भौतिकता, कामना एवं वासना से विरक्त होने की प्रेरणा देता 'ब्रह्मचर्य धर्म
प्रयागराज ब्यूरो । दशलक्षण पर्व के आखिरी दिन गुरुवार को जैन मंदिरों में ब्रह्मचर्य दिवस का आयोजन किया गया। इस मौके पर श्रद्धालुओं ने 12 किलो का नारियल के रेशो से निर्मित विशेष लड्डू भगवान को समर्पित किया। इस मौके पर मुनी पावन सागर ने कहा कि ब्रह्मचर्य धर्म हमें सभी प्रकार के भौतिक सुखों, कामनाओं एवं वासना आदि व्यसनों से विरक्त होने की प्रेरणा देता है। यह धर्म कुशीलता से दूर रख शीलवान बनने के पथ पर अग्रसर करता है। जैन साधु-साध्वी अपने व्यवहारिक जीवन में इस धर्म का सख्ती से अनुपालन करते हैं, जबकि गृहस्थ जीवन जीने वाले श्रावक भौतिक सुखों से यथासंभव दूर रहते हुए अपनी पत्नी को छोड़ परस्त्री के साथ माता, बहन एवं बेटी की भांति व्यवहार करते हैं। उन्होंने कहा कि ब्रह्मचर्य धर्म का पालन करने वाले साधक को ब्रह्मांड के संपूर्ण ज्ञान एवं शक्ति की प्राप्ति होती है। इस दौरान श्रद्धालुओं ने कुत्सित व्यसनों से बचने का संकल्प लिया।वासुपूज्य का निर्वाण महोत्सव भी मना
लाला मुकुंदीलाल जैन मंदिर, लाला जानकीप्रसाद दिगंबर जैन मंदिर, बेनीगंज, कर्नलगंज, ऋषभदेव तपस्थली झूंसी, अंदावा स्थित जैन मंदिरो में एवं जीरो रोड स्थित दिगंबर जैन मंदिर में दसलक्षण पर्व के अंतिम दिन बड़े धूमधाम से उत्तम ब्रहाचार्य धर्म की आराधना की गयी। प्रात: भगवान का अभिषेक एवम शांतिधारा हुई। मुनि पावन सागर महाराज एवं सुभद्र सागर महाराज के सानिध्य में एवं पंडित सुनील जैन के निर्देशन में केसरिया वस्त्रों में जैन श्रद्धालुओ ने संगीतमय नित्य नियम पूजन, पर्व पूजन एवं दसलक्षण विधान किया। शांतिधारा एवं अभिषेक का सौभाग्य राहुल जैन, रोहन जैन एवं अरुण जैन को मिला। इस अवसर पर जैन धर्म के 12वें तीर्थंकर वासुपूज्य भगवान का निर्वाण महोत्सव भी मनाया। उपवास रखकर किया दानशुक्रवार को अनंत चतुर्दशी के दिन मंदिरो में दूर दराज के क्षेत्रों से काफी श्रद्धालु आते रहे। युवाओ एवं बच्चों ने भी बढ़ चढ़कर पूजन में हिस्सा लिया। आज के दिन जैन श्रद्धालु निर्जल उपवास करते है एवं मंदिरो मे दान करते हैं। जैन समाज की चारु जैन, पूनम जैन, हैप्पी जैन, पिंकी जैन, रीता जैन, संगीता जैन, साक्षी जैन, श्रुति जैन, हिना जैन ने 2 दिन, 3 दिन, 5 दिन एवं 10 दिनों को निर्जल उपवास किया। सायंकालीन सामूहिक आरती, भक्ति एवं अष्ट द्रव्य थाली सजाओ प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। 29 सितंबर को कर्नलगंज स्थित जैन मंदिर एवं 1 अक्टूबर को जीरो रोड स्थित लाला जानकी प्रसाद दिगंबर जैन मंदिर व बेनीगंज में क्षमावानी पर्र्व का आयोजन किया जायेगा।