अतीक ब्रदर्स के कत्ल से कराह रहा 'डिजिटल इंडिया
प्रयागराज (ब्यूरो)। मधवापुर के रहने वाले कौस्तुभ गुप्ता इलाहाबाद यूनवर्सिटी से ग्रेजुएशन कर रहे हैं। इस साल उनका फाइनल इयर है। यूनिवर्सिटी परीक्षा मोड में आ चुकी है तो छात्रों के पास भी अब आनलाइन ही क्लास अटेंड करने का ऑप्शन है। दो दिन से इंटरनेट सेवा बंद होने के चलते कौस्तुभ सोमवार को अपने घर मूल निवास चित्रकूट चले गये। कारण था इंटरनेट सेवा बंद होना। दो दिन से इंटरनेट सेवा बंद होने का इंपैक्ट पूरे आनलाइन मार्केट पर पड़ा है। सिनेमा हालों में टिकट बुक नहीं हो सके तो शो कैंसिल करना पड़ गया। आनलाइन वेरीफिकेशन के बाद ही सामान की डिलीवरी का ऑप्शन न मिलने से सामानों की डिलीवरी बंद हो गयी। अस्पताल की ओपीडी में पेशेंट को दिखाने के लिए लोग परेशान हो गये क्योंकि जिस एप से रजिस्ट्रेशन होना है वह इंटरनेट न होने से काम ही नहीं कर रहा था। इससे बिजनेस को भारी नुकसान होने का अंदेशा जताया जा रहा है।
रविवार सुबह से बंद है इंटरनेट
शनिवार की रात अतीक और अशरफ की गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी। इसके बाद कियास क्रिएट होने से बचाने और अफवाहें फैलने से रोकने के लिए जिलाधिकारी ने गृह मंत्रालय को चिट्ठी लिखी थी। इसमें दो दिन के लिए प्रयागराज में इंटरनेट बंद करने का आग्रह किया गया था। इसके आधार पर रविवार की सुबह से प्रयागराज में इंटरनेट सेवा पूरी तरह से बंद कर दी गयी है।
प्रयागराज में इंटरनेट सेवा बंद होने से पब्लिक को भले ही नुकसान हुआ हो, लेकिन इसका जबर्दस्त फायदा नेटवर्क प्रोवाइडर कंपनियों को हुआ है। कंपनियां हर दिन के हिसाब से पैसा डिडक्ट करती रहीं। यानी दो दिन में उन्होंने हर कस्टर से एक से लेकर ढाई जीबी तक डाटा बचाया है। इंटरनेट सेवा बंद होने से इस डाटा का इस्तेमाल लोग कर ही नहीं पाये। यह डाटा रिस्टोर होकर मिलने वाला भी नहीं है, भले ही यह बंदी प्रशासन के आग्रह पर की गयी हो। उधर, तमाम लोग ऐसे भी थे जो रीचार्ज नहीं करवा पाये। आनलाइन ही यह सुविधा होने के चलते तमाम लोगों के मोबाइल डिब्बा होकर रह गये।
कैसे करें डिलीवरी, वेरीफाई ही नहीं होगा
आनलाइन बिजनेस करने वाली कंपनियों ने माल सही उपभोक्ता तक ही पहुंचे इसके लिए वेरीफिकेशन का फॉर्मूला रखा है। यानी सामान की डिलीवरी के समय वेरीफिकेशन कोड तो मैजेस के थ्रू आएगा लेकर डिलीवरी ब्वॉय इसे आनलाइन ही फीड कर सकता है। इसका नतीजा यह हुआ कि पहले से बुकिंग वाला माल प्रयागराज पहुंच गया लेकिन उसकी डिलीवरी दो दिन से बंद है। यह स्थिति आनलाइन फूड डिलीवरी करने वाली कंपनियों के साथ भी था जो रेस्टोरेंट से लेकर आनलाइन दूसरे सामानों की डिलीवरी कराती हैं। ज्यादातर सिनेमा हालों में टिकटों की बिक्री आनलाइन ही की जाती है। विंडो टिकट भी आनलाइन कनेक्ट होने पर ही बिकता है। इसका नतीजा रहा कि सोमवार को भी मूवीज के शो नहीं चले।
विनय टंडन अध्यक्ष, चैंबर आफ कामर्स ये सभी काम हो गये प्रभावित
आनलाइन बुकिंग वाले सामानों की डिलीवरी नहीं हुई
रेस्टोरेंट का बिजनेस पचासी फीसदी तक प्रभावित हुई। आनलाइन डिलीवरी नहीं हुई
ओला, उबर, कैब आदि की बुकिंग नहीं हुई
ई-वे बिल नहीं बना तो कच्चे माल की सप्लाई रुक गयी
जनसेवा केंद्र का पूरा सिस्टम आनलाइन होने से कोई काम नहीं हुआ
आजकल तो व्यापारी भी आनलाइन ट्रांजैक्शन करने लगे हैं। दो दिन से इंटरनेट सेवा बंद होने से सैकड़ों करोड़ का बिजनेस प्रभावित हो गया है। बिजनेस का कोई सेक्टर ऐसा नहीं है जो इसके प्रभाव से अछूता रहा हो। आनलाइन पेमेंट की हैबिट के चलते पब्लिक ने भी मार्केट से दूरी बना ली।
महेंद्र गोयल प्रदेश अध्यक्ष, कैट
गवर्नमेंट की तरफ से बढ़ावा दिये और डीमैट एकाउंट पर चार्ज नॉमिनल कर दिये जाने के चलते तमाम लोग आजकल आनलाइन शेयर ट्रेडिंग करने लगे हैं। आनलाइन ट्रेडिंग के लिए कॉमन मैन अपने मोबाइल का ही इस्तेमाल करता है। इन लोगों के लिए सोमवार का ट्रेडिंग का दिन पूरी तरह से खाली चला गया। जो लोग ब्रोकर के सहारे यह काम करते हैं उन्होंने फोन से शेयर खरीदे बेचे लेकिन बड़ी जनसंख्या ऐसा करने से वंचित रह गयी। उसे तो यह भी पता नहीं चल पाया कि शेयर के दाम गिरने का उसकी मनी पर क्या असर पड़ा है। मुझे को दिल्ली जाने के लिए फ्लाइट पकडऩी थी। कैब का सहारा था। इंटरनेट बंद होने से मैं कैब बुक ही नहीं कर पाया। मजबूरी में ट्रेवल एजेंट को फोन करना पड़ा तो उसने कहा कि पेमेंट कैश ही करना होगा। मजबूरी में कैश भी अरेंज करना पड़ गया।
जयदीप
ट्रेन पकडऩी थी। सोचा था लाइव लोकेशन देखकर घर से निकलेंगे लेकिन इंटरनेट सेवा बंद होने से इससे वंचित हो गया। मजबूरी में ट्रेन के टाइम पर ही स्टेशन आना पड़ गया। अब यहां बैठकर ट्रेन का वेट कर रहा हूं। और कोई ऑप्शन भी नहीं है।
सरिता पाल
रिश्तों की दुनिया अब चैटिंग पर ज्यादा शिफ्ट हो गयी है। दो दिन से इंटरनेट सेवा बंद होने से सोशल मीडिया पर टाइम पास करने का ऑप्शन ही पब्लिक से छिन गया। अब करें क्या तो ज्यादातर लोगों ने रिलेटिव्स को फोन लगा लिया। कुछ इसी बात में खुश हो गये कि चलो लम्बे समय बाद ही सही इतनी लम्बी बात तो हुई।