मानसिक रूप से अस्वस्थ बच्चों के लिए बेहतर व्यवस्था कहां उपलब्ध हो सकती है? इसका पता लगाया जाय और जरूरी पत्राचार किया जाय ताकि बच्चों को बेहतर सुविधा उपलब्ध करायी जाये. हेमवन्ती देवी बाल संरक्षण गृह का मजिस्टे्रट की उपस्थिति में निरीक्षण कराया जाय. जिन बच्चियों को सुपुर्दगी किया जाता है उसकी तीन साल तक मानीटरिंग अनिवार्य रूप से की जाय ताकि पता चले कि वे सुरक्षित हाथों में हैं. उनके साथ कुछ गलत नहीं हो रहा है.


प्रयागराज (ब्‍यूरो)। यह निर्देश डीएम संजय खत्री ने बुधवार को दिये। वे संगम सभागार में बाल कल्याण समिति के कार्यों की समीक्षा कर रहे थे। जिलाधिकारी ने सोशल वर्कस के द्वारा समय पर रिपोर्ट न प्रेषित किए जाने पर कड़ी नाराजगी व्यक्त की। जिला प्रोबेशन अधिकारी को निरीक्षण करके 'सहयोगÓ एनजीओ में जो भी कमी रह गयी हो, उसे दूर करने के लिए कहा है। उन्होंने जनपद में चल रहे संरक्षण गृहों की जानकारी लेते हुए निर्देशित किया है कि बच्चों एवं बच्चियों को पढऩे, खेलने तथा दवाओं की उपलब्धता सुचारू रूप से रहे तथा बच्चों एवं बच्चियों की काउंसलिंग भी निरंतर कराये जाने के निर्देश दिए है। उन्होंने प्रथम रिस्पांस टीम द्वारा किए जा रहे कार्यों की स्थिति की जानकारी ली तथा डीपीओ को निर्देशित किया है कि आशा ज्योति केन्द्र सहित इस तरह की जो भी संस्थायें है, उसका निरंतर निरीक्षण करें तथा कमियों को दूर करायें। बच्चों के जनजागरूकता के लिए भी एक अभियान चलाये जाने का निर्देश दिया है। इस अवसर पर जिला प्रोबेशन अधिकारी पंकज मिश्र एवं सोशल वकर्स उपस्थित रही।

Posted By: Inextlive