डेंगू को लेकर क्रिएट हुए पैनिक को कम करने के लिए एक तरफ प्रशासन कड़ी मशक्कत कर रहा है. वहीं दूसरी तरफ जिला अस्पतालों में डाक्टर्स कोरोना जैसा महौल क्यों क्रिएट कर रहे है. जबकि डेंगू छूने से नहीं फैलता है. डाक्टर्स चैंबर के अंदर मरीज फेस पर डबल मास्क व ट्रांसपेरेंट पन्नी लगाकर दूर से मरीज को देख रहे है. बुखार की शिकायत टच तक करने से बच रहे हैं. मरीज की परेशानी सुनकर सिर्फ दवा लिख दे रहे है. यह सब सवाल उन मरीजों के अंदर उठ रहा था. जब सैंकड़ों लोग बेली अस्पातल के ओपीडी में बैठे डाक्टर्स को दिखाने पहुंचे थे. डाक्टर्स का यह रवैया देख वह डेंगू से डरे हुये नजर आए.


प्रयागराज (ब्‍यूरो)। जिला अस्पतालों में मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। शुक्रवार को बेली अस्पताल में बुखार से पीडि़त मरीजों की संख्या अत्यधिक नजर आई। अस्पताल में फुल हो रहे बेड के चलते डाक्टर्स भी दवा देकर मरीजों को घर भेज दे रहे हैं।
दैनिक जागरण आई-नेक्स्ट की टीम ने जब एक बजे तक का आंकड़ा कलेक्ट कर चेक किया तो चौकाने वाला था। 80 पेशेंट दिखा चुके थे। जिसमें से 43 पेशेंट सिर्फ बुखार से पीडि़त पहुंचे थे। सभी को दवा देकर भेजा चुका था। वहीं कुछ मरीजों की चैंबर के बाहर लाइन लगी हुई थी। यह सभी आपस में बात कर रहे थे। यह डेंगू कुछ ज्यादा खतरनाक है। तभी डाक्टर्स चैंबर में चार-पांच डाक्टर्स बैठे है। सभी लोग सिंगल व डबल मास्क डबल मास्क तक लगा रखे थे।

ट्रांसपेरेंट पन्नी लगाकर मरीज को दूर से देखा जा रहा था। वहां का महौल देख जेब में रखे कुछ मरीज मास्क तक लगाते नजर आए। सवाल सबका एक ही था। डेंगू का डाटा गोल-मटोल दिखाया जा रहा है और प्रशासन डेंगू को हल्के में रहा है। मगर अस्पताल में सीन कुछ और है।

Posted By: Inextlive