प्रतियोगी छात्रों ने ऐलान तो पहले से ही कर दिया था. नाराज थे पांच साल बाद भी उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा करायी गयी भर्तियों की सीबीआई जांच का पांच साल बाद भी कोई निष्कर्ष न निकलने को लेकर. चाहते थे कि नई भर्तियों की प्रक्रिया को गति दी जाय. जिन भर्तियों के लिए अधियाचन मांगा जा चुका है उसका विज्ञापन निकालकर भर्ती प्रक्रिया शुरू की जाय. आह्वान किया था कि सभी प्रतियोगी संगम तट पर जुटें. प्रोग्राम था कि सामूहिक रूप से सिर मुंडवाकर सरकार का पिंडदान किया जाय. निर्धारित समय से आंदोलन का आगाज हो भी गया लेकिन पूर्णाहुति तक पहुंच नहीं पाया. इसके पहले ही पुलिस की इंट्री हो गयी. आधा सिर मुंडवा चुके छात्रों को पुलिस ने गिरफ्त में ले लिया.

प्रयागराज (ब्यूरो)। संगम पर पूर्व घोषित कार्यक्रम के अनुसार मुंडन कराने और सरकार का पिंडदान करने पहुंचे प्रतियागी छात्रों को पुलिस ने गुरुवार को हिरासत में ले लिया। पुलिस इन पर बल प्रयोग करने के भी मूड में थी। यही कारण था कि पुलिस ने सिर मुंडवा रहे छात्रों को उठाने का विरोध किया तो उन्हें लाठी दिखाकर खदेड़ दिया गया। यहां से उठाये गये तमाम छात्रों को दारागंज थाने में पहुंचा दिया गया था। देर शाम को इन सभी को थाने से ही छोड़ दिया गया। प्रतियोगियों ने इसे सरकार का दमनकारी रवैया करार दिया है। मुंडन कराते समय हिरासत में लिए गए प्रदर्शनकारी अनुपम पांडेय व आशुतोष पांडेय का कहना है कि सरकार 10-10 साल तक वेकेंसी क्लीयर नहीं कर पा रही है। पेपर आउट हो जा रहा है। आयोग में भ्रष्टाचार व्याप्त है। ऐसे में क्या प्रतियोगी सरकार के खिलाफ प्रदर्शन भी नहीं कर सकते।

सरकार दमन पर है उतारू
आंदोलन का आह्वान करने वाले प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के अध्यक्ष अवनीश पांडेय ने कहा कि हमारी मांगों पर विचार करने की बजाय इसे दबाने का प्रयास किया जा रहा है। सरकार इसे लेकर संवेदनशील नहीं है। हम जानना चाहते हैं कि पांच साल बाद भी सीबीआई यूपीपीएससी की भर्तियों की जांच पूरी क्यों नहीं कर पायी? इसी के लिए आज आंदोलन का आह्वान किया गया था। सरकार को पत्र लिखकर इच्छामृत्यु की मांग की गयी थी। पुलिस प्रतियोगि छात्रों को शांतिपूर्ण तरीके से विरोध-प्रदर्शन भी नहीं करने दे रही है।

एसआईटी का हो गठन
प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के मीडिया प्रभारी प्रशान्त पांडेय ने कहा कि सीबीआई को जांच सौंपने के बाद जांच एजेंसी को सहयोग नहीं किया गया। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के दोषी अधिकारियों और कर्मचारियों खलाफ कार्रवाई नहीं की गई। जिस एपीएस भर्ती की सीबीआई जांच कर रही है उन चयनितों का प्रमोशन हो रहा है। हमारी मांग है कि लोकसेवा आयोग की सीबीआई जांच के लिए एसआईटी का गठन किया जाए और लंबित जांच तेज की जाए। पिछले पांच सालों में सीबीआई जांच के नाम पर छात्रों को गुमराह किया गया। अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं की गई और न तो आयोग के भ्रष्टाचार में शामिल कर्मियों के विरुद्ध नामजद अभियोग पंजीकृत करने की अनुमति दी गई।

प्रतियोगी छात्रों की प्रमुख मागें
उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की रुकी भर्ती जल्द शुरू की जाए
माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड में व्याप्त भ्रष्टाचार पर तत्काल रोक लगाई जाये
आयोग में लगभग 22 भर्तियों के 30 हजार पद रिक्त हैं। इन सभी भर्तियों को तत्काल पूरा कराया जाय
ईडब्लूएस की उम्र सीमा में पांच साल की छूट प्रदान की जाए
लोकसेवा आयोग की जो भी भर्ती उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग को कराने के लिए हस्तांतरित किया गया है उन्हें वापस लोकसेवा आयोग को कराने की अनुमति दी जाए
सभी भर्तियों के विज्ञापन जारी होने से लेकर अन्तिम परिणाम तक का एक निश्चित समय निर्धारित हो। उसी समय के अन्दर सम्पूर्ण भर्ती प्रक्रिया पूर्ण कराई जाए
माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड की टीजीटी, पीजीटी की भर्ती प्रक्रिया सुचितापूर्ण तरीके से चालू कराया जाए
बोर्ड के अंदर के कर्मचारियों और नकल माफियाओं के विरुद्ध जांच कराकर कठोर कार्यवाही की जाय

प्रतियोगियों ने बिना किसी अनुमति के संगम क्षेत्र में मुंडन कराना शुरू किया था। यह नियम विरुद्ध है। लिहाजा प्रतियोगियों को प्रदर्शन से रोका गया है और उन्हें हिरासत में लिया गया है।
धर्मेंद्र कुमार दुबे
दारागंज थाना प्रभारी

Posted By: Inextlive