क्लब फुट के रोगी बच्चों का जीवन संवर सकता है. राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत कई बच्चों को निशुल्क इलाज व सर्जरी की जा रही है. जिससे जन्म से विकृत बच्चे सामान्य जीवन बिता सकें. डॉक्टर्स का कहना है कि लोगों में जागरुकता का संचार होना जरूरी है. इलाज संबंधी योजना के बारे में जानकारी होने पर लोग इसका लाभ ले सकते हैं.


प्रयागराज (ब्‍यूरो)। तेलियरगंज के अथर्व (11 माह) का जन्म से ही दोनों पैर मुड़ा था। महंगा इलाज सुनकर मायूस मां ने अथर्व की फोटो फेसबुक पर पोस्ट कर सुझाव मांगे। वहां क्लबफुट के बारे में जानकारी मिली। किसी ने बताया कि ऐसे ऑपरेशन राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) के अंतर्गत निशुल्क होते हैं। माता-पिता अगले दिन तेज बहादुर सप्रू चिकित्सालय पहुंचे। कुछ ही दिनों में वहां अथर्व का इलाज हो गया। अथर्व अब दीवार के सहारे खुद खड़ा होकर सामान्य बच्चों की तरह चल लेता है। मेजा की आर्या पाण्डेय के जन्म से ही पंजे मुड़े थे। कोरांव के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से उन्हें पता चला कि इस तरह के ऑपरेशन आबीएसके के अंतर्गत निशुल्क होते हैं। इसके बाद उसके घर वाले उसे तेज बहादुर सप्रू चिकित्सालय (बेली) लेकर पहुंचे। निशुल्क उपचार के बाद 11 माह की आर्या के पैर अब सामान्य बच्चियों की तरह हो चुके हैं।

8 हजार से अधिक रोगी चिंहित
अथर्व और आर्या तो सिर्फ बानगी भर है। ऐसे बहुत से बच्चे हैं जो आबीएसके के अन्तर्गत उपचार पाकर सामान्य जीवन जी रहे हैं। इस बारे में आरबीएसके नोडल निशा सोनकर ने बताया कि जिले में अप्रैल 2022 से जून माह तक 8222 बच्चे चिन्हित किए गए इनमें 7593 बच्चों के सामान्य रोगों का उपचार किया गया। अप्रैल 2022 से अगस्त तक 17 बच्चों की सफल सर्जरी की गयी है। ओपीडी में की जाती है पहचानमिराकल फीट फाउंडेशन के जिला कार्यक्रम अधिकारी विक्रांत विश्वास ने बताया कि बच्चे दिव्यांगता का दंश न झेलें इसे लेकर नेशनल हेल्थ मिशन के अंतर्गत राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम में सहयोगी संस्था मिराकल क्लब फुट क्लीनिक का संचालन कर रही है। इनकी टीम आंगनबाड़ी केंद्र व स्कूल में बच्चों को चिन्हित करती है। मंडलीय चिकित्सालय मोती लाल नेहरू (काल्विन) में इस समय 64 व तेज बहादुर सप्रू चिकित्सालय (बेली) में 63 क्लब फुट के बच्चों का इलाज चल रहा है। प्रत्येक गुरुवार को काल्विन व शनिवार को सप्रू अस्पताल में ओपीडी लगाकर आर्थोपेडिक सर्जन क्ल्ब फुट से पीडि़त बच्चों को देखते हैं।

Posted By: Inextlive