिति में ही न रहें।
नीति शुक्ला प्रत्याशी होगा मेरी प्रॉयोरिटी
मुझे पहली बार लोक सभा के चुनाव में वोट डालने का मौका मिलने वाला है। इसे लेकर मैं बेहद एक्साइटेड हूं। मैं अपना वोट देने में दो प्रायोरिटीज को चेक करुंगा। पहला यह कि प्रत्याशी की क्वालीफिकेशन क्या है। उसका बैकग्राउंड क्या है और उसकी युवाओं के भविष्य को लेकर सोच क्या है। मैं सिर्फ पार्टी के बेस पर वोट करने से बचूंगा। चुनाव पांच साल में एक बार होना है तो मैं अपना वोट बिल्कुल जाया नहीं होने दूंगा। मेरी नजर में बेरोजगारी दूर करना सबसे बड़ा मुद्दा है। कैंडीटेट की छवि भी मैटर करेगी।
प्रियांशू भट्ट यूथ ने डिस्कशन में उठाये मुद्दे
प्रचार के दौरान सोशल मीडिया पर पूरी निगरानी रखी जानी चाहिए
यूथ के लिए रोजगार के इश्यू को प्रॉपरली एड्रेस किया जाना चाहिए
कॉलेजों में टीचर्स के वेकेंट पदों को तत्काल भरा जाना चाहिए ताकि क्लासेज प्रापरली चलें
कोर्स में उन पार्ट को भी शामिल किया जाना चाहिए जो इंडस्ट्री की रिक्वॉयरमेंट है
आनलाइन को प्रमोट किया जा रहा है तो वोट डालने का अधिकार भी आनलाइन करने पर विचार हो
मतदान का दिन सिर्फ वेकेशन बनकर न रह जाए इसके लिए पॉलिसी बनायी जानी चाहिए
महिलाओं की तरह टिकट देने के लिए यूथ का कोटा भी रिजर्व किया जाना चाहिए
सरकारी विभागों में रिक्त पदों को भरने के लिए ड्राइव चलायी जानी चाहिए
पेपर लीक के प्रकरणों से सख्ती से निबटने के लिए सिक्योरिटी सिस्टम को इम्पावर किया जाना चाहिए
हर युवा को उनकी क्वालीफिकेशन के अनुसार रोजगार मिलने की गारंटी हो
महंगाई पर रोक लगाने के लिए प्रभावशाली कदम उठाये जाने चाहिए