'सत्यनिष्ठा कर्मठता व परिश्रम सफलता का मूलमंत्र
प्रयागराज ब्यूरो ।यायमूर्ति सूर्य प्रकाश केसरवानी का कहना है कि यदि अधिवक्ता सत्यनिष्ठा, कर्मठता और परिश्रम के मूलमंत्र को अपना कर जीवन पथ पर चलते हैं तो उपलब्धियां कदम चूमेंगी। सोमवार को हाईकोर्ट बार एसोसिएशन, इलाहाबाद के ऐतिहासिक लाइब्रेरी हाल में बार की तरफ से आयोजित विदाई समारोह में उन्होंने कहा कि मैंने अपने जीवन में सत्यनिष्ठा, कर्मठता व परिश्रम का मूलमंत्र अपनाया है इसलिए अपेक्षा करता हूं कि आप भी इसको अपनाते हुए उच्च न्यायालय को नई गरिमा प्रदान करेंगे। यदि न्यायिक कार्य के संपादन के दौरान किसी अधिवक्ता को कोई ठेस पहुंची हो तो वह केवल न्यायिक कार्य के संपादन के दौरान ही रही। नए कार्यभार के लिए दी शुभकामनाएं
अध्यक्ष अशोक कुमार सिंह ने कहा कि जिस प्रकार आपकी लोकप्रियता उच्च न्यायालय इलाहाबाद में रही, इससे कहीं ज्यादा कोलकाता उच्च न्यायालय में हो, यही ईश्वर से कामना है। वरिष्ठ उपाध्यक्ष अमित कुमार श्रीवास्तव ने जस्टिस को सहज व सरल स्वभाव वाला बताया। महासचिव नितिन शर्मा ने कहा कि हमें आपसे शिक्षक की भांति बहुत कुछ सीखने को मिला है। संयुक्त सचिव (प्रशासन) सर्वेश कुमार दुबे ने मुख्य अतिथि व अन्य आभार प्रकट किया तथा धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कार्यक्रम समापन की घोषणा की। आयोजन में बड़ी संख्या में अधिवक्ता उपस्थित रहे। संयुक्त सचिव (प्रेस) अमरेन्दु सिंह की विज्ञप्ति के अनुसार समारोह एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक कुमार सिंह की अध्यक्षता में हुआ। संचालन महासचिव नितिन शर्मा ने किया। प्रारंभ में एसोसिएशन के अध्यक्ष व महासचिव सहित कार्यक्रम में उपस्थित सभी पदाधिकारियों द्वारा चीफ जस्टिस केसरवानी का माल्यार्पण, पुष्पगुच्छ, अंगवस्त्रम व स्मृति चिन्ह भेंटकर स्वागत तथा अभिनंदन किया गया। संयुक्त सचिव (पुस्तकालय) अजय सिंह द्वारा न्यायमूर्ति का संक्षिप्त परिचय कराया गया।