रूस और यूक्रेन की जंग से प्रभावित मेडिकल स्टूडेंट्स की परेशानियां कम होने का नाम नही ले रही हैं. एक ओर दोनों देशों में अभी भी जंग छिड़ी है तो दूसरी ओर यूक्रेन के मेडिकल कॉलेजों से उन्हें बुलावा भेजा जाने लगा है. अब उनके सामने आगे कुआं और पीछे खाई वाली स्थिति बन गयी है. कॉलेज ने ऑनलाइन फीस भी जमा करा ली है. नया सत्र शुरू होने के बाद ऑनलाइन पढ़ाई का आप्शन दिया गया है लेकिन वह भी जानते हैं कि मेडिकल की पढ़ाई बिना पे्रेक्टिकल संभव नहीं है.

प्रयागराज (ब्‍यूरो)। युद्ध के हालात के चलते इस समय भारत और यूक्रेन के बीच हवाई उड़ानों पर रोक लगाई गई है। छात्रों का कहना है कि उनके पास पोलैंड, मालदोवा और रोमानिया के बार्डर से जाने का विकल्प है। लेकिन इसकी हिम्मत नही पड़ रही है। क्योंकि भारत सरकार ने किसी भी प्रकार की जिम्मेदारी लेने से इंकार कर दिया है। ऐसे में हजारों छात्रों को भविष्य में अधर में फंस गया है। इसमें प्रयागराज के भी 60 मेडिकल स्टूडेंंट शामिल हैं।

एक छात्र हो गया है रवाना
यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई करने वाले प्रयागराज के स्टूडेंट््स की संख्या 61 है।
इसमें से मुंडेरा का रहने श्रेयस त्रिपाठी शामिल है। वह यूक्रेन के लिवीव शहर की मेडिकल यूनिवर्सिटी का फोर्स ईयर का छात्र है और बुधवार को दिल्ली से इस्तांबुल के लिए उसने उड़ान भरी है।
उसके साथ बिहार, गुडग़ांव, दिल्ली के चार अन्य छात्र भी यूक्रेन रवाना हुआ है।
श्रेयस के पिता राजेश कहते हैं कि इस्तांबुल से वह फ्लाइट से मालदोवा जाएगा और वहां से वाया बस यूक्रेन बार्डर से इंट्री लेगा।
वह कहते हैं कि एक अक्टूबर से आफलाइन क्लासेज शुरू हो रही हैं और इसमें पार्टिसिपेट करना भी जरूरी है।
बिना प्रेक्टिकल उसकी मेडिकल की पढ़ाई पूरी होना मुश्किल है।

इनकी भी ऑफलाइन क्लासेज शुरू
जंघई के रहने वाले विशाल टर्नोपिल मेडिकल यूनिवर्सिटी में फाइनल ईयर के एमबीबीएस छात्र हैं। एक अक्टूबर से ऑफलाइन क्लास में शामिल होने का उन्हें भी बुलावा आया है। वह कहते हैं कि युद्ध के हालात में वहां जाना रिस्की है लेकिन पढ़ाई भी जरूरी है। ऐसे में क्या करें कुछ समझ नहीं आ रहा। यूक्रेन के युवानों शहर के मेडिकल कॉलेज के फोर्थ ईयर के छात्र रितिक दिवाकर भी असमंजस में हैं। वह कहते हैं कि ऑनलाइन पढ़ाई करना मजबूरी है। मेजा रोड के रहने वाले अमित मिश्रा की क्लासेज गुरुवार से स्टार्ट हो रही हैं। उनका भी फाइनल ईयर है। उनके लिए आफलाइन क्लासेज बेहद जरूरी हैं। लेकिन मजबूरी के चलते वह निकल नही पा रहे हैं।

आज होगी मामले की सुनवाई
बता दें कि मार्च में दोनों देशों के युद्ध के चलते सभी छात्र यूक्रेन से इंडिया आए थे। इसके बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में एकोमोडेशन की याचिका दाखिल की थी। जिस पर कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया था। इस याचिका में छात्रों ने देश के मेडिकल कॉलेजों में समायोजन की मांग की थी। इस मामले में 15 सितंबर यानी आज फिर से सुनवाई होनी है। जिसमें इन छात्रों को राहत मिलने की उम्मीद नजर आ रही है।

Posted By: Inextlive