न जारी किया नोटिफिकेशन और न ही आवेदन प्रक्रिया के मानकों को अपनायाविज्ञापन भी नहीं छपा खबर देखकर कुछ अभ्यर्थी पहुंच प्रवेश लेने तीन वर्षीय बीएससी नर्सिंग पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए मोतीलाल नेहरु मेडिकल कालेज ने गजब ही कर दिया. इस पाठ्यक्रम में प्रवेश की सूचना के लिए कोई विज्ञापन जारी नहीं किया गया. 31 मार्च को प्रवेश की सूचना की खबर अखबारों में छपती है और इसी दिन सुबह नौ से दोपहर दो बजे तक आवेदन और प्रवेश की प्रक्रिया पूरी कर ली जाती है. ऐसा प्रवेश शायद ही देश में किसी राष्ट्रीय स्तर के संस्थान में हुआ हो. प्रवेश प्रक्रिया के मानकों का पालन नहीं किया गया है. इस तरह प्रवेश होने से अभ्यर्थियों में आक्रोश है. अभ्यर्थियों ने प्रवेश पूरी प्रक्रिया अपनाने की मांग की है.


प्रयागराज (ब्यूरो)। मोतीलाल नेहरू मेडिकल कालेज प्रयागराज, ऐसा संस्थान है जहां पर प्रवेश के लिए अभ्यर्थियों को कड़ी मेहनत करनी पड़ती है। इस कालेज ने बीएससी नर्सिंग के लिए पहली बार 40 सीटें सृजित कीं गई है। यहां प्रवेश कार्यवाही का पहला कदम ही सवालों के घेरे में आ गया। कालेज प्रशासन ने बीएससी नर्सिंग में प्रवेश के लिए सूचना 31 मार्च 2022 को सार्वजनिक की। जबकि इससे पहले अभ्यर्थियों को इसकी कोई सूचना नहीं मिली। गुरुवार को जिसे जब जिस माध्यम से सूचना मिली वह सक्रिय हुआ। अभ्यर्थी किसी तरह से शैक्षणिक अभिलेख व प्रमाण पत्र जुटाकर मेडिकल कालेज पहुंचने लगे। बीएससी नर्सिंग करने वालों की तमन्ना होती है कि मोतीलाल मेडिकल कालेज में पढऩे का मौका मिले। लेकिन कालेज के प्रशासन ने रवैये से तमाम अभ्यर्थी वंचित रह गए।

यह बनाए हैं प्रवेश का मानक
इसमें प्रवेश उन्हीं को मिलना था, जो नीट की परीक्षा उत्तीर्ण किए थे। मेडिकल कालेज में उसकी कट आफ भी तय कर दी।
यहां प्रवेश के लिए जनरल का कटआफ 138, ओबीसी का कटआफ 108 और एसटी का कटआफ 38 था।

15 सीटें रह गईं खाली
बीएससी नर्सिंग में प्रवेश के लिए 40 सीटें निर्धारित की गई थी। लेकिन 25 अभ्यर्थी अर्ह पाए गए। 15 सीटें खाली रह गईं। यानी 60 प्रतिशत सीटें ही भर पाई हैं। ऐसा इसलिए हुआ प्रदेश के भर के अभ्यर्थियों को इसकी जानकारी ही नहीं मिल सकी।

इंडियन मेडिकल कौंसिल ने प्रवेश के लिए सीटों की मान्यता ही 28 मार्च को दी थी। पूरी प्रक्रिया अपनाने के लिए एक दिन का ही समय मिला। 25 अभ्यर्थी अर्ह पाए गए हैं मेरिट के आधार पर इन्हें प्रवेश दे दिया गया है। जहां तक सीटें रिक्त रह जाने की बात है तो दूसरे पाठ्यक्रमों में भी ऐसा कभी-कभी हो जाता है।
डा। एसपी ङ्क्षसह
प्रधानाचार्य मोतीलाल नेहरू मेडिकल कालेज

Posted By: Inextlive