नदियों में 'अवसादीकरण से जान को खतरा
प्रयागराज (ब्यूरो)। नदियों में पानी के अंदर 'अवसादीकरणÓ की प्रक्रिया से खतरा बढ़ गया है। पानी के अंदर अवसादी करण की यह प्रक्रिया चलती रहती है। इससे पानी के नीचे की सतह में बदलाव होते रहते हैं। नदी के अंदर सतह पर यही बदलाव खतरे का कारण बन गई है। थोड़ी सी चूक या लापरवाही गंगा और यमुना नदी में बड़े खतरे का कारण बन रही है।
जियोग्राफी के प्रोफेसर कहते हैं कि नदियों के अंदर इस परिवर्तन से लोगों को हमेशा अलर्ट रहने की जरूरत है। शनिवार को फिर गंगा नदी में वालीबाल खेल रहे करीब 17 वर्षीय छात्र रमन द्विवेदी और 17 वर्षीय कृष्णा मिश्रा के डूबने का कारण बन गई। फाफामऊ घाट पर हुई इस घटना की खबर से हड़कंप मच गया। एसडीआरएफ और जल पुलिस टीम गोताखोरों के साथ दोनों की तलाश में जुट गई। दिन भर सर्च ऑपरेशन चलाने के बावजूद दोनों का कुछ पता नहीं चल सका। हादसे से दोनों के परिवार में कोहराम मच गया। स्कूल के शिक्षक से लेकर मोहल्ले के तमाम लोगों की घाट पर पहुंच गए।
शांतिपुरम के हैं दोनों छात्र निवासी
फाफामऊ एरिया के शांतिपुरम सेक्टर-जी कॉलोनी निवासी शिवमूर्ति द्विवेदी हेड कांस्टेबल हैं। इन दिनों उनकी पोस्टिंग चंदौली जिले के बबूरी थाने पर है। बताते हैं कि बेटा रमन गुरुकुल मांटेसरी स्कूल में कक्षा 12वीं का स्टूडेंट है। पड़ोसी में रहने वाले लोकेश मिश्रा इलाहाबाद हाईकोर्ट के अधिवक्ता का पुत्र कृष्णा मिश्रा भी इंटर का छात्र है। दोनों एक ही स्कूल में और कक्षा में पढ़ाई करते हैं। लोगों की मानें तो रमन अपने दोस्त कृष्णा व अजीत, विपुल, सार्थक संग शनिवार सुबह गंगा के बेला कछार गया था। कछार में वे सभी क्रिकेट मैच खेले फिर गंगा में स्नान का प्लान बनाए। स्नान करते वक्त वे नदी में वालीबाल खेलने लगे। गंगा नदी में वाली बॉल खेलते-खेलते दोनों अचानक गहरे पानी में चले गए और डूबने लगे। दोनों को डूबते हुए देखकर साथ रहे दोस्तों ने शोर मचाना शुरू कर दिया। उनकी आवाज सुनकर आसपास रहे नाविक दौड़ पड़े। बचाने के लिए बगैर देर किए नाविक गंगा में छलांग लगा दिए। भरपूर प्रयास के बावजूद नाविक दोनों को डूबने से बचाने में असफल रहे।