एडीजी जोन की कार्रवाई बनी चर्चा का विषय एसओजी में 13 सिपाहियों की कई सालों से थी तैनाती पुलिस की एसओजी टीम में कई सालों से कुंडली मारकर बैठे 13 सिपाहियों को ऐसे ही नही जोन के बाहर स्थानातंरित किया गया है. इसके पीछे बड़ी वजह अब सामने आ रही है. बताया जा रहा है कि विभिन्न अपराधिक कार्यकलापों में ये कई सालों से लिप्त थे. जब इसकी भनक एडीजी जोन को लेगी तो उन्होंने इसकी शिकायत शासन से की. शासन ने तत्काल सभी सिपाहियों को न केवल शहर से बल्कि जोन से बाहर ट्रांसफर कर दिया. इनके जाने के बाद अब विभाग में तरह-तरह की चर्चाएं हैं. बताया जा रहा है कि यह जुएबाजी सट्टा गोकशी कारखासी नशीले पदार्थों की तस्करी अपराधियों की मुखबिरी जैसे संगीन अपराधिक गतिविधियों में लिप्त थे. यही कारण था कि एडीजी प्रेम प्रकाश को पुलिस विभाग की साख बचाने के लिए एक बड़ा कदम उठाना पड़ा.


प्रयागराज ब्यूरो एडीजी जोन की रिपोर्ट पर डीजी मुख्यालय ने आलोक मिश्रा को एपीटीसी सीतापुर, अवनीश कनौजिया को मिर्जापुर, याकूब अहमद को एपीटीसी सीतापुर, दीपक सिंह को पीटीएस मुरादाबाद, शक्ति सिंह को पीटीसी सीतापुर, अतुल सिंह को पीटीसी मुरादाबाद, रविसेन सिंह को पीटीएस मेरठ, अभय कुमार को पीटीसी मुरादाबाद, रविदेव सिंह यादव को पीटीएस उन्नाव, जियाउय्दीन खां को पीटीएस उन्नाव, रमेश पटेल को पीटीसी सीतापुर, धर्मेंद्र कुमार को पीटीएस गोरखपुर और अनिल सिंह को पीटीएस गोरखपुर किया गया। यह लोग प्रयागराज जिले की पुलिस के लिए पहले हीरो हुआ करते थे। लेकिन लंबे समय से जमे रहने के चलते मठाधीश हो गए थे। यही कारण है कि इन्होंने किसी न किसी उच्च स्तर के पुलिस अफसरों को पकड़ रखे थे। वह उनकी पैरवी कर उचित जगह पर सेट करा देते थे। यही कारण है कि लंबे समय से जमे रहने के साथ तमाम कार्यों में लिप्त थे। सूत्रों की माने तो गोपनीय जांच अगर शासन स्तर पर हुई तो कई अन्य चीजें सामने आ सकती है।

तमाम शिकायतों के आधार पर जोन से बाहर ट्रांसफर किया गया है। इन सभी की जांच कराई गई थी। जांच में सही पाई गई। मुख्यालय की ओर से इनका स्थानातंरित आदेश जारी कर दिया गया है।
प्रेम प्रकाश, एडीजी जोन प्रयागराज

Posted By: Inextlive