फायरिंग से पहले दोनो पक्षों में सेजियादान के पैसे को लेकर हुआ था विवादचौकी में दी गई थी तहरीर पुलिस ने गंभीरता से नहीं लियातीर्थ पुरोहितों की दुनिया भी अजब गजब है. तीर्थ पुरोहित कस्टमर के एरिया का पूरा बहीखाता रखते हैं. हमारे आपके पास हो सकता है कि अपनी सात पीढिय़ों का डिटेल न हो लेकिन इनके पास होता है. यूपी बिहार ही नहीं देश के किसी भी कोने से आने वाले उस श्रद्धालु का होता है जो यहां पिंडदान कराने के लिए आता है. कोई एक-दूसरे का कस्टमर को टॅच नहीं करता. तीर्थ पुरोहितों का परिवार बड़ा हो गया तो वहां तिथि बांट दी गयी. यानी जो तिथि जिसके नाम आवंटित होगी उस तिथि को दान में आने वाला पूरा चढ़ावा उसी के पास जायेगा. इमानदारी की बुनियाद पर टिके इस कारोबार में सेंध लगने पर तीर्थ पुरोहित अपनो की जान लेने में बिल्कुल नहीं हिचकते. मंगलवार को हुई घटना के पीछे भी यही कारण निकलकर आया है. पुलिस की इंवेस्टिगेशन जारी है. आरोपितों के पकड़े जाने के बाद और डिटेल सामने आयेगा.

प्रयागराज (ब्यूरो)। तीर्थ पुरोहितों के बीच हर दिन का रोस्टर लागू होता है। रोस्टर में नियम है कि जिस दिन जिस पक्ष का नंबर होगा उस दिन आने वाले दान के पैसों के साथ चढ़ाये जाने वाले सामानों का असली मालिक भी वही होगा। रविवार को सेजियादान का कार्यक्रम था। उस दिन कर्मकांड कराने की बारी दयाशंकर पक्ष की थी। पीडि़त परिवार का आरोप है कि उनकी बारी होने के बावजूद हनुमान तिवारी पक्ष ने यजमान का सेजियादान करवाया और उससे पैसा ले लिया। इसी को लेकर उनके बीच विवाद हुआ। सोमवार को दयाशंकर के बड़े बेटे रामसखा ने अरैल चौकी पर तहरीर दी लेकिन कोई पुलिसकर्मी जांच को नहीं पहुंचा।
घर के सामने मारी गोली
मंगलवार दोपहर करीब 12 बजे आशीष बाग में कुछ युवकों के साथ मौजूद था। तभी हनुमान तिवारी समेत अन्य वहां पहुंचे और उन्होंने उसे ललकारा। खतरा महसूस होने पर वह भागने लगा। जैसे ही घर के सामने पहुंचा दूसरे पक्ष ने लाइसेंसी असलहों से फायरिंग शुरू कर दी। सिर में गोली लगते ही आशीष की मौके पर मौत हो गई। लवकुश के सीने और रामशंकर के सिर में को जख्मी करते हुए गोली निकल गई।

गाड़ी पर एमपी का नंबर
नैनी एरिया में अरैल सच्चा बाबा नगर, प्रयागवाली टोला में मंगलवार दोपहर हत्या की घटना को अंजाम देने के बाद तीनों हत्यारोपी असलहा लहराते हुए गली के बाहर निकले और वहीं से एक सफेद रंग की अपाचे बाइक से भाग निकले। उनके तेवर देखकर कोई उन्हें रोकने का साहस नहीं कर सका। बताया जाता है कि बाइक पर एमपी का रजिस्ट्रेशन नंबर था। सूचना मिलने पर पुलिस ने इस बाइक को पकडऩे के लिए घेराबंदी की लेकिन कोई नतीजा सामने नहीं आया। अरैल में तीर्थपुरोहित आशीष तिवारी उर्फ बऊवा की हत्या करने के बाद फरार हुए नामजद हनुमान तिवारी, शिव तिवारी व राजा मिश्रा को पकडऩे के लिए लगातार पुलिस की छह टीमें दबिश दे रहीं है।

मृतक के बड़े भाई रामसखा की तहरीर पर आरोपी हनुमान तिवारी उसका भाई शिव तिवारी व जीजा राजा मिश्रा के खिलाफ आईपीसी की धारा 302, 307 व अन्य दर्ज कराकर छह टीमें उनकी गिरफ्तारी के लिए लगाई गई हैं।
राजेश यादव, सीओ करछना

Posted By: Inextlive